8071
अज़ीबसी चुभन होती हैं,
ज़ब क़ोई आपक़ा नाम लेता हैं...
मेरे सिवा.......
8072दिल दुख़ानेक़ा क़ाम छोड़ दो,मेरे नाम क़ोई तो पैग़ाम छोड़ दो lवफ़ा क़र नहीं सक़ते तो ना ही सहीं,लेना महफ़िलमें मेरा नाम छोड़ दो ll
8073
क़र सितम ज़ितने भी मग़र...
इस दिलमें धड़क़न तेरे नामक़ी होग़ी l
अधूरी ख़्वाहिश तो बहुतसी हैं मग़र...
आख़िरी ख़्वाहिश तेरे दीदारक़ी होग़ी ll
8074आज़ सोचा क़ी,क़ुछ तेरे नामक़े सिवा सोचूँ...तभीसे सोच रहा हूँ,भला और क़्या सोचूँ.......!!!
8075
तू बता क़्यों ना ये दिल,
ज़लक़र ख़ाक़ हो ज़ायें...
अग़र क़िसी ग़ैरक़े लबोंपर,
तेरा नाम आ ज़ायें.......
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