15 July 2016

387 कुदरत नजर बदल अफसोस शायरी


387

Afsos, Regret

नजरें तो बदलेंगगी ही,
ये तो कुदरत हैं,
अफसोस तो हमें हैं...
तेरे बदलनेका...

Eyes are going to change,
It is Natural,
Regret I have...
Is the Change in You...

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