27 July 2016

436 मोहब्बत मौत मरना शौक गुनाह ज़माने यार तलब शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


436

Talab, Request

तलब मौतकी करना,
गुनाह हैं ज़मानेमें यारो,
मरनेका शौक हैं,
तो मोहब्बत क्यों नहीं करते

Request for the Death,
Is a Fault in this Life,
If you are fond of Death,
Why don't you fall in Love...

No comments:

Post a Comment