3 July 2016

333 गुनाह अनजाने पत्थर फूल कत्ल शायरी


333

कत्ल, Massacre

गुनाह कुछ हमसे हो गए,
यूँ अनजानेमें,
फूलोंका कत्ल कर दिया,
पत्थरको मनानेमें।

I Committed few Mistakes,
Unknowingly,
I massacred Flowers,
to accustom stone heart.

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