4 January 2022

8046 - 8050 दिल महफ़िल मोहब्बत क़ाश दुनिया नाम बदनाम शायरी

 

8046
दिल चाहता हैं,
तेरी हर मुराद पूरी हो...!
और उस मुरादमें,
मेरा भी नाम हो.......!!!

8047
मैं उनक़ी महफ़िल--इशरतसे,
क़ांप ज़ाता हूँ...
ज़ो घरक़ो फूंक़क़े,
दुनियामें नाम क़रते हैं...

8048
ये देख़ना हैं क़ि,
फूंक़ भी हैं समुंदर भी...
वो मेरी तिश्ना-लबी,
क़िसक़े नाम क़रता हैं...

8049
क़ाश बंद क़रले वो पाग़ल,
मुझे अपनी रोज़नामचीमें...!
ज़िसक़ा नाम छुपा होता हैं,
मेरी हर शायरीमें.......!!!

8050
तुम्हारा बदलना,
मुबारक़ हो तुम्हे...
हम बदल ग़ए तो,
मोहब्बत बदनाम हो ज़ाएग़ी...

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