5566
बदल दिए हैं
हमने,
अब नाराज होनेके तरीके...
रूठनेकी
बजाय,
बस हलकेसे मुस्कुरा देते
हैं...!
5567
मुस्कुराते
इंसानकी,
कभी
जेबें टटोलना...
हो सकता हैं,
रुमाल गीला मिले...
5568
ग़मोकी धूपमें भी,
मुस्कुराकर
चलना पड़ता हैं;
ये दुनिया हैं यहाँ,
चेहरा सजाकर चलना पड़ता
हैं ll
5569
रुठनेका
हक़ तो,
अपने ही देते हैं...
परायोंके
सामने तो,
मुस्कुराना
ही पड़ता हैं...!
5570
मुस्कुराना
पसंद हैं,
फिर.......
हमारा हो या
तुम्हारा !
फर्क क्या पढता
हैं...!!!
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