22 May 2017

1335


ये आप कहाँ घूमते हो यार

ये तो बस गम का है बाजार...

1334


अपनी तक़दीर में तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,

तो किसी ने अपना बना कर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333


वो अब पास से अनजान बनकर
गुज़र जाते है !
जो कभी हम को दूर से पहचान

लिया करते थे.......

1332


वैसे इतना हक़ तो बनता है मेरा तुम पर...!
बस...
यही दुआ है कि...

मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें ...

1331


इजाजत किसे दें दिल में आने की,
सब दरबाजे बन्द करलिये तेरे जाने के बाद;
गुलजार था जो गुलशन तुजे पाने के बाद,

बिरान है हबेली तेरे जाने के बाद...

21 May 2017

1330


“​ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया है उसका ग़म नहीं,
जो पाया है वह किसी से कम नहीं,
जो नहीं है वह एक ख्वाब हैं,

और जो है वह लाजवाब है…!"

1329


दिल करता है
तेरे दिल मे उतरकर देखू …….
कौन है उसमे जो,

मुझे बसने नही देता . . . !

1328


सांसों की जरूरत उन्हें होती हैं

जिन्हें पता होता है
की अब वो इस दुनिया से
रुक्षत होने वाले है…

1327


यह भी एक जमाना
देख लिया हमने,

दर्द जो अपना सुनाया तो
तालियां गूँज उठी महफ़िल में ।

1326


रहते हैं आस-पास ही
लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे

बस खाक नहीं होते|

20 May 2017

1325


मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है...!
मेरा तुझसे जुदा होना जरूरी हो गया है...
वफ़ा के तुज़ुर्बे करते हुए तो उम्र गुज़री है...

ज़रा सा बेवफा होना जरूरी हो गया है . . . !

1324


वजह की तलाश
न तब थी, न अब है . . .
बेवजह तुझे याद करना

आदत है मेरी . . . . . . .

1323


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,

हम खुद को न जलाते तो और क्या करते . . . !

1322


तुम खुश-किश्मत हो,
जो हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग,

इजाजत लेकर आते है।

1321


गम मिलते हैं तो,
और निखरती है शायरी,
बात यह है तो...

सारे जमाने का शुक्रिया l

19 May 2017

1320


जो कहती थी के तू न मिला . . .
तो मर जाएंगे हम...,

वो आज भी ज़िंदा है,
ये बात किसी और से कहने के लिए . . . !

1318 गुनाह सजा बेवफा कबूल शायरी


हर गुनाह कबूल है हमें,
    "बस..."      
सजा देने वाला,
बेवफा न हो...!

1319


ना कर गिला मेरे बहते अश्को का,
मेरे दिल को सभी ने रुलाया है,
न ढूंढो मेरे दिल के किताब में खुशियों का पन्ना...

हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया है...

1317


दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा;
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;

पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।

1316


कितनी अजीब है
मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारो अपने है

मगर याद तुम ही आते हो…