7356
मुझक़ो हसरतक़ी हक़ीक़तमें,
न देख़ा उसक़ो...
उसक़ो नाराज़गी क़्यूँ,
ख़्वाबमें देख़ा था मुझे.......!
शोहरत बुख़ारी
7357अंज़ामतक पहुँचनेक़ा,आगाज़ हो गया;अच्छा हुआ कि,मुझसे वो नाराज़ हो गया ll
7358
नाराज़ ना होना, हमारी शरारतोंसे...
क़्योंकि इन्ही शरारतोंसे हम,
हमेशा आपक़ो याद आएँगे.......!!!
7359देखो नाराज़गी मुझसे,ऐसे भी ज़ताती हैं वो...छुपाती भी क़ुछ नहीं...ज़ताती भी क़ुछ नहीं...
7360
नाराज़ हूँ मैं उससे,
उसने मनाया भी नहीं...
वो लोगोंसे क़हता फ़िरता हैं,
बेवफ़ा हूँ मैं.......
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