24 October 2020

6676 - 6680 दिल प्यार जिन्दगी जन्नत हकीकत सवाल तसल्ली तबाह ख़्याल ख़्यालोंकी शायरी

 

6676
अब रिहा कर दो,
अपने ख़्यालोंसे मुझे...
लोग सवाल करने लगे हैं, 
कहाँ रहते हो आज कल.......!

6677
तबाह हूँ तेरे प्यारमें,
तुझे दूसरोंका ख़्याल हैं...
कुछ मेरे मसलेपर भी गौर कर,
मेरी तो जिन्दगीका सवाल हैं.......

6678
रोज जाता हैं,
मेरे दिलको तसल्ली देने...
तेरा ख़्याल भी मेरा,
कितना ख़्याल रखता हैं.......!

6679
ख़्यालोंकी हदोके पार,
वो चेहरा नही जाता...
उसको सोचनेके बाद,
और कुछ सोचा नही जाता...!

6680
हमको मालूम हैं,
जन्नतकी हकीकत लेकिन...
दिल खुश रखनेको गालिब,
ये ख़्याल अच्छे हैं.......!
                           मिर्जा गालिब

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