20 March 2022

8391 - 8395 वज़ूद सफ़र एहसास ज़िस्म ज़ुदा महसूस रूह शायरी

 

8391
वज़ूदक़ी तलब ना क़र,
हक़ हैं तेरा l
रूहतक़ सफ़र तो क़र...

8392
अपने इमानक़ी हिफ़ाज़त,
ख़ुदसे हैं मुक़म्मल...
रूहक़े मुआयनेक़े लिए,
क़ोई आईना नहीं होता...ll

8393
क़िसीसे ज़ुदा होना,
इतना आसान होता तो...
रूहक़ो ज़िस्मसे लेने,
फ़रिश्ते नहीं आते.......

8394
सिर्फ़ एहसास हैं,
ये रूहसे महसूस क़रो l
प्यारक़ो प्यार ही रहने दो,
क़ोई नाम दो ll

8395
रूह चाहती हैं,
तेरे आग़ोशमें समा ज़ाऊँ...
पलभरक़ो ग़ुफ़्तगू हो ज़ाऊँ और.
फ़िर सदियोंक़े लिए सो ज़ाऊँ.......

19 March 2022

8386 - 8390 नसीब याद ज़िस्म मोहब्बत इश्क़ रूबरू आँखें फ़ितरत रूह शायरी

 

8386
ज़िस्म ख़ुश रूह उदास,
लिए फ़िरते हो...
ये क़िस क़िस्मक़ी,
मोहब्बत क़िए फ़िरते हो...?

8387
आज़क़ा इश्क़,
हैसियत देख़ता हैं, साहिब...
वो दौर अलग़ था,
ज़ब रूहसे इश्क़ होता था...!

8388
यूँ तो होते हैं रूबरू चेहरे बहोत,
हररोज़ मुझसे...
लेक़िन रुहक़ो सुक़ून ज़िससे मिले,
वो चेहरा तुम्हारा हैं.......

8389
नसीबक़े आग़े क़िसीक़ी नहीं चलती,
लेक़िन इतना याद रख़ना,
बाहोंमें चाहे क़ोई भी आये,
महसूस वहीं होग़ा ज़ो रूहमें समाया होग़ा ll

8390
दिलसे ख़ेलनेक़ी फ़ितरत,
ख़ुदाने भी क़्या खूब रखी...
इश्क़क़ो रूहतक़ रख़ा,
मोहब्बतक़ो आँखें नहीं बख़्शी...!!!

18 March 2022

8381 - 8385 एहसास मुलाक़ात बातें रूह दिल इश्क़ मोहब्बत प्यास रूह शायरी

 

8381
एहसास क़रा देती हैं रूह,
ज़िनक़ी बातें नहीं होती...
इश्क़ वो भी क़रते हैं ज़िनक़ी,
मुलाक़ाते नहीं होती.......

8382
ज़ब रूहमें उतर ज़ाता हैं,
बेपनाह इश्क़क़ा समंदर...
लोग़ ज़िंदा तो होते हैं मग़र,
क़िसी औरक़े अंदर.......

8383
वो रूह भी आसमानी होती हैं,
ज़िस दिलमें मोहब्बत होती हैं ll

8384
इश्क़ वो ख़ेल नहीं,
ज़ो छोटे दिलवाले ख़ेलें l
रूहतक़ काँप ज़ाती हैं,
सदमे सहते-सहते ll

8385
उसने मुझसे पूछा,
मोहब्बतक़ी क़श्मक़श क़्या हैं...
मैने क़हा बाहोंमें समंदर,
और रूह प्यासी.......!

8376 - 8380 दिल ज़िस्म इश्क़ आरजू अरमान मुलाक़त वज़ह ज़िंदग़ी रूह शायरी

 

8376
बेनाम आरजूक़ी,
वज़ह ना पूछिए...
क़ोई अज़नबी था,
रूहक़ा दर्द बन ग़या...

8377
क़ितना मुश्क़िल हैं ज़हाँमें,
अच्छा दिलज़ानी होना...
हुस्नक़े दौरमें,
इश्क़क़ा रूहानी होना...

8378
सुनो ना, अरमानोंक़ो यूँ हीं मचलने दो,
आरजू मिलनेक़ी यूँ हीं बरक़रार रख़ना l
यह ज़रूरी तो नहीं मुलाक़त मुमकिन हो,
मग़र रूहसे इश्क़क़ो यूँ हीं आबाद रख़ना ll

8379
क़ोई ज़िस्मपर अटक़ ग़या और,
क़ोई दिलपर अटक़ ग़या...
इश्क़ उसीक़ा मुक्क़मल हुआ,
ज़ो रूहतक़ पहुँच ग़या...

8380
एक़ सवाल पूछती हैं,
मेरी रूह अक्सर...
मैंने दिल लग़ाया हैं,
या ज़िंदग़ी दाँवपर...!

16 March 2022

8371 - 8375 अंदाज़ अहसास नाम रिश्ते दिल इश्क़ ज़िस्म प्यास रूह शायरी

 

8371
नाम देनेसे फ़नसे,
रिश्ते सँवर ज़ाते हैं...
ज़हाँ रूह बँधे,
दिल बिख़र ज़ाते हैं...!

8372
रूहानी इश्क़ होता हैं ज़ब,
ज़िस्मक़ी प्यास नहीं होती...l
हवाक़ा रंग़ नहीं होता,
इश्क़क़ी ज़ात नहीं होती...ll

8373
अल्हड़सी ओसक़ी बूँदे,
लबोंक़ो मेरे भिग़ो ग़ई...
तुम आओ तो,
मेरे रूहक़ी प्यास बुझे...

8374
लिपटे रहते हैं तेरे अहसास,
मेरी रूहसें हरदम...
हरदम ख़ुदमें तुम्हे,
महसूस क़रता हूँ मैं...!!!

8375
तेरी रूहमें सन्नाटा हैं,
और मेरी आवाज़में चुप्पी l
तू अपने अंदाज़में चुप,
मैं अपने अंदाज़में चुप ll

8366 - 8370 रिश्ता फ़रिश्ता तलाश दिल ज़िस्म इश्क़ ज़न्नत सुक़ून रूह शायरी

 

8366
रूहसे ज़ुड़े रिश्तोंपर,
फ़रिश्तोंक़े पहरे होते हैं...
क़ोशिश क़रलो तोड़नेक़ी,
ये और भी ग़हरे होते हैं.......!

8367
तलाश हैं एक़ सच्ची रूहक़ी,
ज़ो मुझे दिलसे चाहे...
ज़िस्म तो बाज़ारमें भी,
मिल ज़ाते हैं.......

8368
ज़ब यार मेरा हो पास मेरे,
मैं क़्यूँ हदसे ग़ुज़र ज़ाऊँ...
ज़िस्म बना लूँ उसे मैं अपना,
या रूह मैं उसक़ी बन ज़ाऊँ.......

8369
रूहक़ा रूहसे वास्ता,
यूँ हो ज़ाता हैं...
नज़रे क़ह दे और,
दिल समझ ज़ाता हैं...

8370
रूह मेरी, इश्क़ तेरा...
ज़ान मेरी, ज़िस्म तेरा...
ज़न्नत मिले पहलूमें तेरे,
बाहे तेरी और सुक़ून मेरा...!

14 March 2022

8361 - 8365 सुक़ून तलाश आवारग़ी एहसास मोहब्बत ख़्वाहिश नज़र ज़िंदगी रूह शायरी

 

8361
एक़ रूह हैं ज़िसक़ो,
सुक़ूनक़ी तलाश हैं...
एक़ मिज़ाज़ हैं ज़िसक़ो,
आवारग़ीक़ी तलब हैं.......

8362
चेहरा ढूंढोग़े तो,
मुस्क़ान हीं मिलेग़ी...
वीरानियाँ ग़र देख़नी हैं,
रूहक़ी तलाशी ले लो.......

8363
एक़ एहसास तेरा,
मुक़म्मल ज़िंदगी मेरी,
एक़ ख़ुशी तेरी,
सौ दुआएरूह मेरी...!!!

8364
रूहक़ो छू ज़ाती हैं तेरी नज़र,
इस क़दर ना देख़ा क़रो हमें...
तेरी नज़रमें क़ुछ क़शिश हैं,
क़हीं मोहब्बत ना हो ज़ाए हमें...

8365
मैं ख़्वाहिश बन ज़ाऊँ,
और तू रूहक़ी तलब...
बस यूँ हीं ज़ी लेंगे,
दोनों मोहब्बत बनक़र...

13 March 2022

8356 - 8360 रिश्ता फ़ितरत इश्क़ इलाज़ ज़िंदगी तड़प इलाज़ रूह शायरी

 

8356
रूहक़े रिश्तोंक़ी,
यहीं खूबी हैं...
महसूस हो हीं ज़ाती हैं,
क़ुछ बातें अनक़हीं.......

8357
शायर-ए-फ़ितरत हूँ मैं,
ज़ब फ़िक़्र फ़रमाता हूँ मैं...!
रूह बनक़र ज़र्रे ज़र्रेमें,
समा ज़ाता हूँ मैं.......!!!

8358
मेरी रूह ग़ुलाम हो ग़ई हैं,
तेरे इश्क़में शायद...
वरना यूँ छटपटाना,
मेरी आदत तो ना थी.......

8359
रूहक़ी तडपक़ा,
इलाज़ हो तुम...
और ज़िंदगी हमसे पूछो,
सनम क़ितनी लाज़वाब हो तुम...

8360
रूहक़ी तड़पक़ा,
इलाज़ हो तुम...
क़ौन क़हता हैं,
मोहब्बत लाइलाज़ बीमारी हैं...?

11 March 2022

8351 - 8355 ज़हर दवा ज़िस्म इश्क़ इबादत एहसास महसूस लफ्ज़ चेहरे रिश्ता रूह शायरी

 

8351
मुझे क़ोई पढ़ता,
तो क़्या पढ़ता...
मेरे रूहसे लेक़र चेहरेपें तो,
सिर्फ़ तुम लिख़ें हो.......!!!

8352
ज़िस्मसे रूहतक़ ज़ाए,
तो हक़ीक़त हैं इश्क़...
और रूहसे रूहतक़ ज़ाए,
तो इबादत हैं इश्क़.......!

8353
अधूरेसे रहते हैं,
मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक़्रक़े बिना,
ज़ैसे मेरी हर शायरीक़ी,
रूह तुमही हो.......!!!

8354
ना चाहतोंक़ा,
ना हीं ये दौलतोंक़ा रिश्ता हैं...
ये तेरा मेरा,
तो बस रूहक़ा रिश्ता हैं.......!

8355
ज़हर भी हैं, एक़ दवा भी हैं इश्क़,
तुझसे और तुझतक़, मेरी रज़ा हैं इश्क़...
ज़िस्म छूक़र तो, हरक़ोई एहसास पा ज़ाए,
रूहतक़ महसूस हो, वो नशा हैं इश्क़...!!!

10 March 2022

8346 - 8350 दिल इश्क़ हसीन बारिश प्यार मोहब्बत ज़िस्म रूह शायरी

 

8346
लाख़ों हसीन हैं,
इस दुनियामें तेरी तरह...!
क़्या क़रे हमें तो,
तेरी रूहसे प्यार हैं.......!!!

8347
बसाना ही हैं,
तो रूहमें बसा मुझक़ो l
दिलक़ा क़्या यह तो,
क़भी भी भर ज़ाता हैं ll

8348
ताल्लुक़ हो तो,
रूहसे रूहक़ा हो...
दिल तो अक़सर एक़ दूसरेसे,
भर ज़ाया क़रते हैं.......

8349
ज़ो मेरे दिलमें हैं,
तेरे दिलमें भी वहीं आरज़ू चाहिए...
मोहब्बतमें मुझे ज़िस्म नहीं,
तेरी रूह चाहिए.......

8350
क़भी इश्क़ क़रना तो,
बारिशक़ी बूंदोंसा क़रना...
ज़ो तनपे ग़िरे और,
अंदर तलक़ रूह भीग़ ज़ाये...

8341 - 8345 चेहरे दिल दाग़ इश्क़ ज़िस्म ज़नम मैं रूह शायरी

 
8341
महज़ बस पैरहन हैं रूहक़ा,
ज़िसे हम ज़िस्म क़हते हैं...
फक़त इस पैरहनक़ी ख़ातिर,
हम क़्या क़्या सहते हैं.......

8342
चेहरे और पोशाक़से,
आँक़ती हैं दुनिया...
रूहमें उतरक़र क़ब,
झाँक़ती हैं दुनिया...

8343
इश्क़ ज़िस्मसे नहीं,
रूहसे क़िया ज़ाता हैं...!
ज़िस्म तो एक़ लिबास हैं.
ये हर ज़नम बदल ज़ाता हैं...!!!

8344
रूहपर मैं क़ा,
दाग़ ज़ाता हैं,
ज़ब दिलोंमें,
दिमाग़ ज़ाता हैं ll

8345
फ़ीक़ी हैं हर चुनरी,
फ़ीक़ा हर बन्धेज़...
ज़िसने रंग़ा रूहक़ो,
वो सच्चा रंग़रेज़...!!!

8 March 2022

8336 - 8340 ज़िस्म दिल दामन दर्द ज़िंदग़ी प्यास अल्फ़ाज़ ज़ख़्म मोहब्बत तबाह दस्तक़ रूह शायरी

 

8336
ज़िस्म पिघलता हैं,
रूह तबाह होती हैं,
दिलोंक़े टूटनेक़ी क़हीं,
क़ोई आवाज़ नहीं होती...

8337
यक़ीनन तुमने रूहतक़,
दस्तक़ दी होगी...
सुना हैं, दिलतक़ दस्तक़ देनेवाले,
दर्द बहुत देते हैं.......

8438
नाख़ून अल्फ़ाज़ोंक़े,
रोज़ पैने क़रता हूँ...
ज़ख़्म रूहक़े सूख़ें,
अच्छे नहीं लग़ते...

8339
ज़िस्मसे होनेवाली मोहब्बत,
आसान होती हैं...!
और रूहसे हुई मोहब्बतक़ो समझनेमें.
ज़िंदग़ी ग़ुज़र ज़ाती हैं.......!!!

8340
प्यास इतनी हैं,
मेरी रूहक़ी ग़हराईमें...
अश्क़ ग़िरता हैं तो,
दामनक़ो ज़ला देता हैं...

7 March 2022

8331 - 8335 दिल लफ्ज़ ख्वाब इश्क़ प्यास महक़ क़रीब मंज़र रूह शायरी

 

8331
मेरी रूहक़ो छू लेनेक़े लिए,
बस क़ुछ लफ्ज़ ही क़ाफ़ी हैं l
क़ह दो बस इतना ही क़ी,
तेरे साथ अभी ज़ीना बाक़ी हैं ll

8332
तेरा साया भी पड़ ज़ाए,
तो रूह ज़ी उठती हैं...
सोच ख़ुद तेरे ज़ानेसे,
मंज़र क़्या होग़ा.......!!!

8333
इश्क़ हूँ, मुक़म्मल हूँ,
मुझमें समा तो सहीं...
रूहक़ी प्यास हूँ, ताउम्रक़ी आस हूँ,
सीनेसे लग़ा तो सहीं.......!

8334
तुम्हे हाथोंसे नहीं,
दिलसे छुना चाहते हैं !
ताक़ि तुम ख्वाबोंमें नहीं,
मेरी रूहमें सक़ो !!!

8335
महक़ ज़ाती हैं मेरी रूह,
ये सुनक़े,
तू यहीं क़हीं,
क़रीब ही हैं...ll