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नाम देनेसे फ़नसे,
रिश्ते सँवर ज़ाते हैं...
ज़हाँ रूह न बँधे,
दिल बिख़र ज़ाते हैं...!
8372रूहानी इश्क़ होता हैं ज़ब,ज़िस्मक़ी प्यास नहीं होती...lहवाक़ा रंग़ नहीं होता,इश्क़क़ी ज़ात नहीं होती...ll
8373
अल्हड़सी ओसक़ी बूँदे,
लबोंक़ो मेरे भिग़ो ग़ई...
तुम आओ तो,
मेरे रूहक़ी प्यास बुझे...
8374लिपटे रहते हैं तेरे अहसास,मेरी रूहसें हरदम...हरदम ख़ुदमें तुम्हे,महसूस क़रता हूँ मैं...!!!
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तेरी रूहमें सन्नाटा हैं,
और मेरी आवाज़में चुप्पी l
तू अपने अंदाज़में चुप,
मैं अपने अंदाज़में चुप ll