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Tameej, Manners
बचपनमें जब
चाहा हस लेते
थे...
जहाँ चाहा वहां
रो सकते थे...
अब मुस्कानको तमीज़ चाहिए...
और अश्कोंको तन्हाई.....
Whenever wished we laughed in Childhood...
Wherever wished we Cried...
Now Smile requires Manners...
And Loneliness for Weeps.....
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