13 April 2017

1201 दोस्त इशारा याद पल सच्चे गुजार अफ़साना मौत शायरी


1201
दोस्तको दोस्तका इशारा याद रहता हैं l
हर दोस्तको अपना दोस्ताना याद रहता हैं l
कुछ पल सच्चे दोस्तके साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौततक याद रहता हैं ll

1202 सीख मोहब्बत बेमिसाल शायरी


1202
सीखकर गयी हैं,
वो मोहब्बत मुझसे...!
जिससे भी करेगी,
बेमिसाल करेगी...!!!

9 April 2017

1200 सादगी झुक गिर समझ शायरी


1200
हम सादगीमें,
झुक क्या गए...
तुम तो हमें,
गिराहुआ समझने लगे...

1199 दिल दुआ चाहत खुशी ईमान हसरतें मुस्कराए जान शायरी


1199
एक दुआ मांगते हैं हम अपने भगवानसे...
चाहते हैं आपकी खुशी पुरे ईमानसे...
सब हसरतें पुरी हो आपकी,
और आप मुस्कराए दिल-ओ-जानसे...!

1198 दानिस्ता ठोकर मर आगोश हवा सागर चाँदनी शायरी


1198
फिर वो दानिस्ता ठोकर खाईये,
फिर मेरी आगोशमें खो जाईये,
ये हवा, सागर ये हलकी चाँदनी,
जीमें आता हैं, यहीं मर जाईये...

1197 प्यार जता तारीख इजहार मोहब्बत फुर्सत शायरी


1197
तारीखोंमें बंध गया हैं अब,
इजहार-ए-मोहब्बत भी ll 
रोज प्यार जतानेकी,
अब किसीको फुर्सत कहां ll

1196 करीब चेहरे सबक सीख शायरी


1196
फिर करीबसे,
कुछ चेहरे पढ़े...
और न जाने कितने,
सबक सीख लिए।

7 April 2017

1195 दिल आफत बिखरे रख्खे फेंके वक्त गुज़र झुलस खत गुलाब खुशबु इत्र दराज़ शायरी


1195
आफत हैं तेरे खतके,
बिखरे हुवे टुकड़े...
रख्खे भी नहीं जाते,
फेंके भी नहीं जाते
वक्त गुज़र गया झुलसके,
गुलाबकी पंखुडिंयोंको देखते,
पर उसके खुशबुकी महेक,
आजभी दिलसे हीं उतरती,
किसी इत्रकी दराज़से.......

1194 जिन्दगी इश्क ज़्यादा ग़म शायरी


1194
आधेसे कुछ ज़्यादा हैं .......
पूरेसे कुछ कम.....
कुछ जिन्दगी...
कुछ ग़म …....
कुछ इश्क.....
कुछ हम…

1193 धडकन खास बात दीदार बाजार साफ़ सुन शायरी


1193
धडकनोकी यहीं तो खास बात हैं...
उनका दीदार हो बस.......
भरे बाजारमें भी ,
साफ़ सुनाई पडती हैं…….

1192 जीवनका फैसला अनमोल लफ्ज अनमोल शायरी


1192
उसके जीवनका हर फैसला,
मेरे लिए अनमोल था, क्योंकि...
उसने हर फैसलेमें सिर्फ एक ही लफ्ज कहां,
"जैसा तुम कहो ll"

1191 जिन्दगी जरूरत नाम ख्वाहिश फ़कीर बादशाह अधुरी शायरी


1191
जिन्दगी जरूरतोंका नाम हैं,
ख्वाहिशोंका नहीं...
जरूरत फ़कीरोंकी भी पूरी हो जाती हैं ;
ख्वाहिशों बादशाहोंकी भी अधुरी रह जाती हैं...!

4 April 2017

1190 प्यार दिल दोस्ती भरोसा तोड़ गुलाब जिन्दगी जरूरत नाम जोड़ टूट शायरी


1190
प्यारमें कोई तो दिल तोड़ देता हैं...
दोस्तीमें कोई तो भरोसा तोड़ देता हैं...
जिन्दगी जीना तो कोई,
गुलाबसे सीखे.....
जो खुद टूटकर...
दो दिलोंको जोड़ देता हैं !!!

1189 मशवरा खूब खुश वजह शायरी


1189
मशवरा तो खूब देते हो,
"खुश रहा करो" ll
कभी कभी वजह भी,
बन जाया करो…!

1188 मशवरा खूब खुश वजह शायरी


1188
न दवा, न दुआ...
यह मोहब्बत हैं मेरे यार l
इसमे भूलते नहीं...
रोजाना मरते हैं हजार बार ll

1187 पता मुसाफीर मशवरा शहर बीच रास्ते शायरी


1187
हमे पता हैं,
तुम मुसाफीर कहीं औरके हो,
हमारा शहर तो,
युँही बीच रास्तेमें  गया था।

1186 हकीक़त ख्वाब शिकायत मजाक इत्तेफाक याद सिद्दत शायरी


1186
हकीक़त कहो, तो उनको ख्वाब लगता हैं ...
शिकायत करो, तो उनको मजाक लगता हैं
कितने सिद्दतसे उन्हें याद करते हैं हम …....
और एक वो हैं… जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता हैं……

1185 अनदेखे धागे आजाद साथ शायरी


1185
अनदेखे धागेमें,
बांध गया कोई l
कि वो साथ भी नहीं और
हम आजाद भी नहीं ll

1184 जिंदगी सचमुच कबूल कमी शायरी


1184
तू सचमुच जुड़ा हैं,
गर मेरी जिंदगीके साथ...
तो कबूल कर मुझको,
मेरी हर कमीके साथ !!!

1183 अनदेखे धागे आजाद साथ शायरी


1183
दिल तो करता हैं के मैं,
खरीद लूँ ये तेरी तन्हाई l
पर अफसोस मेरे पास खुद,
तन्हाईके सिवा कुछ नहीं . . . !

3 April 2017

1182 जल्दी खयाल चूमना जनाजा शायरी


1182
वाह् फ़राज़,
बड़ी जल्दी खयाल आया हमारा,
बस भी करो अब चूमना...
उठने भी दो अब जनाजा मेरा......

1181 मुद्दतें शख्स बाहर अंदर दिख शायरी


1181
मुद्दतें हो गयी,
कोई शख्स तो अब ऐसा मिले, फ़राज़...
बाहरसे जो दिखता हो,
अंदर भी वैसा ही मिले !!!

1180 खफा देख मनाने अंदाज शायरी


1180
उससे खफा होकरभी,
देखेंगे एक् दिन फ़राज़।
के उसके मनानेका,
अंदाज कैसा हैं.......

1178 दिल इश्क़ आँख पलक गलत शायरी


1178
गलत सुना था की,
इश्क़ आँखोंसे होता हैं, फ़राज़
दिल तो वो भी ले जाते हैं,
जो पलके तक नहीं उठाते......ll

1179 वजह पूछ मौका अजनबी लहेजा बदल शायरी


1179
वजह पूछनेका तो,
मौका ही नहीं मिला, फ़राज़...
वो लहेजा बदलते गए और,
हम अजनबी होते गए......ll

1177 शक मुहब्बत नुकसान मालूम शायरी


1177
शक तो था मुहब्बतमें,
नुकसान ही होगा, फ़राज़।
पर सारा हमारा ही होगा,
ये मालूम न था.......

1176 मुहब्बत औकात तबाह दिन शायरी


1176
औकात क्या हैं तेरी, ऐ फ़राज़...
चार दिनकी मुहब्बतभी,
तुझे तबाह कर देती हैं......

1 April 2017

1175 दिल दर्द नुमाईश बयाँ लोग टूट लफ्ज दास्तान समझ शायरी


1175
कर अपने दर्द--दिलकी,
नुमाईश शायरीमें बयाँ, फ़राज़।
लोग और टूट जाते हैं,
हर लफ्जको अपनी दास्तान समझकर.......

1174 रियाज सुबह शाम सच बोल अदा अजीज यार छिन शायरी


1174
झूठ बोलनेका रियाज,
करता हूँ मैं सुबह शाम, फ़राज़।
सच बोलनेकी अदाने,
हमसे कई अजीज यार छिन लिए.......

1173 दिल बिछड़ रूह बात शायरी


1173
बिछड़ना हैं तो यूँ करो,
रूहसे निकल जाओ, फ़राज़ l
रही बात दिलकी,
तो उसे हम देख लेंगे......ll

1172 आँख आँसू भुला छोड़ शायरी


1172
अब तेरी आँखोंमें,
ये आँसू किसलिए फ़राज़।
जब छोड़ ही दिया था,
तो भुला भी दिया होता.......

1171 सुन बदला बात आजमा लब चूम शायरी


1171
सुना हैं तुम ले लेते हो,
बदला हर बातका फ़राज़।
आजमाएंगे कभी,
तेरे लबोंको चूमके........

31 March 2017

1170 जीने यादें शायरी


1170
बस जीने ही तो,
नहीं देगी, फ़राज़।
और क्या कर लेगी,
तेरी यादें.......

1169 दिल मतलब दिलासे दिमाग घूम शायरी


1169
बिना मतलबके दिलासे भी,
नहीं मिलते यहाँ मोहसिन।
लोग दिल में भी,
दिमाग लिए घूमते हैं.......

1168 साँस टूट आम बात बदल मौत शायरी


1168
साँसोंका टूट जाना तो,
आम बात हैं, मोहसिन।
जहाँ अपने बदल जाये,
उसे तो मौत कहते हैं.......

1167 साँस टूट आम बात बदल मौत शायरी


1167
सीनेपें तीर खाके भी,
अगर कोई मुस्करा दे, मोहसिन।
निशाना लाख अच्छा हो,
मगर बेकार हो जाता हैं.......

1166 ख्वाहिश दुआ गुनाह कायनात शायरी


1166
तेरी ख्वाहिश कर ली तो,
कौनसा गुनाह कर लिया, मोहसिन।
लोग तो दुआओंमें,
पूरी कायनात माँग लिया करते हैं …….!

30 March 2017

1165 चाँद किरदार दाग पास रोशनी बाँट शायरी


1165
चलो चाँदका किरदार,
अपना लेते हैं फ़राज़।
दाग अपने पास रखके,
रोशनी बाँट देते हैं…….

1164 दिल समंदर सुन गहरा समाया सिवा शायरी


1164
सुना हैं दिल समंदरसे भी,
गहरा होता हैं, फ़राज़।
फिर क्यूँ नहीं समाया,
कोई और उसके सिवा.......

1162 जानता शख्स मुस्करा उदास शायरी


1162
कितना कुछ जानता होगा,
वो शख्स मेरे बारेमें, फ़राज़।
मेरे मुस्करानेपर भी जिसने पूछ लिया,
की तुम उदास क्यूँ हो.......

1163 जरूरत यकीन पास कहने शायरी


1163
अगर तुम्हे यकीन नहीं,
तो कहनेको कुछ नहीं मेरे पास, फ़राज़।
अगर तुम्हे यकीन हैं,
तो मुझे कुछ कहनेकी जरूरत ही नहीं.......

1161 मौत कह नाराजगी ख़त्म बहुत बदल जिया शायरी


1161
अब मौतसे कह दो,
हमसे नाराजगी ख़त्म भी करें, फ़राज़।
वो बहुत बदल गए हैं,
जिनके लिए हम जिया करते थे.......

29 March 2017

1160 ज़ख़्म इलाज कुरेदकर देख कह वक़्त शायरी


1160
करता हैं वो मेरे,
ज़ख़्मोंका इलाज, फ़राज़।
कुरेदकर देख लेता हैं रोज,
और कहता हैं वक़्त लगेगा . . . . . . .

1159 ख्वाब देख पूछ बेखबर यादें सोने शायरी


1159
वो मुझसे पूछती हैं,
ख्वाब किस किसके देखते हो, फ़राज़ l
बेखबर जानती ही नही,
यादें उसकी सोने कहाँ देती हैं. . . . . . .ll

1158 दिल जान मुहब्बत आलम साँस जरूरत जीने शायरी


1158
ये दिल ही तो जानता हैं,
मेरी पाक मुहब्बतका आलम, फ़राज़।
के मुझे जीनेके लिए,
साँसोंकी नहीं तेरी जरूरत हैं . . . . . . .

1157 हुस्न पर्दे जरूरत शायरी


1157
तेरे हुस्नको,
पर्देकी जरूरत ही क्या हैं, फ़राज़।
कौन रहता हैं होशमें,
तुझे देखनेके बाद . . . . . . .

1156 दीदार काबिल इनायत नजर रुख इधर शायरी


1156
दीदारके काबिल,
कहाँ मेरी नजर हैं, फ़राज़।
ये तेरी इनायत हैं की,
रुख तेरा इधर हैं......

28 March 2017

1155 दिल देख इमानदारी फिक्र शायरी


1155
देखली तेरी इमानदारी, दिल...
तू मेरा और...
फिक्र किसी औरकी...?

1154 ख़ामोशियाँ अजीब रिश्ता निभा लब अक्सर खुल आवाज़ शायरी


1154
ख़ामोशियाँ भी,
अजीब रिश्ता निभाती हैं...
लब अक्सर खुलते हैं,
पर कभी आवाज़ नहीं आती हैं...

1153 देख फूल वफा खिल मुरझा शायरी


1153
तुमने अभी देखी ही कहाँ हैं,
हमारी फूलों जैसी वफा,
हम जिसपर खिलते हैं,
उसीपर मुरझा जाते हैं...

1151 बार साथ रिश्ता चोट शायरी


1151
हर बार यहीं,
होता हैं मेरे साथ,
हर एक रिश्ता,
नयी चोट दे जाता हैं !

1152 ज़िन्दगी सफर शिकायत दर्द दर्ज कतारे शायरी


1152
यूँ तो ज़िन्दगी,
तेरे सफरसे शिकायते बहुत थी...
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे,
तो कतारे बहुत थी...!

27 March 2017

1150 प्यार ज़िन्दगी आशना अजनबी बदली ख़बर चाँदनी शायरी


1150
किया हैं प्यार जिसे हमने,
ज़िन्दगीकी तरह;
वो आशना भी मिला हमसे,
अजनबीकी तरह;
किसे ख़बर थी,
बढ़ेगी कुछ और तारीकी;
छुपेगा वो किसी बदलीमें
चाँदनीकी तरह।

1148 खुबसूरत बचपनके उंगलियाँ जुड दिन दोस्ती शुरू शायरी


1148
कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
बचपनके वो दिन...
के सिर्फ दो उंगलियाँ जुडनेसे,
दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी . . . !

1149 शाम बीत चाहते बेखबर कल शायरी


1149
एक और शाम बीत चली हैं,
उन्हें चाहते हुए...
वो आज भी बेखबर हैं,
बीते हुए कलकी तरह...

1147 जिंदगी गुलशन आबाद हसीन फूल याद बर्बाद शायरी


1147
उजड़े हुए गुलशनको,
फिरसे आबाद मत कर l
उसके हसीन फूलोंको,
तू फिरसे याद मत कर l
जी ले जिंदगीको मन मारकर यूँ ही,
तू अपने हसीन कलको,
फिरसे बर्बाद मत कर...!