11 March 2017

1075 दिल जीत नजर भीड़ नजर असर वादा मुस्कुरा रख आँख समंदर शायरी


1075
दिल जीत ले, वो नजर...
हम भी रखते हैं l
भीड़में नजर आये...
वो असर हम भी रखते हैं l
युँ तो वादा किया हैं किसीसे,
मुस्कुरानेका वरना…l
आँखोंमें समंदर,
हम भी रखते हैं ll

1074 सोंच महंगी चीज़ सस्ती सामान सम्मान शायरी


1074
सोंचे,
तब तक कमाओ जब तक,
महंगी चीज़ सस्ती ना लगे
चाहे वो सामान हो,
या सम्मान हो. . . 

1073 जीवन प्रारम्भ घबर पगले दुःख रोने शायरी


1073
क्यों घबराता हैं पगले,
दुःख होनेसे l
जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ हैं,
रोनेसे l

1072 देखी दरार आईने पता नहीं शीशा शायरी


1072
देखी हैं "दरार" आज मैने आईनेमें…
पता नहीं शीशा टुटा हुआ था...
या फिर..."मैं"...!

1071 दुनियाँ खोज काम बेहद मुश्किल शायरी


1071
दुनियाँका बेहद मुश्किल काम...
"अपनों " में से,
"अपनों " को खोजना…"!

10 March 2017

1070 रूला मुस्कुरा हँस सवाल खुशी शायरी


1070
रूलाकर उसने मुझसे कहां...
अब मुस्कुराओ !
मैं हँस पडा...
क्योकी सवाल हँसीका नहीं...
उसकी खुशीका था ......!!!

1069 कल रात ख्वाब आँख आँसू ठुकरा रुला शायरी


1069
"कल रात वो मिली ख्वाबमें,
हमने पूछा क्यों ठुकराया आपने,
जब देखा तो उनकी आँखोंमें भी आँसू थे,
फिर कैसे पूछता... क्यों रुलाया आपने ?"

1068 दिल आग महसूस जुदा वफ़ा खफ़ा शायरी


1068
आग दिलमें लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए !

1067 महफ़िल यार ख़बर ‪जिंदा‬ ‪वजह शायरी


1067
हम आते हैं "‪महफ़िल‬" में,
तो सिर्फ एक ही ‪वजहसे...
यारों‬को रहें ख़बर की,
अभी हम ‪जिंदा‬ हैं...!

1066 महफ़िल यार ख़बर ‪जिंदा‬ ‪वजह शायरी


1066
बहुत थे मेरे भी,
इस दुनियाँमें अपने,
फिर हुआ इश्क और...
हम लावारिस हो गए...!

8 March 2017

1065 दिल ख्याल साल हाल बदल शायरी


1065
तुझको लेकर मेरा ख्याल,
नहीं बदलेगा...
साल बदलेगा, मगर दिलका हाल,
नहीं बदलेगा l

1064 दिल सफ़र यार पैर थक शायरी


1064
एक सफ़र ऐसा भी,
होता हैं यारों,
जिसमें पैर नहीं...
दिल थक जाता हैं…!

1063 हँस गम छिपा लोग देख शायरी


1063
"मैं हँसता हूँ तो बस,
अपने गम छिपानेके लिए,…
और लोग देखके कहते हैं,
काश हम भी इसके जैसे होते….…"

1062 ज़िन्दगी दर्द मोहब्बत अलफ़ाज बयाँन तज़ुर्बा शायरी


1062
अलफ़ाजोंकी बयाँनगी,
बता रहीं आपकी... की,
ज़िन्दगीमें दर्द और मोहब्बतका,
तज़ुर्बा अच्छा हैं…

1061 हक रूठ अच्छा शायरी


1061
तुझसे रूठनेका,
हक हैं मुझको...
पर मुझसे तुम रूठो,
यह अच्छा नहीं लगता...l

1060 तजुर्बा काफी बयाँ इश्क़ दोबारा शायरी


1060
तजुर्बा एक ही काफी हैं,
बयाँ करनेके लिये;
मैने देखा ही नहीं ,
इश्क़ दोबारा करके

1058 ज़िन्दगी मोहब्बत रूठ वक़्त गँवा जरूरत शायरी


1059
ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम हैं,
मोहब्बतके लिए;
फिर एक दूसरेसे रूठकर,
वक़्त गँवानेकी जरूरत क्या हैं

1059 दिल दर्द खरीद मायूस कारोबार रोजगार हँसा शायरी


1059
हर मायूसको हँसानेका,
कारोबार हैं अपना…
दिलोंका दर्द खरीद लेते हैं
बस यहीं रोजगार हैं अपना…!!!

1057 ज़िन्दगी पढ़ कमबख्त पन्ना शायरी


1057
ज़िन्दगी…
जब भी लगा कि तुझे पढ़ लिया...
"कमबख्त तुने ज़िन्दगीका
एक और पन्ना खोल दिया...!"

1056 सिर्फ़ रिश्ते ख़त्म सही भ्रम शायरी


1056
" ना जाने कितने रिश्ते,
ख़त्म कर दिये इस भ्रमने,..!
कि मैं सही हूँ,
और सिर्फ़ मैं ही सही हूँ "...!!!