20 July 2017

1546 - 1550 मुहब्बत जिंदगी कारोबार खरीद किमत किस्मत मुकम्मल अधूरे आशिक वजह बात जज्बात रोग शायरी


1546
खरीद सकते उन्हें,
तो अपनी जिंदगी देकर भी खरीद  लेते,
पर कुछ लोग "किमत" से नहीं,
"किस्मत" से मिला करते हैं !!!

1547
मुहब्बत मुकम्मल होती,
तो ये रोग कौन पालता...
अक्सर अधूरे आशिक ही,
शायर हुआ करते हैं...!!!

1548
बेवजह हैं, तभी तो दोस्ती हैं ;
वजह होती, तो कारोबार होता ।

1549
"बात तो सिर्फ
जज्बातोंकी हैं...
वरना... मोहब्बत तो
सात फेरोके बाद भी नहीं होती हैं..."

1550
मसरूफ़ रहनेका अंदाज़,
तुम्हें तनहा ना कर दे ;
रिश्ते फ़ुर्सतके नहीं,
तवज्जोके मोहताज होते हैं !

19 July 2017

1541 - 1545


1541
रुलाया ना कर,
हर बात पर ए जिंदगी ...
जरूरी नहीं सबकी किस्मत मॆं,
चूप कराने वालॆ हो ...

1542
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे,
कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर,
आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..

1543
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी,
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी,
जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके,
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी..

1544
गम को बेचकर खुशी खरीद लेगे,
ख्याबो को बेचकर जिन्दगी खरीद लेगें,
होगी इम्तहान तो देखेगी दुनिया,
खुद को बेचकर आपकी दोस्ती खरीद लेगे…

1445
आज उसनॆ हमॆ एक ऒर दर्द दिया...
तो हमॆं याद आया;  
कॆ दुआओं मॆं हमनॆ ही तो,
सारे दर्द मांगॆ थॆ...!!!

18 July 2017

1536 - 1540


1536
दिन भी अच्छे गुजर रहे थे,
और खुशिया भी .....
ए वक्त ...
बता क्या मिला तुझे .....
उसको मुझसे जुदा करके .......

1537
"मुझसे दोस्त नहीं बदले जाते,
चाहे लाख दूरी होने पर,
यहाँ लोगों के भगवान बदल जाते हैं,
एक मुराद ना पूरी होने पर।।"

1538
रात हुई जब शाम कॆ बाद,
तॆरी याद आई हर बात कॆ बाद,
हमनॆ खामोश रहकर भी देखा,
तॆरी आवाज आई हर सांस कॆ बाद।

1539
चल आ तेरे पैरो पर,
मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर...
कुछ चोटे तुझे भी आई होगी,
मेरे सपनो को ठोकर मारकर.......

1540
ना छेड़ किस्सा उल्फ़त का,
बड़ी लम्बी कहानी है...
मैं ज़िन्दगी से नहीं हारा,
ये किसी अपने की मेहरबानी है...

1531 - 1535


1531
हम नफरत के काबिल थे,
तो नफरत से ही मार देते...!
क्यों अपनी महफ़िल में बुलाकर...
प्यार से कह दिया ,
" कौन हो तुम.... "

1532
डाल देना अपने ही हाथोसे कफन,
मेरी लाश पर.....के,
तेरे दिये जख्मो के तोहफे,
कोई और ना देख ले.......

1533
अब ना करूँगा,
अपने दर्द को बया किसी के सामने,
दर्द जब मुझको ही सहना है...
तो तमाशा क्यूँ करना.......

1534
दिल सॆ हम जिसको प्यार दॆंगॆ,
सच कॆहॆतॆ है उसकी जिंदगी सवार दॆंगॆ...
दॆख लेना तरस जायॆंगॆ वो लोग उमर भर कॆ लियॆ,
जिनको हम दिल दे निकाल दॆंगॆ.......।

1535
तेरी सांस के साथ चलती है,
मेरी हर धड़कन.......
और तुम पूछते हो,
मुझे याद किया या नही.......

16 July 2017

1526 - 1530


1526
“जहर के असरदार होने से,
कुछ नहीँ होता साहेब...
खुदा भी राजी होना चाहिए,
मौत देने के लिए...!”

1527
मेरे क़दमों में पूरी कायनात
भी रख दी गई ए-बेवफा
हमने तब भी तुम्हारी यादों
का सौदा नहीं किया…..!!

1528
थोड़ी मोहब्बत तो,
तुझे भी थी मुझसे...
वरना इतना वक्त तो न लगता,
सिर्फ एक दिल तोड़ने में...

1529
कभी थक जाओ तुम
दुनिया की महफ़िलों से,
हमें आवाज़ दे देना,
हम अक्सर अकेले होते हैं।

1530
तेरी महफ़िल से उठे तो
किसीको खबर तक ना थी.....

तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें,
बदनाम कर गया.......

15 July 2017

1521 - 1525


1521
अब वफा की उम्मीद भी,
किससे कीजाए भला,
मिट्टी कॆ बनॆ लोग,
कागज मॆं जो बिक जाते है।

1522
अपनी जिंदगी,
अजीब रंग में गुजरी है.....
राज किया दिलों पे
और तरसे मोहब्बत को है.....

1523
उनके इंतजार के मारे है हम,
बस उन्ही कि यादों के सहारे है हम,
दुनिया जीत के करना क्या है अब,
जिसे दुनिया से जितना था उसी से हारे है हम...

1524
मोहोब्बत हर इन्सान को आजमाती है,
किसी सॆ रुठ जाती है,
किसी पॆ मुस्कुराती है,
मोहोब्बत खॆल ही ऎसा है,
किसी का कुछ नही जाता ऒर
किसी की जान ही चली जाती है।

1525
राख बेशक हूँ मगर...
मुझमें हरकत है अभी भी...

जिसको जलने की तमन्ना हो,
हवा दे मुझको.......

1516 - 1520


1516
ए उम्र, माना कि तू बडी हस्ती है।
जब चाहे मेरा बचपन छीन सकती है। ।
पर गुरूर मत कर अपनी हस्ती पर।
मुझे भी नाज है अपनी मस्ती पर।।
गर है दम तो इतनी सी कर खता।
बचपन तो छीन लिया...,
बचपना छीन कर बता।।

1517
तेरी मोहब्बत,,
जैसे सरकारी नौकरी हो,
नौकरी तो खत्म हुई,
अब दर्द मिल रहा है पेंशन की तरह...

1518
झूठ कहते हो तुम सब लोग
मोहब्बत सब कुछ छीन लेती है...
हमने किसी से मोहब्बत करके
गमो का खजाना पा लिया है...

1519
मेरे हाथों में उनका हाथ आया
तो महसूस हुआ.......
ज़िंदगी ही हाथ लग गई हो जैसे...

1520
किसी की याद ने
ज़ख्मों से भर दिया सीना...
हर इक सांस पे शक़ है
कि आखिरी होगी.......

13 July 2017

1511 - 1515


1511
हो सकती है जिन्दगी मे,
महोब्बत दोबारा भी...
पर होसला चाहिए फिर से
बरबाद होने का........

1512
किन लफजों मे लिखुँ
मैँ अपने इन्तजार कोँ !
बेजुबाँ सा इश्क तुम्हेँ
खामोशी से ढूँढता है...!!!

1513
धड़कनों को भी,
रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर,
कब्जा किये बैठे है...

1514
कुचलते रहे लोग मुझे
जब तक हम "फूल" से थे।
जबसे हम पत्थर बने
लोगो ने भगवान बना लिया।।

1515
उन लोगों का क्या हुआ होगा;
जिनको मेरी तरह ग़म ने मारा होगा;
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने;

डूबने वाले ने किस-किस को पुकारा होगा.......

12 July 2017

1506 - 1510



1506
कहीं बैठी वो मेरा ज़िक्र कर,
मुस्कुरा रही होगी...
ये हिचकी शाम से,
यूँ ही तो नहीं आ रही होगी.......

1507
अब भी मोजूद है इस दिल मॆं,
तॆरॆ कदमों कॆ निशान...
तॆरॆ बाद हमनॆ इस राह सॆ,
किसी को गुजरनॆ नही दिया...

1508
खरीद तो लेते हैं लोग
करोड़ो का घर शहर में...
लेकिन आंगन दिखाने
बच्चो को अब भी गाँव ही आते हैं.....

1509
प्रेम एक भाषा है ...
जिसे हर कोई बोलता हे ...
पर समझता वही है ...
जिसके पास 'दिल' है..!!

1510
हमनॆ मांगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गयॆ...

हम यादों कॆ सहारॆ  जी लॆतॆ,
वो भूल जानॆ की कसम दे गयॆ ...

11 July 2017

1501 - 1505


1501
कहाँ उलझ गया दिल,
किस प्यार में.......
बड़ा बेसबब गुज़रा,
एक हिस्सा उम्र का,
बेकार में.......
1502
ज़िंदगी तो सभी के लिए
एक रंगीन किताब है;
फर्क है तो बस इतना कि
कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है; और
कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है।
1503
तेरे इश्क का सुरूर था,
जो खुदको बर्बाद किया,
वरना दुनिया मेरी भी,
दीवानी थी।
1504
लोगों मै और हम मे बस इतना फर्क है ...
लोग.....दिल को दर्द देते है,
और हम....... दर्द देने वाले को,
दिल देते है ...
1505
"दोस्ती" रूह में उतरा हुआ
मौसम है...
ताल्लुक कम कर देने से
मोहब्बत कम नही होती ...

10 July 2017

1496 - 1500


1496
बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त;
रात गुजरेगी तो उतर जाएगी!
पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो;
प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी!
1497
करेगा जमाना कदर,
हमारी भी एक दिन देख लेना...
बस जरा ये भलाई की,
बुरी आदत छुट जाने दो.......
1498
उसकी हसरतों को,
मेरे दिल मॆं लिखनॆवालॆ...
काश उसको मॆरॆ नसीब मॆं भी,
लिख दिया होता ... ... ...
1499
रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं,
निभाया जाता है !!!
1500
देख ली न तुमने.......
मेरे ऑसुओ की ताकत...
कल रात मेरी ऑखे नम थी !
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं !!!

9 July 2017

1491 - 1495


1491
किसी चेहरे पर...
ख़ुशी की तलाश न कर ,
हर चेहरा फरेब है,
और हर कहानी अधूरी...!!
1492
लौट आऊँगा फिरसे
तेरी पनाहों में ऐ ज़िन्दगी.....
बाज़ार-ए-इश्क़ में
पूरी तरह लुटने तो दे मुझे.......!
1493
अभी तो,
प्यार की किताब खोली ही थी…
और ना जाने कितने,
इम्तेहान आ गए........
1494
किसी और की दौलत, किसी के किस काम की
किसी और की शौहरत, किसी के किस काम की
जो किसी के पास का अंधेरा न मिटा सके,
वो दूर से दिखती रोशनी, किसी के किस काम की ?
1495
जब कभी टूट कर बिखरो,
तो बताना हमको...
तुम्हें रेत के जर्रों से भी,

चुन सकते हैं हम.......

8 July 2017

1486 - 1490


1486
मेरे अंदर भी कमियॉ ढेरसारी होंगी.......
पर
एक खुबी भी है...
हम किसी के साथ
" म त ल ब  "
के लिये रिश्ते नही रखते...
1487
खोई आँखो में उन को सज़ा लिया,
आरज़ू मे उन की चाहत को बसा लिया,
धड़कन भी अब ना ज़रूरी हमारे लिए,
जब से दिल में उन्ही को बिठा लिया...
1488
यादें बजती रहीं,
उनकी घुँघरुओं की तरह...
कल रात भर...
फिर उन्होने मुझे सोने ना दिया.......
1489
मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए,
वो समझाते समझाते खुद ही रो दिए l
1490
फकीरों के डेरे में रोशनाई बहुत है,

इस मौसम में रहनुमाई बहुत है ...