22 October 2020

6666 - 6670 दिल दुनिया दाग़ ख़्वाब अंजुमन ख़याल ख़्याल ख़्यालोंकी शायरी

 

6666
दिलसे ख़याल--यार,
भुलाया जाएगा...
सीनेमें दाग़ हैं कि,
मिटाया जाएगा.......
          अल्ताफ़ हुसैन हाली

6667
उसे क़रीब मैं पाता था,
जिसके होनेसे...
उसीने ज़ेह्नसे मेरा,
ख़याल छीन लिया.......

6668
दुनिया हैं ख़्वाब,
हासिल--दुनिया ख़याल हैं...
इंसान ख़्वाब देख रहा हैं,
ख़यालमें.......
                 सीमाब अकबराबादी

6669
हैं आदमी बजाए ख़ुद,
इक महशर-ए-ख़याल...
हम अंजुमन समझते हैं,
ख़ल्वत ही क्यूँ न हो.......
मिर्ज़ा ग़ालिब

6670
औरतको चाहिए कि,
अदालतका रुख़ करे...
जब आदमीको सिर्फ़,
ख़ुदाका ख़याल हो.......!
                  दिलावर फ़िगार

No comments:

Post a Comment