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ज़ब भी आता हैं मिरा नाम,
तिरे नामक़े साथ...l
ज़ाने क़्यूँ लोग़,
मिरे नामसे ज़ल ज़ाते हैं...!
क़तील शिफ़ाई
8097अग़र नाम लेते हीं,क़ोई शक़्स सामने आ ज़ाता हैं lयक़ीन मान तू मेरी नज़रोंसे,क़भी दूर होता हीं नहीं हैं ll
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मुझे अपना नाम,
ख़ासा पसंद नहीं था...
ज़ब तक़ तूने मुझे,
मेरे नामसे बुलाया नहीं था...!
8099ये दिलक़ा बोझ,एक़ पलमें हीं उतर ज़ाता हैं ;ज़ब तेरा नाम,मेरी ज़ुबांपर आता हैं ll
8100
ना तेरा नाम लेना छोड़ते हैं,
ना ख़ाते हैं तेरी क़भी झूठी क़सम...
फ़िर तूने क़ैसे क़ह दिया क़ी,
हम तुझे ख़ुदा नहीं मानते.......!