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आँख़ोंक़ी चमक़ पलकोंक़ी शान हो तुम,
चेहरेक़ी हंसी लबोंक़ी मुस्क़ान हो तुम...
धड़क़ता हैं दिल बस तुम्हारी आरज़ूमें,
फ़िर क़ैसे ना क़हूँ मेरी ज़ान हो तुम...!!!
8437बेचैनियोंक़ी अपनी,सबब ज़ान लीज़िए...lडर क़्यों रहीं हो ?दिलक़ा क़हां मान लीज़िए...ll
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न वबाल तनपें हैं सर मिरा,
नहीं ज़ान ज़ानेक़ा ड़र...
ज़रा क़टे ग़म हीं निक़ले ज़ो दम मिरा,
मुझे अपनी ज़िन्दग़ी बार हैं...
8439क़्यूँ क़र उस बुतसे रख़ूँ ज़ान अज़ीज़,क़्या नहीं हैं मुझे ईमान अज़ीज़ lदिलसे निक़ला पह न निक़ला दिलसे,हैं तेरे तीरक़ा पैक़ान अज़ीज़ l
ताब लाये ही
बनेग़ी ग़ालिब,
बाक़िआ सख़्त हैं और
ज़ान अज़ीज़ ll
मिर्ज़ा ग़ालिब
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ज़िंदग़ीक़े लिये ज़ान ज़रूरी हैं,
ज़ीनेक़े लिये अरमान ज़रूरी हैं...
हमारे पास हो चाहें क़ितना भी ग़म,
लेक़िन तेरे चहरेपर मुस्क़ान ज़रूरी हैं...