8 May 2020

5841 - 5845 दिल ख़ूबी खामी जिंदगी नजरें लफ्ज बात जज्बात अफसाना गहराई सुकून शायरी



5841
ख़ूबी और खामी,
दोनों ही होती हैं हर इंसानमें l
जो तराशता हैं उसे ख़ूबी नजर आती हैं,
और जो तलाशता हैं उसे खामी नजर आती हैं ll

5842
उन्हें कामयाबीमें सुकून नजर आया,
तो वो दौड़ते गए...
हमें सुकूनमें कामयाबी दिखी,
तो हम ठहर गए.......!

5843
अब तो इतवारमें भी,
कुछ यूँ हो गयी हैं मिलावट;
छुट्टी तो दिखती हैं,
सुकून नजर नहीं आता...ll

5844
चौराहेपर खड़ी जिंदगी नजरें दौड़ाती हैं,
काश कोई फलक दिख जाए...
जिसपर लिखा हो,
सुकून 0. कि .मी. !!!

5845
लफ्जोकी अहमियत ही नहीं जज्बातोके सामने,
ये तो वो अफसाना हैं जो नजरोंसे बयान हो l
समजे जज्बात दिलकी गहराईसे,
और कोई बात भी हो ll

7 May 2020

5836 - 5840 दिल खबर हयात ख़्वाब वजूद ज़ख्म आँसु दामन बोझ गम नजर शायरी



5836
मैने तो देखा था बस,
एक नजरके खातिर...
क्या खबर थी की रग रगमें,
समां जाओगे तुम.......!

5837
नहीं जो दिलमें जगह तो,
नजरमें रहने दो;
मेरी हयातको तुम अपने,
असरमें रहने दो;
मैं अपनी सोचको तेरी,
गलीमें छोड़ आया हूँ;
मेरे वजूदको ख़्वाबोंके,
घरमें रहने दो.......

5838
ज़ख्मोपें मरहम कभी लगाया तो होता,
मेरे आँसुओके लिए दामन बिछाया तो होता,
बदनामियोंके बोझसे जब गर्दन झुक गयी,
कन्धा अपना तुमने बढ़ाया तो होता,
गिर गिरके संभल जाते फिर गिरने के लिए,
अगर नजरोंने तेरी यूँ गिराया ना होता...

5839
खुशियाँ तो कबसे,
रूठ गई हैं मुझसे...
काश,
इन गमोंको भी किसीकी, 
नजर लग जाये.......

5840
मेरी नजरसे अगर तुम,
खुदको देखोगी...
तो हर रोज खुद--खुद अपनी,
नजर उतारोगी.......!
                                          भाग्यश्री

5831 - 5835 दिल याद मुहब्बत हमसफ़र आँखें इश्क तमन्ना आरजु नजर शायरी



5831
यादें उन्हींकी आती हैं,
जिनसे कुछ ताल्लुक हो;
हर शख्स मुहब्बतकी नजरसे,
देखा नही जाता...

5832
आँखें भी बोलती हैं,
मोहब्बतकी भाषा...
हमसफ़रकी नजरसे,
नजर मिलाकर तो देखो...!

5833
तुमने कहा था,
आँखभरके
देख लिया करो मुझे...
मगर,
अब आँख भर आती हैं,
तुम नजर नहीं आते हो...

5834
मदहोश नजरोमें,
इश्ककी चाहत उभर आई हैं l
मोहब्बतको छुपालूँ दिलमें,
आँखें तो हरजाई हैं ll

5835
तमन्नाओंको जिन्दा,
आरजुओंको जवाँ कर लूँ...
तुम नजर इधर करो,
तो मैं भी कुछ गुस्ताखियाँ कर लूँ...

6 May 2020

5826 - 5830 दिल इश्क हकीकत नजरअंदाज खामोश तन्हा खबर याद नजर शायरी



5826
उसका नकाबी चेहरा,
हकीकतमें तब्दील होने लगा...
इश्क मेरा मेरी ही नजरोंमें,
ज़लील होने लगा.......

5827
झुकी झुकी नजर तेरी,
कमाल कर जाती हैं...
उठती हैं एक बार तो,
सवाल कर जाती हैं...

5828
नजरअंदाज कर जा,
एक बार...
पर,
इधरसे गुज़र जा...!

5829
खामोश उनकी नजरोंने,
एक काम गजब का कर डाला...
पहले थे हम दिलसे तन्हा,
अब खुदसे ही तन्हा कर डाला...

5830
बिछे हुए अखबारकी,
पुरानी खबर पढ़ रहा था...
नजर तारीखपे थी,
यादोंसे लड़ रहा था.......

5 May 2020

5821 - 5825 दिल इश्क़ दीदार ख्वाहिश इन्तजार उम्मीद तमन्ना मिजाज नजर शायरी



5821
तकल्लुफ हैं इश्क़में,
नजरअंदाज करना...
तेरे दीदारकी ख्वाहिश,
गलीमें खींच लाती हैं...!

5822
ये चेहरेकी खुशी,
सिर्फ तेरे इन्तजारकी हैं...
क्यूंकि दिलमें आज भी,
उम्मीद तेरे दीदारकी हैं...!

5823
जब ख़ुदाने पूछी,
मुझसे मेरी तमन्नाएँ...
मैंन उनसे यहीं कहाँ कि,
बस उनका दीदार हो जाये...!

5824
बादशाह थे हम,
अपनी मिजाजके...
तेरे इश्क़ने तेरे दीदारका,
फ़क़ीर बना दिया.......

5825
नजरे चुराकर भी कोई देखे,
तो जलता हैं ये दिल...
अंधे थे तेरे इश्क़में पर,
दीदारका हक़ भी मेरा ही था...
                                         सागर

3 May 2020

5816 - 5820 दिल ज़िंदगी लफ्ज़ बात उदासियाँ कसूर आँख अश्क उदासी अदा उदासी शायरी



5816
कैसे एक लफ्ज़में,
बयां कर दूँ...
दिलको किस बातने,
उदास किया.......

5817
खरीद लेंगे,
सबकी सारी उदासियाँ;
सिक्के हमारे मिजाज़के,
चलेंगे जिस रोज...

5818
तेरा कोई कसूर,
नही ज़िंदगी...
ये उदासियाँ,
हमने खुद चुनी हैं...!

5819
खाली नहीं रहा कभी,
आँखोंका ये मकान...
सब अश्क बह गए तो,
उदासी ठहर गई.......

5820
छू ना पाया,
मेरे अंदरकी उदासी कोई,
मेरे चेहरेने,
बहुत अच्छी अदाकारी की...!

2 May 2020

5811 - 5815 दिल आलम शोर बेचैन मुनासिब उदास बेवजह बेसबब उदास शायरी



5811
ना खोल मेरे,
मकानके उदास दरवाज़े;
हवाका शोर मेरी,
उलझने बढ़ा देते हैं...

5812
मुनासिब समझो तो,
सिर्फ इतना ही बता दो...
दिल बेचैन हैं बहुत,
कहीं तुम उदास तो नहीं...

5813
बेवजह, बेसबब...
यूहीं उदास रहेते हैं l
अधूरे लोग कहाँ,
आबाद रहेते हैं ll

5814
ख़ाली ख़ाली जो घर था,
एक दम भर गया;
उदास बैठा वो शख़्स,
कल रात मर गया...

5815
एक मुर्दा जल रहा था,
सारा आलम था उदास...
कलके आने वाले मुर्दे खड़े थे,
उसके आस पास.......

5806 - 5810 जालीम दुनिया लम्हे सपने खीलोने राज हक़ीक़त इरादे आँखें रास्ता उदास शायरी



5806
तुटे कांचके तुकडोसे,
तज कसे हैं जालीम दुनियाने,
चंद लम्हे और टूटे सपने,
इन्ही खीलोनोसे अपनेको बेहलाया हैं हमने ll

5807
टूटे हुए सपनो और रूठे हुए अपनोंने,
उदास कर दिया...
वरना लोग हमसे मुस्करानेका,
राज पुछा करते थे...!

5808
सपनोमें उन्हे हम,
हररोज ढुढते रहें...
वो हैं कि नींद हमारी,
उडाके चले गये.......

5809
सपनोंकी बर्फ़पर,
हक़ीक़तकी गर्मी पड़ती हैं l
तो बहुतसे इरादे,
पानी-पानी हो जातें हैं ll

5810
आँखें तो मेरी नीलाम हो गई,
तुम्हारा रास्ता तकते तकते...  
बिना सोचेसमझे ही मैं हद पार कर गई,
तुम्हारे ही सपने बुनते बुनते.......
                                                   भाग्यश्री

30 April 2020

5801 - 5805 दुआ बरक्कतें नसीहतें हिदायतें मतलब जरूरत असर गर्दिश तबाही मजबूर शायरी



5801
अब कहाँ दुआओंमें वो बरक्कतें,
वो नसीहतें वो हिदायतें...
अब तो बस जरूरतों का जलूस हैं,
मतलबोंके सलाम हैं.......

5802
अपने ही अपनोंसे करते हैं,
अपनेपन की अभिलाषा...
पर अपनोंने ही बदल रखी हैं,
अपनेपनकी परिभाषा.......

5803
तेरी दुआओंमें असर हो तो,
मस्जिदको हिलाके दिखा !
नहीं तो दो घूँट पी और,
मस्जिदको हिलता देख !!!

5804
गर्दिश तो चाहती हैं,
तबाही मेरी मगर;
मजबूर हैं किसीकी,
दुआओंके सामने...

5805
अगर चाहते हो,
की खुदा मिले...!
तो वही करो,
जिससे दुआ मिले...!!!

29 April 2020

5796 - 5800 प्यार खुशनसीब जलील दवा फ़क़ीर दुआ शायरी



5796
कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया,
और करोड़ोंकी दुआयें दे गया !
पता ही नहीं चला की,
गरीब वो था की मैं !!!

5797
जलील किया करो,
किसी फ़क़ीरको अपनी चोखटसे साहब...
वो सिर्फ भीख लेने नहीं,
दुआ देने भी आता हैं.......!

5798
दुआ मांग लिया कर,
तू दवासे पहले...
कोई नहीं देता शिफ़ा,
ख़ुदासे पहले.......!

5799
कोई हैं जो दुआ करता हैं,
अपनोंमें मुझे भी गिना करता हैं l
बहुत खुशनसीब समझते हैं खुदको हम,
दूर रहकर भी जब कोई प्यार किया करता हैं ll

5800
मेरा मजहब तो,
ये दो हथेलियाँ बताती हैं;
जुड़े तो पूजा,
खुले तो दुआ,
कहलाती हैं.......

28 April 2020

5791 - 5795 ज़िन्दगी दुआ दामन सज़दा कुबूल शायरी



5791
बेअसर कहाँ होती हैं,
दुआ कोई भी...
या तेरी कुबूल होगी !
या मेरी कुबूल होगी !!!

5792
मैं तेरी ज़िन्दगीसे चला जाऊँ,
ये तेरी दुआ थी...
और तेरी हर दुआ कबूल हो,
ये मेरी दुआ थी.......

5793
चाहता तो हूँ कि,
हर सुबह आपको
अनमोल खज़ाना भेजूं;
लेक़िन मेरे दामनमें,
दुआओंके सिवा
कुछ हैं भी तो नहीं...!

5794
सज़दे कीजिये,
या माँगिये दुआयें...
जो आपका हैं ही नहीं,
वो आपका होगा भी नहीं...

5795
तुम्हारी दुनियासे जानेके बाद,
हम एक तारेमें नजर आया करेंगे l
तुम हर पल कोई दुआ मांग लेना,
और हम हर पल टूट जाया करेंगे...ll