7 August 2019

4581 - 4585 होंठ उलझनें राह ज़िन्दगी कोशिशें बेहिसाब कसम चर्चे मशहूर रिश्ता नाम शायरी


4581
कभी तुम्हारा नाम,
कभी चिलम...
होठोंपर मेरे हमेशा,
चिंगारियाँ ही रहीं हैं...!

4582
हजारों उलझनें राहोंमें,
और कोशिशें बेहिसाब;
इसीका नाम हैं ज़िन्दगी,
चलते रहिये जनाब...!

4583
लोग बदनाम करते हैं हमें,
जिनके नामसे...
खुदा कसम अभी तो जी भरके,
उन्हें देखा भी नहीं हैं.......!


4584
नाम बदनाम होनेकी,
चिंता छोडो मेरे दोस्त...
जब-जब चर्चे हुए हैं,
तब-तब मशहुर हुए हैं हम...!

4585
आज गुमनाम हूँ तो ज़रा,
फासला रख मुझसे...
कल फिर मशहूर हो जाऊँ तो,
कोई रिश्ता निकाल लेना...!

6 August 2019

4576 - 4580 दिल जिंदगी फ़र्ज़ घबराहट बेशक रिश्ते पहेली अहसास नाम शायरी


4576
दरख़्त नीम हूँ,
मेरे नामसे घबराहट तो होगी;
छांव ठंडी ही दूँगा,
बेशक पत्तोंमें कड़वाहट होगी...

4577
ये मेरा फ़र्ज़ बनता हैं साहब,
मैं उसके हाथ धुलवाऊँ...
सुना हैं उसने,
मेरे नामपर कीचड़ उछाला हैं...!

4578
जिंदगी जिंददिलीका नाम हैं
मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं

4579
अज़ीब पहेली हैं,
कहीं रिश्तोंके नाम ही नहीं होते...
और कहीं पर,
सिर्फ नामके ही रिश्ते रह जाते हैं...!

4580
मेरे लिए अहसास मायने रखता हैं...
रिश्तेका नाम... चलो,
तुम रख लो...!

4 August 2019

4571 - 4575 जहाँ आसमाँ मेहमान गम नफरत कुर्बत मुअससर बारिश नाम शायरी


4571
तेरे बगैर मुर्शिद,
हम कुछ भी हीं जहाँमें;
हम तेरा नाम लेके,
उड़ते हैं आसमाँमें...!

4572
"कुछ तो बात हैं मेरी,
मेहमान-नवाजीमें;
की गम एक बार आते हैं तो,
जानेका नाम नहीं लेते...!"

4573
लेकरके मेरा नाम,
मुझे कोसती तो हैं...
नफरतमें ही सही,
पर मुझे सोचती तो हैं...

4574
ये तेरा "नाम" ही हैं,
जो संभाले हुए हैं मुझे;
की "बेक़रार" होकर भी
"बरक़रार" हूँ मैं...!

4575
तेरी कुर्बत भी नहीं मुअससर
और ये बारिश हैं कि
रुकनेका नाम नहीं लेती।

कुर्बत- नजदीक
मुअससर- मौजूद

3 August 2019

4566 - 4570 मोहब्बत रिश्ते जिंदगी साँस बेकरार मर्ज़ नजर आँख धड़कन उसूल नाम शायरी


4566
रिश्तेका नाम,
जरूरी नहीं होता...
कुछ बेनाम रिश्ते,
रुकी जिंदगीको साँस देते हैं...

4567
उनका नाम ही हैं,
जो सम्भाले हुए हैं मुझको...
कि बेकरार होकर भी,
बरकरार हुँ मैं...

4568
हर मर्ज़का इलाज़,
मिलता था उस बाज़ारमें...
मोहब्बतका नाम लिया,
दवाख़ाने बन्द हो गये...

4569
तेरीनशे वाली आँखोंका,
बड़ा नाम हैं...
आज नजरोंसे पिला दो,
हम तो वैसे भी बदनाम हैं...

4570
धड़कन हर किसीके नामसे,
तेज नही होती जनाब...
धड़कनके भी कुछ,
उसूल होते हैं...

2 August 2019

4561 - 4565 सजदा मोहब्बत मुस्कुरा नजर शराब गुफ्तगू रिश्ते बात धड़कन उसूल शौक नाम शायरी


4561
सजदा कहूँ या,
कहूँ इसे मोहब्बत...
तेरे नामका अक्षर भी,
मैं मुस्कुराकर लिखता हूँ...!

4562
नाम तेरा लिखा,
तो उंगलियाँ गुलाब हुई...
हुई नजरोंसे गुफ्तगू,
तो अखियाँ शराब हुई...!

4563
रिश्ता नहीं हैं,
दोनोंको फिर भी बांधे कोई डोर हैं;
इसको क्या नाम दे हम,
यह बात कुछ और हैं...!

4564
हर किसीके नामसे,
तेज हीं होती...
धड़कनके भी कुछ,
उसूल होते हैं.......!

4565
गुनगुनाती हो,
छुपके मेरा नाम...
शौक तुम भी,
क्या लाजवाब रखती हो...!

4556 - 4560 रूह जिस्म जिंदगी औक़ात जुबां वादा इजहार प्यार फ़िदा कुर्बान इश्क़ शायरी


4556
इक रूहने जाते हुए,
ये जिस्मसे कहा...
ले देखले अब तेरी,
क्या औक़ात रह गई...!

4557
जिसकी रूहमें,
बस गया हो कोई...
उसकी नज़दीकियोंके,
मायने ना पूछिये...!

4558
सिर्फ जुबांसे किया हुआ ही वादा नहीं होता,
बार-बार इजहारसे प्यार ज्यादा नहीं होता;
मुझे जानना हैं तो मेरी रूहमें समा जाओ,
सिर्फ कनारेसे समंदरका अंदाजा नहीं होता...!

4559
हुस्नकी मल्लिका हो,
या साँवली सी सूरत...
इश्क़ अगर रूहसे हो,
तो हर चेहरा कमाल लगता हैं...!

4560
इश्क़ और दोस्ती मेरे दो जहांन हैं,
इश्क़ मेरी रूह, तो दोस्ती मेरा ईमान हैं;
इश्क़ पर तो फ़िदा कर दू अपनी पूरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क़ भी कुर्बान हैं...!

1 August 2019

4551 - 4555 ताल्लुक ख्वाहिशें लिबास रिश्ता बात जिंदगी कातिल सादगी फ़िक्र रूह शायरी


4551
ताल्लुक हो तो,
रूहसे रूहका हो;
दिल तो अकसर,
एक दूसरेसे भर जाया करते हैं...

4552
यूँ झाँको इस कदर,
मेरी रूहके अन्दर...
कुछ ख्वाहिशें मेरी,
वहाँ बे-लिबास रहती हैं...!

4553
काली रातोंको भी,
रंगीन कहा हैं मैंने;
तेरी हर बातपे,
आमीन कहा हैं मैंने...
एक तू ही तो हैं,
हमसाया जिंदगीका मेरी;
वरना यहां तो हर रिश्ता,
मेरी रूहका कातिल हैं...!

4554
ये सोचकर हमने,
ख़ुदको बेरंग रखा हैं...
सुना हैं सादगी ही,
रिश्तोकी रूह होती हैं...!

4555
करूँ क्यों फ़िक्र की,
मौतके बाद जगह कहाँ मिलेगी...
जहाँ होगी महफिल मेरे यारोकी,
मेरी रूह वहाँ मिलेगी.......!

30 July 2019

4546 - 4550 फ़ितरत रोशनी आसमाँ आँख वक़्त और हालात ताल्लुक चाँद शायरी


4546
तो फ़ितरत चाँद कि,
आज ज़ाहिर हो गयी...
बदलते रंगो कि रोशनी उसकी,
खुली आँखोसे देख ली...।

4547
कुछ तुम कोरे कोरेसे,
कुछ हम सादे सादेसे
एक आसमाँपर जैसे,
दो चाँद आधे आधेसे।।

4548
वक़्त और हालातपर,
किसका बस चल सकता हैं;
देखो पूनमके चाँदको भी,
जब ग्रहण लग सकता हैं...

4549
जाने क्या बात खली चाँदको,
कलका पुनम चाँद आज घने बादलोंमें छुप गया...
इतना की सामने आनेकी जिदसे,
गहरा छुप गया.......
भाग्यश्री

4550
काश तू आकाश होता,
तेरा हर ठिकाना मुझपे ही लुटा देता...
काश तू समंदर होता,
अपनी सारी मौज मुझपे लुटा देता...
काश तू चाँद होता,
कभी तो अपनी सारी रोशनी मुझपे ही लुटा देता...
                                                             भाग्यश्री

29 July 2019

4541 - 4545 बादल जुल्फें चेहरे किरदार दाग रोशनी तारा फर्क मुकद्दर तन्हा चाँद शायरीहैं


4541
लो छिप गया,
चाँद बादलोंमें...
जरूर जुल्फें,
उनके चेहरेपर आयी होंगी...!

4542
चलो,
चाँदका किरदार अपना लेते हैं;
दाग अपने पास रखे,
और रोशनी बाँट दते हैं.......!

4543
मुझको ज़रासे चाँदने,
इतना सिखा दिया...
जो देगा रौशनी,
उसे ज़िंदा कहेंगे सब...!

4544
आज टूटा एक तारा देखा,
बिलकुल मेरे जैसा था l
चाँदको कोई फर्क नहीं पड़ा,
बिलकुल तेरे जैसा था.......ll

4545
मेरा और उस चाँदका,
मुकद्दर एक जैसा हैं...
वो तारोंमें तन्हा हैं,
और मैं हजारोंमें तन्हा...

27 July 2019

4536 - 4540 खुशियाँ तलब अश्क मतलब फजूल वफा गैर दौर ईमान रिश्ता मतलब शायरी


4536
ये ना समझना कि,
सिर्फ खुशियोंके ही तलबगार हैं हम...
तुम अगर अश्क भी बेचो,
तो उसके भी खरीदार हैं हम...!

4537
बेमतलब... बेफजूल...
बेकार नहीं हैं...
नये दौरके रिश्तें हैं साहब...
बस वफादार नहीं हैं.......

4538
कुछ गैर ऐसे मिले,
जो मुझे अपना बना गए...
कुछ अपने ऐसे निकले,
जो गैरका मतलब बता गए...!

4539
कीमती  हैं सिक्के,
ईमान सस्ता हैं;
यहां रिश्तोंका मतलब ही,
मतलबका रिश्ता हैं.......

4540
मुझे हीं मतलब,
कौन किसके साथ कैसा हैं...
जो मेरे साथ अच्छा हैं,
वो मेरे लिए अच्छा हैं...