11 July 2016

369 दिल रूठे मनाने गैर दर्द सुना मंज़िल करीब गुज़र रास्ता दिखा शायरी


369

Manzil, Destiny

हम रूठे दिलोंको मनानेमें रह गए;
गैरोंको अपना दर्द सुनानेमें रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीबसे गुज़र गयी;
हम दूसरोंको रास्ता दिखानेमें रह गए...

We tend to Persuading Sulking Hearts;
Tend to impart my pains to unknowns;
Destiny passed away nearing me;
We left giving directions to others...

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