1 January 2022

8036 - 8040 होठ दिल मोहब्बत मेहँदी महफ़िल ग़ज़ल इल्ज़ाम क़ीमत धाग़ा क़फ़न नाम शायरी

 

8036
क़रता हूँ तुमसे मोहब्बत,
मरनेपर इल्ज़ाम होग़ा...
क़फ़न उठाक़े देख़ना,
होठोंपर तेरा नाम होग़ा...!!!

8037
क़िसी ग़ज़लसा,
लग़ता हैं नाम तुम्हारा...
देख़ो तुम्हें याद क़रते क़रते,
हम शायर बन ग़ए.......

8038
महफ़िलमें लोग़ चौंक़ पड़े,
मेरे नामपर...
तुम मुस्क़ुरा दिए,
मिरी क़ीमत यहीं तो हैं...!
हाशिम रज़ा ज़लालपुरी

8039
धाग़ा ख़त्म हो ग़या था,
मन्नतोमें तुम्हे मांग़क़र...
दिल बांध आये अबक़ी बार,
तुम्हारे नामपर.......

8040
मेहँदी लग़ा लो,
उसक़े नामक़ी...!
ज़ो मोहब्बत,
हो आपक़ी.......!!!

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