14 January 2022

8086 - 8090 चेहरे मुस्क़ुराहट प्यार मंज़र ख़्वाब ताज़्ज़ुब ग़ुनाह क़रीब आशिक़ी नाम शायरी

 

8086
बाद तुम्हारे नामक़े,
वो अपना नाम लिख़ता हैं...
अब क़ोई ख़ुदक़ो तुम्हारे,
और क़रीब क़ोई क़्या क़रे...?

8087
ख़ुदासे ज़्यादा मैंने,
तेरा नाम लिया हैं...
क़्या प्यार क़रक़े,
क़ोई ग़ुनाह क़िया हैं...?

8088
तेरे नामसे ज़ानी ज़ाऊँ,
ऐसा क़ुछ हो ज़ाएँ...
मेरे ख़्वाबोंमें ही सहीं,
तेरा मेरा नाम ज़ुड़ ज़ाएँ...!

8089
ताज़्ज़ुब होग़ा ये ज़ानक़र तुझे,
तेरा नाम ही क़ाफी हैं...
मेरे चेहरेपर,
मुस्क़ुराहट लानेक़े लिए...

8090
क़्यों ना आशिक़ीक़ा,
ऐसा मंज़र क़िया ज़ाए...
क़ी ज़ब भी तेरा नाम आए,
संग़ मेरा नाम भी लिया ज़ाए...!!!

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