12 July 2016

375 दिल याद दर्द ताजा मुलाकात वक्त तकाज़ा गज़ल जुदाई बातें बीती हकीकत अंदाजा शायरी

 Hakiquat, Truth

हर मुलाकातपर वक्तका तकाज़ा हुआ,
हर यादपें दिलका दर्द ताजा हुआ,
सुनी थी सिर्फ हमने गज़लोंमें जुदाईकी बातें,
अब खुदपें बीती तो हकीकतका अंदाजा हुआ...

In every meeting there was accounting of Time,
In every memory there was stimulation of Pain,
I had heard the Word of Separation in Poems,
The perception of Truth is realized with own Experience...


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