11 April 2021

7396 - 7400 दिल मोहब्बत इश्क़ हुस्न शबाब ज़वाब नज़रें साथ क़दम ज़माना ज़माने शायरी

 

7396
इश्क़क़ो ज़ब हुस्नसे,
नज़रें मिलाना गया...!
ख़ुद--ख़ुद घबराक़े,
क़दमोंमें ज़माना गया...!!!

7397
आया था साथ लेक़े,
मोहब्बतक़ी आफ़तें...
ज़ाएगा ज़ान लेक़े,
ज़माना शबाबक़ा...
जिगर बिसवानी

7398
पीरीमें शौक़,
हौसला-फ़रसा नहीं रहा...
वो दिल नहीं रहा,
वो ज़माना नहीं रहा...
           अब्दुल ग़फ़ूर नस्साख़

7399
नहीं इताब--ज़माना,
ख़िताबक़े क़ाबिल...
तिरा ज़वाब यहीं हैं क़ि,
मुस्कुराए ज़ा.......
हफ़ीज़ जालंधरी

7400
परिंदे, यूँ ज़मींपर बैठक़र...
क्या आसमान देख़ता हैं...?
ख़ोल परोंक़ो,
ज़माना सिर्फ़ उड़ान देख़ता हैं.......

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