21 July 2016

415 अक्सर देख रूठ दूर छोड़ मुड़ चल साथ शायरी


415

Saath, Accompany

छोड़ दो मुड़कर देखना उन्हे,
जो दूर जाया करते हैं,
जिनको साथ नहीं चलना,
वो अक्सर रूठ जाया करते हैं...

Leave Looking Back for those,
Who are going Far Away,
The one not accompanying,
Are often Agitated...

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