31 March 2020

5666 - 5670 दिल वजह सुंदर गलती नकाब लफ्ज़ दुनिया वफा गवाही अदा सितारे चाँद शायरी


5666
मत पुछ मेरे जागनेकी वजह,
-चाँद...
तेरी ही हमशक्ल हैं वो,
जो मुझे सोने नहीं देती...!

5667
बात चली चाँदसे सुंदर कौन हैं...
हम गलतीसे गुलाब कह बैठे;
झुंझलाए वो इस कदर,
झटकेसे नकाब उठा बैठे...!

5668
कहाँसे लाऊँ वो लफ्ज़,
जो सिर्फ तुझे सुनाई दे...
दुनिया देखे अपने चाँदको,
मुझे बस तू ही दिखाई दे...!

5669
मेरी वफाकी गवाही,
सितारे देते रहें...
बस मेरे चाँदको ही,
मुझपें यकीन ना आया...

5670
एक अदा आपकी दिल चुरानेकी,
एक अदा आपकी दिलमें बस जानेकी...
चेहरा आपका चाँद और,
जिद हमारी चाँदको पानेकी.......!

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