13 July 2016

379 जुल्म हुनर आजमा जुल्म सहा कहला जालिम शायरी


379

Jaalim, Oppresor

जुल्मके सारे हुनर,
हमपर यूँ आजमाये गये...
जुल्म भी सहा हमने और,
जालिम भी कहलाये गये !!

All the tactics of Cruelty,
Tried on me in the way...
That I Suffered the Cruelty,
And called as Oppressor !!


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