12 February 2018

2346 - 2350 फ़साना फासले क़र्ज़ मर्ज़ी ज़िन्दगी क़दम रिश्ते तीलियाँ शायरी



2346
"खुल जाती हैं गांठें सारी,
बस जरासे जतनसे...!
मगर लोग कैचियाँ चलाकर,
सारा फ़साना बदल देते हैं...!"

2347
फासले इस कदर,
आज हैं रिश्तोंमें,
जैसे कोई क़र्ज़ चुका रहा हो,
किस्तोमें.......!

2348
अपनी मर्ज़ीसे भी,
दो चार क़दम चलने दे ज़िन्दगी...l
हम तेरे कहनेपें,
चले हैं बरसों...ll

2349
धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा हैं...
लोग भी... रिश्ते भी...
और कभी कभी,
हम खुद भी.......

2350
एक जैसी ही दिखती थी,
माचिसकी वो तीलियाँ...
“कुछने दिये जलाये”
और कुछने घर...”

11 February 2018

2341 - 2345 दिल मंजिले खुशनसीब हासिल दीवाने सफर बेपरवाह परवाह प्यार खुशियाँ दर्द यकीन उजाले शायरी


2341
मंजिले तो,
खुशनसीब लोगोंको हासिल हो गयीं...
हम तो दीवाने थे,
सफरमें ही रह गयें...!

2342
बेपरवाह हो जाते हैं,
अक्सर वो लोग सभी,
जिनकी हम खुदसे ज्यादा,
परवाह करने लगें।

2343
जब प्यार किसीसे,
हदसे ज्यादा होने लगे...!
तो वो प्यार खुशियोंसे ज्यादा...
दर्द देने लगता हैं.......

2344
मैं कड़ी धुपमें चलता हूँ,
इस यकीनके साथ,
मैं जलुंगा तभी तो,
मेरे घरमें उजाले होंगे !

2345
कैसा अजीब रिश्ता हैं ये...
दिल आजभी धोखेमें हैं...
और
धोखेबाज आजभी दिलमें...!

10 February 2018

2336 - 2340 दिल जिन्दगी फासले नज़दीकियाँ हक़ीक़त मुनासिब मुक्कमल एहसास करीब आदत शायरी


2336
कुछ फासले ऐसे भी होते हैं जनाब...
जो तय तो नहीं होते,
मगर...
नज़दीकियाँ कमालकी रखते हैं...!

2337
पलकोंका भीगना,
यूँ ही नहीं होता,
बहुत गहरेसे दिलमें,
कोई समाया होता हैं...

2338
ना जाने क्यों रेतकी तरह,
निकल जाते हैं हाथोंसे वो लोग...
जिन्हें जिन्दगी समझकर हम,
कभी खोना नहीं चाहते.......!

2339
ख्वाबोंको जीने दो,
बिना सरहदोंके ही,
जो हक़ीक़तमें ना मुनासिब हो,
वो ख़्वाबमें तो मुक्कमल हैं....!

2340
क्यूँ दिलके करीब आ जाता हैं कोई,
क्यूँ दिलके एहसासको छू जाता हैं कोई,
जब आदतसी हो जाती हैं दिलको उसकी,
क्यूँ इतनी दूर चला जाता  कोई...

2331 - 2335 प्यार मोहब्बत जिन्दगी समझ हक जान दुश्मन कमबख्त बात शिकायते तड़प चाहत इंतजार शायरी


2331
जो हमे समझ ही नहीं सका,
उसे हक हैं हमें बुरा समझनेका...
जो हमको जान लेता हैं,
वो हमपर जान देता हैं.......

2332
दोस्तोसे अच्छे तो,
मेरे दुश्मन निकले l
कमबख्त हर बातपर कहते हैं कि,
तुझे छोडेंगे नहीं.......

2333
चाहे लाख शिकायते हो उनसे,
लेकिन.......,
वो जरासा हाल पूछ ले तो,
हम सब भूल जाते हैं...!

2334
"तड़पके देखो किसीकी चाहतमें, तो पता चलेगा,
कि इंतजार क्या होता हैं...
यूँ ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता हैं...

2335
चुपचाप गुजार देंगे,
अपनी पूरी जिन्दगी तेरे बिना...
लोगोंको भी बता देंगे कि,
"मोहब्बत" ऐसे भी होती हैं...

9 February 2018

2326 - 2330 दिल प्यार मोहब्बत दुनियाँ जख्म शिद्दत मजाक पल अकेला उम्मीद दर्द नजर हमदर्दी खुशबू पत्थर खत राख शायरी


2326
जानेको तो दुर हम भी जा सकते हैं,
एक पलमें तुमसे,
पर तुम्हारा साथ इसलिए नहीं छोडते,
क्युकी तुम्हे अकेला देखकर,
मुझे भी अपना दर्द नजर आया था...

2327
उम्मीद न कर इस दुनियाँमें,
किसीसे हमदर्दी की।
बड़े प्यारसे जख्म देते हैं,
शिद्दतसे चाहने वाले।

2328
राखसे भी आएगी,
खुशबू मोहब्बतकी;
मेरे खत आप सरेआम,
जलाया ना करो...

2329
"वाकई पत्थरदिल ही होते हैं शायर !
"वर्ना अपनी "आह" पर...
"वाह" सुनना कोई मजाक नहीं . . . !

2330
टूटता हुआ तारा,
सबकी दुआ पूरी करता हैं...
क्योंके उसे टूटनेका दर्द...,
मालूम होता हैं !!!

8 February 2018

2321 - 2325 इश्क ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा दफ़ा डर फिक्र लफ़्ज़ चिंगारियाँ नज़ममें बंदगी फसाने आँसू शायरी


2321
लगता हैं, 
आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा हैं,
चलिए छोड़िये,
कौनसा पहली दफ़ा हैं...

2322
किसीको खोनेका डर होना.....
" इश्क नहीं ";
किसीको खोनेके डरसे बेफिक्र होना.....
इश्क हैं ".......
2323
कागज़पर गिरते ही फूटे लफ़्ज़ कई
कुछ धुआँ उठा... चिंगारियाँ कुछ
इक नज़ममें फिरसे आग लगी !
जलते शहरमें बैठा शायर
इससे ज़यादा करे भी क्या?
लफ़्ज़ोंसे आग नहीं बुझती
नज़मोंसे ज़ख्म नहीं भरते......!
                                        गुलजार

2324
बंदगीके मुझे,
आते हैं सलीके सारे...
तुमको फुरसत ही नहीं...
मेरा खुदा होनेकी !!!

2325
सोचा ही नहीं था...
ज़िन्दगी में ऐसे भी फसाने होंगे.....
रोना भी जरुरी होगा ,
आँसू भी छुपाने होंगे.....!

6 February 2018

2316 - 2320 दिल प्यार मतलब कत्ल लकीर बात इंतज़ार हिस्से अधुरा सपना सच्चा ख़ामोशी अलफ़ाज़ हिसाब शायरी


2316
“कुछ मतलबके लिए ढूँढते हैं मुझको,
बिन मतलब जो आए तो क्या बात हैं,
कत्ल करके तो सब ले जाएँगे दिल मेरा,
कोई बातोंसे ले जाए तो क्या बात हैं...!

2317
क्या बटवारा था हाथकी लकीरोंका भी...
उसके हिस्सेमें प्यार,
और
मेरे हिस्सेमें इंतज़ार.......

2318
हर सपना खुशीका पूरा नहीं होता,
कोई किसीके बिना अधुरा नहीं होता,
जो रोशन करता हैं सब रातोंको,
वो चाँद भी तो हर बार पूरा नहीं होता...

2319
"तू किसी धुंदले अँधेरे रास्तेपर,
जला दे एक चिराग...
तेरी शोहरतका उजाला,
दूर तलक हो जाएगा".....

2320
सच्चाई बस मेरी ख़ामोशीमें हैं,
अलफ़ाज़ तो मैं,
लोगोंके हिसाबसे बदल लेता हूँ...

5 February 2018

2311 - 2315 प्यार मोहब्बत दिल इंतज़ार नज़रे इज़हार याद अदा ख्वाब तकसीम तमाशा आँख शख्स इजाजत शायरी


2311
इंतज़ार हैं हमे आपके आनेका,
वो नज़रे मिलाके नज़रे चुरानेका,
मत पूछ ए सनम दिलका आलम क्या हैं,
इंतज़ार हैं बस तुझमे सिमट जानेका...

2312
कब उनकी पलकोंसे इज़हार होगा;
दिलके किसी कोनेमें हमारे लिए प्यार होगा;
गुज़र रही हैं रात उनकी यादमें;
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा ! 

2313
बात कोई और होती,
तो हम कह भी देते….!
कम्बखत मोहब्बत हैं,
बताया भी नहीं जाता.......!

2314
अदा हैं, ख्वाब हैं,
तकसीम हैं, तमाशा हैं,
मेरी इन आँखोंमें...
एक शख्स बेतहाशा हैं।

2315
फना होनेकी इजाजत,
ली नहीं जाती l
ये मोहब्बत हैं जनाब...
पूछके नहीं की जाती ll

4 February 2018

2306 - 2310 मोहब्बत जिन्दगी भरोसेपें मुश्किल शक याद गम दर्द मज़ा उम्र फर्क लहजे शायरी


2306
लोगोंके पास बहुत कुछ हैं,
मगर, मुश्किल यहीं हैं कि...
भरोसेपें शक हैं, और
अपने शकपें भरोसा हैं.......!

2307
सुना हैं कि तुम रातोंको,
देर तक जागते हो,
यादोंके मारे हो या,
मोहब्बतमें हारे हो...।

2308
जिन्दगीमें गम हैं,
गममें दर्द हैं,
दर्दमें मज़ा हैं....
और
मजेमें हम हैं.......!

2309
"क्या लिखूँ ,
अपनी जिंदगीके बारेमें, दोस्तों...
वो लोग ही बिछड़ गए,
'जो जिंदगी हुआ करते थे . . . !

2310
"उम्रमें ओहदेमें कौन कितना बड़ा हैं,
फर्क नहीं पड़ता...
लहजेमें कौन कितना झुकता हैं,
फर्क ये पड़ता हैं.......!!!"

2301 - 2305 दुनियाँ अजीब मुलाकात मतलब ज़रूरत खूबसरत आँख आँसू तमन्ना याद अदा गम शायरी


2301
बडी अजीब मुलाकातें होती थी हमारी...
वो किसी मतलबसे मिलते थे और
हमे तो सिर्फ मिलनेसे मतलब था.....

2302
हसरत हैं सिर्फ़ तुम्हे पानेकी,
और कोई ख्वाईश नहीं इस दीवानेकी,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदासे हैं,
क्या ज़रूरत थी तुम्हे इतना खूबसरत बनानेकी...

2303
एक दिन जब हम दुनियाँसे चले जाएंगे,
मत सोचना आपको भुल जाएंगे,
बस एक बार आसमानकी तरफ देख लेना,
मेरे आँसू बारीश बनके बरस जाएंगे...

2304
यह आरजू नहीं कि
किसीको भुलाएं हम,
न तमन्ना हैं कि
किसीको रुलाएं हम,
दुवा तो बस इतनीसी हैं के
जिसको जितना याद करते हैं,
उसे भी उतना याद आयें हम !

2305
यादोंमें हमारी वो भी खोये होंगे,
खुली आँखोंसे कभी वो भी सोये होंगे,
माना हसना हैं अदा गम छुपानेकी,
पर हसते हसते कभी वो भी रोए होंगे...

2 February 2018

2296 - 2300 दिल जिन्दगी पत्थर उदास याद गली मजबूर उदास बात मुलाक़ात वक़्त तलाश शायरी


2296
मत फेंक पत्थर पानीमें,
उसे भी कोई पीता हैं
मत रहो यूँ उदास जिन्दगीमें,
तुम्हे देखकर भी कोई जीता हैं

2297
"उजाले अपनी यादोंको,
हमारे साथ रहने दो...
न जाने किस गलीमें,
जिन्दगीकी शाम हो जाये"...!

2298
जिंदगी तो बचपनमें,
जिया करते थे,
अब तो मजबूर जिंदगी,
गुजरी जा रही हैं !

2299
उनकी ओर जाती...
हर हवासे कहते हैं हम.....
जरा उनको कह देना,
उन्हे बहुत याद करते हैं हम.......

2300
जब दिल उदास हो हमसे बात कर लेना,
जब दिल चाहे मुलाक़ात कर लेना,
रहते हैं आपके दिलके किसी कोनेमें,
वक़्त मिले तो तलाश कर लेना...

2291 - 2295 दिल मोहब्बत याद मासूमियत चेहरे छुप इबादत यार सुकून लफ्ज ज़माने नींद शायरी


2291
आज आई हैं मेरी याद उसे,
ज़रूर किसीने ठुकराया होगा.......!

2292
न जाने क्या मासूमियत हैं तेरे चेहरेपर...
तेरे सामने आनेसे ज़्यादा...
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता हैं...!

2293
अब तेरी इबादत करनेको,
दिल नहीं करता ए खुदा....
तेरी मस्जिदमें वो सुकून नहीं,
जो मेरी यारकी बाहोमें हैं...!

2294
दो लफ्ज उनको...
सुनानेके लिये...
हजार शब्द लिखे...
ज़मानेके लिये.......

2295
तेरी यादोंसे मोहब्बत क्या कर ली ,
नींद तो बुरा ही मान गयी...!