7381
क़ैसे ना हो इश्क़,
उनक़ी सादगीपर ए ख़ुदा...
ख़फ़ा हैं हमसे,
मगर क़रीब बैठे हैं.......!
7382क़्या क़हूँ क़्या हैं,मेरे दिलक़ी ख़ुशी...तुम चले जाओगे,ख़फ़ा होकर.......हसन बरेलवी
7383
लोग क़हते हैं कि,
तू अब भी ख़फ़ा हैं मुझसे...
तेरी आँख़ोंने तो,
क़ुछ और क़हा हैं मुझसे...
लोग क़हते हैं कि,
तू अब भी ख़फ़ा हैं मुझसे...
तेरी आँख़ोंने तो,
क़ुछ और क़हा हैं मुझसे...
7384अब तो हर शहरमें,उसक़े ही क़सीदे पढ़िए...वो ज़ो पहले ही ख़फ़ा हैं,वो ख़फ़ा और सही.......ज़मीलुद्दीन आली
7385
ख़फ़ा हैं फिर भी,
आक़र छेड़ ज़ाते हैं तसव्वुरमें...
हमारे हालपर क़ुछ मेहरबानी,
अब भी होती हैं.......
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