8061
इज़ाज़त हो तो,
तेरा नाम लिख़ लूँ...
मिरे दिलक़ा वरक़,
सादा हैं अब तक़.......!
8062क़ुछ तो स्वाद अलग़ ही हैं,तेरे नामक़ा...!क़ी क़म्बख्त ये ज़ुबांसे,उतरता ही नहीं.......!!!
8063
तेरे इश्क़में क़ुछ इस तरह,
मैं नीलाम हो ज़ाऊँ...
आख़िरी हो तेरी बोली,
और मैं तेरे नाम हो जाऊँ...
8064तेरे नाम याद क़रनेसे ही,दर्द उठता हैं दिलमें...तेरा नाम लेनेसे ही,दिलक़ो सुक़ून भी मिलता हैं...
8065
क़्यों ना वो क़रे,
खुदपर ग़ुमान...
धड़क़ने बढ़ती हैं,
सुनक़र ज़िसक़ा नाम...!
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