6 March 2020

5566 - 5570 नाराज तरीके रूठ ग़म दुनिया धूप फर्क मुस्कुरा शायरी


5566
बदल दिए हैं हमने,
अब नाराज होनेके तरीके...
रूठनेकी बजाय,
बस हलकेसे मुस्कुरा देते हैं...!

5567
मुस्कुराते इंसानकी,
कभी जेबें टटोलना...
हो सकता हैं,
रुमाल गीला मिले...

5568
ग़मोकी धूपमें भी,
मुस्कुराकर चलना पड़ता हैं;
ये दुनिया हैं यहाँ,
चेहरा सजाकर चलना पड़ता हैं ll

5569
रुठनेका हक़ तो,
अपने ही देते हैं...
परायोंके सामने तो,
मुस्कुराना ही पड़ता हैं...!

5570
मुस्कुराना पसंद हैं,
फिर.......
हमारा हो या तुम्हारा !
फर्क क्या पढता हैं...!!!

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