3351
महोब्बत
करने बालोंकी,
कमी नहीं हैं दुनियाँमें...
अकाल तो,
निभाने
वालोका पड़ा
हैं !!!
3352
"रातको आजाद हो
जाते हैं,
जाने किस तरह;
सारा दिन रखता
हूँ,
मैं तो आँसू
बाँध कर.......!"
3353
कुछ तो खास
बात हैं,
मेरी
मेहमाननवाजीमें,
उदासी आई ठहर
गई,
दर्द आया
रुक गया...
3354
हँसीको एक
खूँटीपर,
टाँग
रक्खा हैं...l
घरसे निकलती
हूँ,
तो पहन
लेती हूँ.......
3355
अपने दिलकी
ज़मींपें,
तलाश
कर मुझे,
अगर वहां नहीं...
तो कहीं नहीं
मैं;
मोहब्बत
हूँ तेरे अहसासोंमें,
नही तो फिर
कहीं भी नहीं
हूँ मैं...!