10 January 2019

3751 - 3755 इश्क जोश ख़ून दर्द मौसम गुलाम नवाब ख्वाहिशों नादान हसरत गुमान दिल शायरी


3751
हैं इश्क भी, जूनून भी,
मस्ती भी जोश--ख़ून भी...
कहीं दिलमें दर्द, कहीं आह सर्द,
कहीं रंग जर्द.......!

3752
मेरे दिलको कोई पढ सका...
और मैं खूद, खूदसे लढ सका.....

3753
मौसम बहुत सर्द हैं,
दिल,
चलो कुछ ख्वाहिशोंको...
आग लगायें.......!!!

3754
सिर्फ तेरे इश्ककी,
गुलामीमें हूँ आज भी;
वरना ये दिल,
एक अरसे तक नवाब रहा हैं...!

3755
इक छोटीसी ही तो हसरत हैं,
इस दिल-ए-नादानकी...
कोई चाह ले इस कदर,
कि खुदपर गुमान हो जाए...!!!

9 January 2019

3746 - 3750 दिमाग कसूर ग़ज़ब वजूद मौजूद फ़ना महफ़िल मेहमान कदम दीवानगी कातील मुस्कान दिल शायरी


3746
दिमागपर जोर डालकर गिनते हो,
गलतियाँ मेरी,
कभी दिलपर हाथ रखकर पूछना,
कि कसूर किसका था.......

3747
ग़ज़ब हैं मेरे दिलमें,
तेरा वजूद,
मैं ख़ुदसे दूर और,
तू मुझमें मौजूद।

3748
मैने भी दिलके दरवाजेपर,
चिपका दी हैं एक चेतावनी...
फ़ना होनेका दम रखना,
तभी भीतर कदम रखना...!

3749
ये अपनी ही महफ़िलमें भी,
मेहमान हो जाता हैं...
तुझे ना देखे तो दिल अक्सर,
परेशान हो जाता हैं.......!

3750
कैसे संभालें हम,
अब अपने आपको  दिल नशीं;
दीवानगी बढ़ा देती हैं,
तेरी कातील मुस्कान भी...!

8 January 2019

3741 - 3745 जिंदगी जमाने प्यार काबिल फैसले अदालत आईने तस्वीर दुश्मन तकलीफ दिल शायरी


3741
अपने दिलकी अदालतमें,
ज़रूर जाएं...
सुना हैं वहाँ कभी,
गलत फैसले नहीं हुआ करते...!

3742
हमने दिल वापस मांगा,
तो वो सर झुकाकर बोले...
वो तो टूट गया,
खेलते खेलते.......!

3743
जो दिलके आईनेमें हो,
वही प्यारके काबिल हैं...
वरना दीवारके काबिल तो,
हर तस्वीर होती हैं.......!

3744
बहुत गौरसे देखनेपर,
जिंदगीको जाना मैने...
दिलसे बड़ा दुश्मन,
पूरे जमानेमें नहीं हैं.......!

3745
दिमागवाला दिल,
मुझे भी दे खुदा...
ये दिलवाला दिल,
तकलीफ ही देता हैं.......!

7 January 2019

3736 - 3740 ज़िक्र फ़िक्र मैफील फुर्सत अमीर उदास उधार दर्द इशारे अल्फाज दिल शायरी


3736
बस एक बार वो कह दे हमसे,
दिल भर गया इस मेलसे...
ज़िक्र भी ना होगा हमारा,
कुछ ऐसे रुखसत होंगे उनकी मैफीलसे...

3737
कभी तुम पूछ लेना,
कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें...
छुपाकर दिलके दर्दको,
एक दूसरेकी फ़िक्र कर लेंगे...!

3738
मुस्कुराना हर किसीके,
बसका नहीं हैं...
मुस्करा वो ही सकता हैं,
जो दिलका अमीर हो...!

3739
तुम्हे जब कभी मिले फुर्सत,
मेरे दिलसे बोझ़ उतार दो...
मैं बहोत दिनसे उदास हूँ,
मुझे कोई शाम उधार दो...

3740
दिलकी बाते तो,
इशारोंसे होती हैं...
अल्फाजोसे तो अक्सर,
झगडे हुआ करते हैं.......

3731 - 3735 इश्क खुबसुरत उम्र चाह दुआ यकीन याद नतीजा गहरे हादसे दिल शायरी


3731
कुछ लोग दिलके,
इतने खुबसुरत होते हैं...
कि चाहे वो ना मिले,
पर उम्रभर उन्हे चाहनेको दिल करता हैं...!

3732
जान तक देनेकी,
बात होती हैं यहाँ;
पर यकीन मानिये,
दुआ तक दिलसे हीं देते हैं लोग।।

3733
ये दिल,
कुछ नहीं...
बस तेरी यादोंका...
यतीमखाना हैं.......!

3734
नतीजा एकसा निकला,
दिमाग और दिलका...
की दोनों हार गए,
तुम्हारे इश्कमें.......!

3735
हादसे कुछ दिलपे,
ऐसे हो गयें;
हम समंदरसे भी,
गहरे हो गयें.......!

5 January 2019

3726 - 3730 मोहब्बत सुकून क़रार हसरत तन्हाई मुस्करा आवाज़ रूठा नसीब याद दिल शायरी


3726
सुकून अपने दिलका मैने खो दिया,
खुदको तन्हाईके समंदरमें डुबो दिया; 
जो थी मेरे कभी मुस्करानेकी वजह,
उसकी कमीने मेरी पलकोंको भिगो दिया।

3727
दिल जब टूटता हैं, तो आवाज़ नहीं आती...
हर किसीको दोस्ती रास नहीं आती;
यह तो अपने अपने नसीबकी बात हैं,
कोई भूलता ही नहीं और...
किसीको याद ही नहीं आती.......

3728
मैं नहीं जानता ये मोहब्बत हैं...
या कुछ और...?
बस, तेरी मुस्कुराहट,
से दिलको सूकून मिलता हैं.......!

3729
इक बे-क़रार दिलसे,
मुलाक़ात कीजिए...
जब मिल गए हैं आप,
तो कुछ बात कीजिए...!

3730
एक हसरत थी की,
कभी वो भी हमे मनाये...
पर ये कम्ब्खत दिल,
कभी उनसे रूठा ही नहीं...!

4 January 2019

3721 - 3725 प्यार दुनिया ग़ैर अपने नज़र भरोसा तन्हाई मुस्करा गलती माफ़ दिल शायरी


3721
जब दिल,
ग़ैरोंसे लग जाए तो...
अपनोंमें,
कमियाँ नज़र आने ही लगती हैं...!

3722
उसने कहांभरोसा दिलपर इतना नहीं करते”,
मैने कहांप्यारमें कभी सोचा नहीं करते”;
उसने कहांबहुत कुछ दुनियाके नजरोंमें हैं”,
मैंने कहांजब तुम साथ हो तो हम कुछ और देखा नहीं करते” !

3723
मैं हूँ,
दिल हैं,
तन्हाई हैं, 
तुम भी जो होते,
तो अच्छा होता...।

3724
मेरे दिलसे उसकी,
हर गलती माफ़ हो जाती हैं,
जब वो मुस्कराके पूछती हैं...
"नाराज़ हो क्या"।।

3725
मैं सबका दिल रखता हूँ...
और सुनों...
मैं भी एक दिल रखता हूँ...!

3 January 2019

3716 - 3720 जहाँ तड़प मुश्किल महफ़िल सब्र क़रार आँख क़ातिल दुश्मन दगा खुशबू जख्म दिल शायरी


3716
यूँ हर पल हमें सताया कीजिये,
यूँ हमारे दिलको तड़पाया कीजिये 
क्या पता कल हम हों हों इस जहाँमें...
यूँ नजरें हमसे आप चुराया कीजिये

3717
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो थी,
जैसी अब हैं तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो थी 
ले गया छीनके कौन आज तेरा सब्र--क़रार,
बेक़रारी तुझे दिल कभी ऐसी तो थी 
उसकी आँखोंने ख़ुदा जाने किया क्या जादू,
के तबीयत मेरी माइल कभी ऐसी तो थी 
चश्म--क़ातिल मेरी दुश्मन थी हमेशा लेकिन,
जैसे अब हो गई क़ातिल कभी ऐसी तो थी 
बहादुर शाह ज़फ़र

3718
नाम तेरा ऐसे लिख चुके हैं,
अपने वजूदपर...
कि तेरे नामका भी कोई मिल जाए,
तो भी दिल धड़क जाता हैं.......!

3719
जब किसीकी कमीयाँ भी,
अच्छी लगने लगे ना...
तो मान ही लीजिये,
ये दिल दगाबाजी कर गया...!

3720
मेरे आँसुओंसे भी आती हैं खुशबू,
जबसे इन आँखोंमें तुझे बसाया हैं...
जख्म भी मीठे लगते हैं,
जबसे तूने ये मेरा दिल चुराया हैं...!

2 January 2019

3711 - 3715 मुहब्बत प्यार रिश्ते तलाश सँभल बात ज़ेवर तज़ुर्बा उलझन दिल शायरी


3711
रिश्ते कम बनाइये...
लेकिन उन्हे,
दिलसे निभाइये...!
अकसर लोग,
बेहतरकी तलाशमें,
बेहतरीन खो देते हैं.......!!!

3712
आपको जाते हुए देखके,
 सँभलेगा दिल,
उसको बातोंमें लगा लूँ,
तो चले जाईयेगा.......

3713
दिलमें कुछ,
यूँ सँभालता हूँ ग़म...
जैसे ज़ेवर सँभालता हैं कोई...

3714
दिल मेरा तोड़के,
वो खुद भी रोया करते हैं...
ये उलझन हैं कैसी,
क्या वो मुझीसे प्यार करते हैं...!

3715
तज़ुर्बा कहता हैं कि,
मुहब्बतसे किनारा कर लूँ...
और दिल कहता हैं कि,
ये तज़ुर्बा दुबारा कर लूँ...!

1 January 2019

3706 - 3710 ज़िन्दगी इरशाद शिद्दत सफ़र लम्हा सितम खुबसुरत गजल निगाहे दूरियाँ दिल शायरी


3706
झुको वहीं...
जहाँ किसीके दिलमें,
आपको झुकानेकी...
ज़िद हो.......!

3707
दिल खोलकर बड़ी शिद्दतसे,
जी लो इन लम्होको यारो;
ज़िन्दगी अपना इतिहास,
फिर नहीं दोहराएगी...!

3708
ज़िन्दगीका सफ़र,
इतना प्यारा होना चाहिए...
सितम हो फिर भी,
दिल शायराना होना चाहिए...!

3709
खुबसुरत गजल जैसा हैं,
उसका चाँदसा चेहरा...
निगाहे शेर ढ़ती हैं,
तो दिल इरशाद करता हैं...!

3710
दूरियाँ बढ़ाकर,
क्या मिला तुम्हे...
रहते तो आज भी,
मेरे दिलमें हो.......!