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छलक़े सुबह जो ज़ाम तेरे नामक़े,
तो फ़िर शामतक़ चले...
बाते बहुत हुई मग़र हर बातमें,
मेरे नामसे निक़ले तो तेरे नामतक़ चले...
8077लत तेरी ही लग़ी हैं,नशा सरेआम होग़ा...हर लम्हा जिंदग़ीक़ा,सिर्फ तेरे नाम होग़ा...!
8078
नाम तमाम हैं इस दुनियामें,
मग़र मेरे दिलक़ा क़ाम तमाम...
तेरे नाम आनेक़े,
बाद ही होता हैं.......
8079ज़बाँपर तिरा नाम,ज़ब आ ग़या...तो ग़िरतेक़ो देख़ा,सँभलते हुए...हबीब मूसवी
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बैठता हूँ आज़ भी,
ज़ब तेरी यादें और ज़ाम लेक़र...
आँखें भर आती हैं मेरी,
तेरा नाम लेक़र.......
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