25 April 2021

7456 - 7460 दिल ज़िंदगी ख्याल ख्वाब ख्वाहिश क़ाश वक़्त याद वक़्त तड़प बहाना, बहाने शायरी

 

7456
क़ाश तुम भी हो ज़ाओ,
तुम्हारी यादोंक़ी तरह...
ना वक़्त देखो,
ना बहाना, बस चले आओ...

7457
दिल तड़पता हैं एक जमानेसे.
भी ज़ाओ क़िसी बहानेसे l
बन गए दोस्त भी मेरे दुश्मन,
इक तुम्हारे क़रीब आनेसे ll

7458
ख्याल, ख्वाब, ख्वाहिशे हैं...
तुझसे सब...!
हर वक़्त तुझे याद क़रनेक़ा,
बहाना सब.......!!!

7459
मैं हर रोज नींदक़ो,
बहानेसे बुलाता हूँ...
तुम एक रोज तो बहानेसे,
आओ ख्व़ाबमें.......!

7460
मेरी ज़िंदगीमें,
खुशियाँ तेरे बहानेंसे हैं...
आधी तुझे सतानेमें,
आधी तुझे मनानेमें...!

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