5616
परेशाँ हैं वो,
झूठा इश़्क करके...
वफ़ा करनेकी,
नौबत आ गई
हैं...!
5617
शायरीसे
इस्तीफ़ा दे रहा
हूँ,
किसी बेवफ़ाने...
फिर वफ़ाका,
वादा किया हैं...!
5618
जानता हूँ मैं,
अभी भी चाहती
हैं मुझे;
ज़िद्दी
हैं वो थोड़ीसी,
मगर बेवफ़ा नहीं...
5619
जब तक न
लगे,
बेवफ़ाईकी
ठोकर...
हर किसीको,
अपनी पसंदपर नाज़ होता
हैं।
5620
हिचकियोंमें,
वफ़ा ढूंढ रहा
था;
कंबख्त वो भी
ग़ुम हो गई,
दो घूंट पानीमें.......