18 July 2016

397 खुश मुस्कुरा अजीब सजा यार साथ छोड़ अकेले शायरी


397

Akele, Lonely

मुस्कुरानेकी भी यारों,
क्या अजीब सजा मिली हैं,
साथ छोड़ दिया सबने,
यह कहकर की तुम...
अकेले भी खुश रहते हो...!

What a Strange Punishment I Get,
because of Smiling,
Everybody left me,
And said...
Your Loneliness is Your Happiness...!

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