19 March 2020

5626 - 5630 दिल नशा इश्क होश ख्याल वाकिफ उसूल वादे खफ़ा वफ़ा शायरी


5626
दो दिलोंके दरमियान,
एक नशा हैं इश्क...
जिसे पहले होश आए,
उसे बेवफ़ा कहते हैं...

5627
तेरा ख्याल दिलसे,
मिटाया नहीं अभी...
बेवफ़ा मैंने तुझको,
भुलाया नहीं अभी...

5628
वो बेवफ़ाईके उसूलोसे,
वाकिफ नहीं हैं...
बिछड़नेके बाद,
ख़ैरियत नहीं पूछी जाती...

5629
बेकार ही में हम,
तुमसें खफ़ा होते हैं;
कब पुरे तुमसें,
वादे वफ़ाके होते हैं...

5630
चलो यूँ ही सही,
हम बेवफ़ा हैं...
मगर ये तो बताएँ,
आप क्या हैं.......?

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