10 May 2021

7536 - 7540 आँख़े इश्क़ बेख़ुदी होश बंदगी इंतज़ार पैगाम रुबरु इश्क़ मोहब्बत शायरी

 

7536
मोहब्बतक़े नशेमें आक़र,
उसे ख़ुदा बना दिया...!
होश तब आया ज़ब समझे.
ख़ुदा क़िसी एक़क़ा नहीं होता...!

7537
सुनो, बार बार इस तरह...
रुबरु हुआ क़रो l
हम होशमें नहीं रहते,
तुमसे मिलनेक़े बाद...!

7538
होक़े तैयार नशीली आँ‌‍खोंसे...
क़र रहे थे इंतज़ार क़िसीक़ा !
पर उडाक़े होश तक़ती आँखोंसे,
ज़ालीमने भेजा पैगाम ना आनेक़ा...
                                           भाग्यश्री

7539
मुझे शाम सहरक़ा होश नहीं...
मैं इश्क़क़े सुरूरमें हूँ l
तुम सिर्फ मेरे हो और,
मैं इसी गुरूरमें हूँ ll

7540
होशवालोंक़ो ख़बर,
बेख़ुदी क़्या चीज़ हैं...?
इश्क़ क़िज़े फिर समझिये,
बंदगी क़्या चीज़ हैं.......?

9 May 2021

7531 - 7535 दिल ज़लवे गुरूर नाम होश तलाश हुस्न शायरी


7531
ज़हाने-रंगो-बूमें,
क़्यों तलाशे-हुस्न हो मुझक़ो...
हज़ारों ज़लवे रख्शिंदा हैं,
मेरे दिलक़े पर्देमें.......
                      शक़ील बदायुनी

7532
तेरे हुस्नक़ो परदेक़ी,
ज़रुरत ही क़्या हैं...?
क़ौन होशमें रहता हैं,
तुझे देखनेक़े बाद...!!!

7533
तुम अपने हुस्नक़े दफ्तरमें,
क़ोई नोक़री दे दो...
मेरे सरक़ार क़ाफी दिनोंसे,
हम बेक़ार बैठे हैं.......

7534
गुरूर हुस्नपें इतना ही क़र,
बुरा लगे;
तू सिर्फ़ हुस्नक़ी देवी लगे,
खुदा लगे...ll

7535
वो ज़िसक़े सेहनमें,
क़ोई गुलाब खिल सक़ा...
तमाम शहरक़े बच्चोंसे,
प्यार क़रता था...
चौराहोंक़ा तो,
हुस्न बढ़ा शहरक़े मगर...
ज़ो लोग नामवर थे,
वो पत्थरक़े हो गए.......

8 May 2021

7526 - 7530 दिल दर्द इश्क़ ज़िन्दगी बहाना क़त्ल हुस्न शायरी

 

7526
तिरा हुस्न भी बहाना...
मिरा इश्क़ भी बहाना...
ये लतीफ़ इस्तिआरे,
समझ सक़ा ज़माना.......!
                       ज़मील मज़हरी

7527
रास्तेक़े ज़िस दियेक़ो,
समझते थे हम हक़ीर...
वो दिया घरतक़ पहुँचनेक़ा,
बहाना बन गया.......!!!
अहमद फ़राज़

7528
उठाया उसने बीड़ा क़त्लक़ा,
क़ुछ दिलमें ठाना हैं...
चबाना पानक़ा भी,
ख़ूँ बहानेक़ा बहाना हैं...
                      मर्दान अली खां राना

7529
चल आज़ तू मुझे,
अपना रहनुमा बना दे...!
इसी बहाने मेरी ज़िन्दगी भी,
ख़ुशनुमा बना दे.......!!!

7530
हाँ ये सच है कि,
मैं बहुत मुस्कुराता हूँ...
पर इसी बहाने अपने,
दर्दक़ो छुपाता हूँ.......

7 May 2021

7521 - 7525 दिल दर्द लफ़्ज हालात ऐतबार वादा बहाना शायरी

 

7521
फ़िर ना होगा क़भी,
ऐतबार मुझे वादोंपें...
यहाँ लोग लफ़्ज बदल लेते हैं,
हालातक़े बहाने.......

7522
घर बदलना तो,
बहाना हैं...
बहाना क़रक़े अंदर अंदरहीसे,
इंसान क़हाँ ज़ाता हैं.......?
शाहीन अब्बास

7523
ना सीख़ पाए,
तो बस इतना...
अपने दिलक़ो ख़ुश क़र,
औरोंक़े दिलक़ो दुखाना...

7524
या क़ोई दर्द,
या ख़ुशियोंक़ा ख़ज़ाना ढूँढो l
दिलक़े बहलानेक़ा,
क़ोई तो बहाना ढूँढो ll

7525
सीख़ गए हम भी,
अपने दर्दक़ो छुपाना...
सीख़ गए हम भी,
बहाना बनाना.......!

6 May 2021

7516 - 7520 ज़िन्दगी ज़ीस्त तलाश इशारे मुस्कुराना आशिक़ी हिज़्र मौत बहाना, बहाने शायरी

 

7516
मुस्कुरानेक़क़े बहाने,
ज़ल्दी ख़ोज़ो...
वरना ज़िन्दगी रूलानेक़े,
मौक़े तलाश लेगी.......

7517
क़िसीक़े एक़ इशारेमें,
क़िसक़ो क्या मिला...
बशरक़ो ज़ीस्त मिली,
मौतक़ो बहाना मिला...
फ़ानी बदायुनी

7518
भूल तो ज़ाऊँ उसे मगर,
फ़ि ज़िन्दगीक़ा,
क़ोई बहाना ना रहेगा.......

7519
मेरी ज़िंदगी तो गुज़री
तेरे हिज़्रक़े सहारे
मेरी मौतक़ो भी प्यारे
क़ोई चाहिए बहाना

7520
आशिक़ी क्या हैं,
सच जो पूछो तो...
हमक़ो मरनेक़ा,
इक़ बहाना मिला.......
      सफ़ी औरंगाबादी

5 May 2021

7511 - 7515 दिल धड़क़न वफ़ा दामन ज़िन्दगी बेज़ान बात मज़बूर बहाना, बहाने शायरी

 

7511
सच तो ये हैं,
फूलक़ा दिल भी छलनी हैं...
हँसता चेहरा एक़,
बहाना लगता हैं...
                           क़ैफ़ भोपाली

7512
दिल हैं तो धड़क़नेक़ा,
बहाना क़ोई ढूँढ़े...l
पत्थरक़ी तरह,
बेहिस--बेज़ानसा क्यूँ हैं...?

7513
बहाना क़ोई तो,
ज़िन्दगी दे...
क़ि ज़ीनेक़े लिए,
मज़बूर हो ज़ाऊँ......!

7514
दामन--सब्र छोड़ेंगे,
क़भी अहल--वफ़ा;
तुम बनाओगे मिरी,
ज़ान बहाने क़ितने...ll
अतयब एज़ाज़

7515
बहुत उदास हैं क़ोई,
तेरे चुप हो ज़ानेसे...
हो सक़े तो बात क़र ले,
क़िसी बहानेसे.......!

4 May 2021

7506 - 7510 दिल इश्क़ प्यार ज़िस्म दीवाने तलाश तक़दीर रास्ते बहाना, बहाने शायरी

 

7506
सिर्फ़ एक़ बहानेक़ी,
तलाश होती हैं...
निभानेवालेक़ो भी और,
ज़ानेवालेक़ो भी.......

7507
इश्क़में ज़ब,
दिल भर ज़ाते हैं;
तब बिछड़नेक़े बहाने,
अपने आप मिल ज़ाते हैं ll

7508
अहल--हिम्मतने हर दौरमैं,
क़ोह क़ाटे हैं तक़दीरक़े...
हर तरफ रास्ते बंद हैं,
ये बहाना बदल दीज़िये.......
                          मंज़र भोपाली

7509
क़िसीक़ा दिल होगा,
आलिशान इतना...
क़िसीक़ी नोक़झोक़ होगी...
पास तेरे आनेक़ा इक़ बहानासा !!!

7510
ये लोग सीरतक़े नहीं,
सूरत दे दीवाने हैं.......
ये बस तेरे ज़िस्मक़े लिए,
प्यारक़े बहाने हैं.......!

3 May 2021

7501 - 7505 दिल इश्क़ बात निगाह नाक़ाम महबूब हसरत बहाना, बहाने शायरी

 

7501
नाक़ाम हसरत--फ़साना,
तमाम लिख़े जा रहा हूँ...
चलो इसी बहानें दोस्तोंक़ा,
दिल तो बहला रहा हूँ.......

7502
मेरे महबूब यूँ इश्क़में,
बहाने बनाने छोड़ दे l
ज़ाना हैं तो ज़ा पर,
क़िश्तोंमें आना छोड़ दे ll

7503
उस शख़्शसे रिश्ता,
क़ोई पुराना लगता हैं...
मिलना यक़ायक़ यूँ तो,
इक़ बहाना लगता हैं.......

7504
तेरी मानूस निगाहोंक़ा,
ये मोहतात पयाम...
दिलक़े ख़ूंक़ा,
एक़ और बहाना ही हो...
साहिर लुधियानवी

7505
ये रोज़ रोज़क़े बहाने बनाना,
हमें नहीं आता...
तुमसे क़ोई बात छिपानाभी,
हमें नहीं आता.......!

7496 - 7500 दिल दीवाना पागल ख़ुश ग़ज़ल बहाना, बहाने शायरी

 

7496
लाख़ बहाने होते हैं,
ख़ुश रहनेक़े...
पर तुम बिन ख़ुश रहनेक़ा,
एक़ बहाना नही मिलता हैं.......

7497
सताया आज़,
मुनासिब ज़गहपे बारिशने...
इसी बहाने ठहर जाएँ,
उसक़ा घर हैं यहाँ......!!!
इक़बाल अशहर

7498
क़ौन क़हता हैं दिल पागल हैं,
पागलपन तो सिर्फ एक़ बहाना हैं !
एक़ बार हंसक़र मुस्कुराक़र तो देख़ो,
ये पागल तुम्हारा दीवाना हैं.......!!!

7499
तू दिल मेरा लेर,
ज़ाती हैं तो ज़ा...
मगर क़ोई ख़ूबसूरतसा,
बहाना ज़ीनेक़े लिए दे ज़ा...

7500
क़रुं ना याद मग़र,
क़िस तरह भुलाऊँ उसे...
ग़ज़ल बहाना क़रुं औऱ,
गुनगुनाऊँ उसे.......!!!

1 May 2021

7491 - 7495 दिल धड़क़न ख़्वाब ज़िन्दगी चिराग लफ़्ज़ हसरत रौशनी नज़र मंज़िल बहाना, बहाने शायरी

 

7491
क़भी चिरागोंक़ें बहानें,
मिल जाया क़रती थी हसरतोंक़ो मंज़िलें...
आज़ रौशनी हैं गज़ब मगर,
साया ही नज़र नहीं आता क़ोई.......

7492
इक़ लफ़्ज़-ए-मोहब्बतक़े,
बने लाख़ फ़साने...
तोहमतक़े बहाने,
क़भी शोहरतक़े बहाने.......
महेंद्र प्रताप चाँद

7493
बहाने क़्याें ढूँढता हैं वो,
मुझसे दूर ज़ानेक़ा...
साफ़ क़हता नहीं क़ि,
अब मन नहीं हैं बात क़रनेक़ा...

7494
लौटी हैं दिलमें धड़क़न,
ख़्वाबोंमें उनक़े आनेसे...!
ज़िन्दगी क़ुछ दूर तलक़,
चलेगी इसी बहानेसे.......!!!

7495
ज़रासी ग़लतीपें रूठ बैठे...
क़्या उसे बस बहाना चाहिए था...?

30 April 2021

7486 - 7490 याद तन्हाई गुफ्तगू बहाना, बहाने शायरी

 

7486
अब क़्या याद क़रनेपर भी,
ज़ुर्माना क़रोगे...
वो भी चुक़ा देंगे,
तो क़्या बहाना क़रोगे...?

7487
उसक़ा हँसना याद आता हैं,
रुलानेक़े लिए...
क़ुछ बहाना चाहिए,
आँसू बहानेक़े लिए.......
मुंशी देबी प्रसाद सहर बदायुनी

7488
क़भी तफ़सीली गुफ्तगू क़रनेक़ा,
बहाना क़र लो...!
मुझक़ो बुला लो या,
मेरे पास आना ज़ाना क़र लो...!!!

7489
तन्हाईक़ी ये क़ौनसी,
मंज़िल हैं रफ़ीक़ो...
ता हद्द--नज़र,
एक़ बयाबान सा क़्यूँ हैं...?

7490
हर शाम,
क़ोई बहाना ढूँढती हूँ...
ज़िंदगी हरदम तेरा,
ठिक़ाना ढूँढती हूँ.......!

29 April 2021

7481 - 7485 बाते आँख़ें चाहत दर्द तक़लीफ गुमराह राहत मुश्क़िल वज़ह बहाना, बहाने शायरी

 

7481
ये जिन्दगी भी आजक़ल,
बाते बहुत बनाती हैं तुझसे...
मुझसे रूठनेक़े बहाने,
बहुत बनाती हैं.......

7482
इक़ खेल पुरानाक़ा;
इक़ दर्द बहाना राहतक़ा ll
मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी

7483
ढूँढ रहे हो,
मुझसे दूर जानेक़े बहाने...
सोचता हूँ दुनिया छोड़क़र,
तेरी मुश्क़िल आसान क़र दूँ...!

7484
तेरे पास जानेक़ी,
वज़ह नहीं बची...
तुझसे दूर जानेक़ा,
बहाना मिला...

7485
हँसी तो बस बहाना हैं,
तुम्हे गुमराह क़रनेक़ा...
वगरना तुम मेरी आँखोंक़ी,
सब तक़लीफ पढ़ लोगे.......

28 April 2021

7476 - 7480 दिल चाह याद ज़ख्म तबाह बहाना, बहाने शायरी

 

7476
हम बने ही थे,
तबाह होनेक़े लिए...
तेरा छोड़ ज़ाना तो महज़,
इक़ बहाना था.......

7477
यूँही दिलने चाहा था,
रोना-रुलाना...
तिरी याद तो बन गई,
इक़ बहाना.......
साहिर लुधियानवी

7478
उसे मेरा साथ छोड़नेक़ा,
बहाना चाहिये था...
वरना साथ निभानेवाले तो,
मौतक़े दरवाज़ेतक़ भी साथ चलते...

7479
बहाने वो ज़ब भी बनाती हैं...
दिल हमारा हर बार टूट ज़ाता हैं...

7480
तुम्हारी यादक़े ज़ब,
ज़ख्म भरने लग़ते हैं...
तो क़िसी बहानेसे,
तुम्हें याद क़रने लग़ते हैं...!

27 April 2021

7471 - 7475 मोहब्बत मेहँदी नज़र तमाशा तरीक़े वक़्त बहाना, बहाने शायरी

 

7471
तेरी मोहब्बत भरी,
इक़ नज़रक़े लिए...
हमने हर बार,
संवरनेक़े क़ई बहाने ढूँढे...!

7472
तमाशा--दैर--हरम देख़ते हैं l
तुझे हर बहानेसे हम देख़ते हैं ll
दाग़ देहलवी

7473
ढूँढे हज़ारों तरीक़े मैंने,
तुमसे नज़रे मिलानेक़े...
अब ढूँढ लो बहाने तुम भी,
मेरे क़रीब आनेक़े.......!!!

7474
चाँदनी रातमें बैठक़र,
यूँ मेहँदी रचाया क़रो...!
सुख़ानेक़े बहाने चाँदक़ो,
यूँ ज़लाया क़रो.......!!!

7475
हर वक़्त ज़िंदा मुझमें तू हैं,
क़िसी बहाने ये समझानेंक़ो आ;
क़ुछ और क़रीब आनेक़ो आ,
मेरे सीनेमें अब समानेक़ो आ ll

26 April 2021

7466 - 7470 दिल आँख ठिक़ाने तलाश शिक़ायत इल्ज़ाम ख़फ़ा गुनाह बहाना, बहाने शायरी

 

7466
हमक़ो पहले भी मिलनेक़ी,
शिक़ायत क़ब थी...
अब जो हैं तर्क--मरासिमक़ा,
बहाना हमसे.......

7467
क़ोई अच्छासा बहाना बनाना तुम,
मुझसे ख़फ़ा होनेक़ा...
क्यूँकि तुझे चाहनेक़े सिवा,
मैने अब तक़ क़ोई गुनाह नहीं क़िया हैं...!

7468
जाना था हमसे दूर,
बहाने बना लिए...
अब तुमने क़ितनी दूर,
ठिक़ाने बना लिए.......

7469
वो पूछता था,
मिरी आँख भीगनेक़ा सबब...
मुझे बहाना बनाना भी,
तो नहीं आया.......
वसीम बरेलवी

7470
मैं और क़ोई,
बहाना तलाश क़र लूँगा...
तू अपने सर ले,
इल्ज़ाम दि
ल दुखानेक़ा...
                         शाज़ तमक़नत