30 January 2018

2286 - 2290 रौनक ज़िन्दगी वफ़ा सिलसिले दर्द ‎महसूस जज़्बात बात मुलाक़ात जवाब सवाल‎ शायरी


2286
चुप्पियाँ जिस दिन
'खबर' हो जायेगी,
कई हस्तियाँ
दर–ब–दर हो जायेगी...

2287
खूश्बु कैसे ना आये,
मेरी बातोंसे यारों...
मैने बरसोंसे एक ही फूलसे,
मोहब्बत जो की है ...।

2288
गुज़र गया दिन,
अपनी तमाम रौनकें लेकर,
ज़िन्दगीने वफ़ा कि तो,
कल फिर सिलसिले होंगे...

2289
बड़ा मुश्किल हैं,
जज़्बातोकोशायरीमें बदलना,
हर दर्द महसूस करना पड़ता हैं,
यहाँ लिखनेसेपहले...

2290
तुझसे एक बार बात करनी थी,
आखरी ही सही मुलाक़ात करनी थी,
दे देता तुझे हर एक जवाब...
बस एक बार तू सवाल तो पूछ लेती थी l

29 January 2018

2281 - 2285 इश्क प्यार ज़िन्दगी निशानी रूह प्यास आँख बख्श अश्क नसीब तकदीर नादान शायरी


2281
जानेवाले मुझे कुछ,
अपनी निशानी दे जा ;
रूह प्यासी न रहे ,
आँखमें पानी दे जा...!!!

2282
“इश्क" हैं साहब...
बचके रहियेगा.....
जो नसीब वालोंको 'बख्श' देता हैं,
और बदनसीबको 'अश्क' देता हैं.......!

2283
सबके चेहरेमें वह बात नहीं होती,
थोड़ेसे अँधेरेसे रात नहीं होती,
ज़िन्दगीमें कुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क्या करे उन्हीसे आजकल मुलाकात नहीं होती...

2284
हम तो नादान थे,
जो इतराके गा रहे थे,
सच तो ये हैं की,
महफील उनको देखने आयी थी...!

2285
रबने कितनोकी तकदीर संवारी हैं,
काश आज वो मुस्कुराके कह दे ...
आज तेरी बारी हैं . . . . . . . !

2276 - 2280 आँखें शतरंज उसूल तसल्ली चाल मुहब्बत मिजाज नसीब पसन्द शायरी


2276
रखलो आईने,
हज़ार तसल्लीके लिए.....
पर सचके लिए,
आँखें तो मिलानी पड़ेंगी.......

2277
शतरंजका एक उसूल,
बहुत ही उम्दा हैं...
चाल कोई भी चलो,
पर... अपनोंको नहीं मार सकते !!!

2278
काश मेरा घर,
तेरे घरके करिब होता,
मुहब्बत ना सही...
देखना तो नसीब होता.......!

2279
आज मिजाज अच्छा हैं हमारा...
सितम करना हो तो लौट आओ...

2280
अकेला छोड़ दो मुझे,
या फिर मेरे हो जाओ ।
यूँ मुझे पसन्द नहीं,
कभी पाना और कभी खोना ....॥

27 January 2018

2271 - 2275 दिल याद दर्द जीना नाम खूबसूरत हसीन तन्हाई नादान दुआ बाते मुश्किल शायरी


2271
न वो आ सके, न हम कभी जा सके !
न दर्द दिलका किसीको सुना सके !
बस बैठे हैं यादोंमें उनकी !
न उन्होंने याद किया और...
न हम उनको भुला सके !

2272
अच्छा लगता हैं,
तेरा नाम मेरे नामके साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो,
किसी हसीन शामके साथ...

2273
वो अपनी तन्हाईकी खातिर
फिर आ मिली मुझसे
हम नादान ये समझे,
हमारी दुआओंमें असर हैं।

2274
उन्हें छोड़ दूँ...
उन्हें भुल जाऊँ...
कैसी बाते करते हो,
मुझे तो उनके नामके लोग भी,
अच्छे लगते हैं.......

2275
क्या बताऊँ कितना
मुश्किल हैं जीना,
जिसके लिए हैं जीना,
उसके बिना ही जीना !

23 January 2018

2266 - 2270 प्यार रिश्ता याद बरस नाकाम मौसम अदा दिलखुश खुशियाँ भी तरस बातें अजीब ग़म चाह शायरी


2266
उन्होंने तो मुझे,
जी भरकर चाहा.....
पर नहीं पता था कि,
अब उनका मुझसे जी भर गया...

2267
नाकाम हुए हम दोनों,
बहोत बुरी तरहसे,
तुम हमें चाह ना सके और,
हम तुम्हे पा ना सके !

2268
मौसम आज तेरी अदापर,
दिलखुश हो गया...।
याद उसकी मुझे आई...,
और बरस तू गया...॥

2269
खुशियाँ भी तरसती हैं,
मुझसे मिलनेको...
और ग़म तो जैसे,
कोई जिगरी यार हो मेरा...

2270
प्यारका रिश्ता भी,
कितना अजीब होता हैं,
मिल जाये तो बातें लंबी...
और बिछड़ जायें तो यादें लंबी.......

22 January 2018

2261 - 2265 वक्त इशारा नफरत गुजर दुश्मन खेमे याद बात छांव धूप तेज कत्ल लम्बी उम्र साज़िश शायरी


2261
मुझसे नफरत करने वालो,
एक काम करो,
सुधर जाओ नहीं तो,
गुजर जाओ !!

2262
दुश्मनके खेमेमें चल रही थी,
मेरे कत्लकी साज़िश...
मैं पहुंचा तो बोले,
"यार तेरी उम्र बहुत लम्बी हैं"।

2263
पेड़ काटने आये हैं कुछ लोग,
मेरे शहरमें ... !
अभी धूप बहुत तेज हैं कहकर,
उसकी छांवमें बैठे हैं .....!

2264
मैं खुश हूँ कि,
कोई मेरी बात तो करता है...
बुरा कहता हैं तो क्या हुआ,
वो याद तो करता हैं...!

2265
वक्त इशारा देता रहा,
हम इत्तेफाक़ समझते रहे;
बस यूँ ही धोखे खाते रहे,
और इस्तेमाल होते रहे !

21 January 2018

2256 - 2260 प्यार गुस्सा सितम पाबंद वक्त आवारा लफ़्ज़ ख़ामोशी ज़ुबाँ समझदारी आँखें शायरी


2256
नहीं मिला कोई,
तुम जैसा आज तक...
पर ये सितम अलग हैं की,
मिले तुम भी नहीं......

2257
" रात तो पाबंद हैं,
वक्तपर लौट आती हैं रोज़...
नींद ही आवारा हो गयी हैं,
आज कल..."

2258
लफ़्ज़ोंके बोझसे,
थक जाती हैं ज़ुबाँ कभी-कभी...
पता नहीं ख़ामोशी,
मज़बूरी हैं... या समझदारी...!

2259
तुमको आता हैं,
प्यारपर गुस्सा,
हमको आता हैं,
तुम्हारे गुस्सेपर बहुत !!!

2260
वो तो आँखें थी,
जो सब सच बयाँ कर गयी ...
वरना लफ्ज होते तो,
कबके मुकर गए होते... !

20 January 2018

2251 - 2255 प्यार ‎दिल दुनियाँ रिश्ते दर्द प्यास पल हंसी अंदाज़ महक गलतफहमी नज़र शायरी


2251
हर दिलमें दर्द छुपा होता हैं,
बयाँ करनेका अंदाज़ जुदा होता हैं,
कोई अश्कोंसे बहा देता है और...
किसीकी हंसीमें भी दर्द छुपा होता हैं !

2252
भीगी मिट्टीकी महक,
प्यास बढ़ा देती हैं,
दर्द बरसातकी बूँदोंमें,
बसा करता हैं l
           मरग़ूब अली

2253
गलतफहमीका एक पल इतना,
जहरीला होता हैं...
जो प्यार भरे सौ लम्होंको...
एक पलमें भुला देता हैं......

2254
रिश्ते बनानेके लिए...
बस एक पल चाहिए...
पर उसे निभानेके लिए...
एक खुबसूरत  दिल चाहिए !!!

2255
बन्दा खुदकी नज़रमें,
सही होना चाहिए...
दुनियाँ तो,
भगवानसे भी दुखी हैं ...

19 January 2018

2246 - 2250 मोहब्बत ख़ामोशी नजर वक़्त जहर जरूरत रूबरू सलीका बयाँ कदर यकीं शायरी


2246
अगर तुम्हें यकीं नहीं,
तो कहनेको कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हें यकीं हैं,
तो मुझे कुछ कहनेकी जरूरत नहीं !

2247
चलो अब जाने भी दो ,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर...
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हमसे होगा नहीं !!!

2248
चले जायेंगे आपको,
आपके हालपर छोड़कर...
कदर क्या होती हैं,
आपको वक़्त सिखा देगा !

2249
जहरसे खतरनाक हैं,
यह मोहब्बत,
जरासा कोई चखले,
तो मरमरके जीता हैं !

2250
नजरोंसे दूर होकर भी,
यूँ तेरा रूबरू रहना;
किसीके पास रहनेका सलीका हो,
तो तुमसा हो...

18 January 2018

2241 - 2245 दिल मुहब्बत चेहरा आईना झूठ होठ मुस्कान दर्द मुसाफिर जख्मी रस्ते गवाह दुश्मन शायरी


2241
कौन कहता हैं...
आईना झूठ नहीं बोलता ;
वह सिर्फ होठोकी मुस्कान देखता हैं,
दिलका दर्द नहीं...!

2242
आईना आज फिर...
रिशवत लेता पकडा गया ;
दिलमें दर्द था और,
चेहरा हंसता हुआ पकडा गया...!

2243
कौन कहता हैं...
मुसाफिर जख्मी नहीं होते ;
रस्ते गवाह हैं,
कम्बख्त गवाही नहीं देते ...!

2244
वो दुश्मन बनकर ,
मुझे जीतने निकले थे...
मुहब्बत कर लेते ,
मैं खुद ही हार जाता...!

2245
वो दुश्मन बनकर,
तब हुआ जब...
मैने कहा "ठीक हूँ"
और उसने मान भी लिया...!

2236 - 2240 दिल मोहब्बत नफरत दर्द याद हौसले जुदा लहर लफ्ज दुआ शख्स बेवफा बयाँ वफ़ा इश्क़ खामोश आँख डूब अंजाम शायरी


2236
वो पानीकी लहरोंपें क्या लिख रहा था;
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था;
मोहब्बतमें मिली थी नफरत उसेभी शायद;
इसलिए हर शख्सको शायद बेवफा लिख रहा था ।

2237
हैं दर्द सबके एक जैसे,
मगर हौसले जुदा - जुदा,
कोई टूटकर बिखर गया,
तो कोई मुस्कुराके चल दिया...
2238
किसीकी यादोंको रोक पाना मुश्किल हैं,
रोते हुए दिलको मनाना मुश्किल हैं,
ये दिल अपनोंको कितना याद करता हैं...
ये कुछ लफ्जोमें बयाँ कर पाना मुश्किल हैं l

2239
वफ़ाका दरिया कभी रुकता नहीं,
इश्क़में प्रेमी कभी झुकता नहीं,
खामोश हैं हम किसीके खुशीके लिए,
ना सोचोके हमारा दिल दुखता नहीं...!

2240
पानीमें तैरना सिखले मेरे दोस्त...
आँखोंमें डूबनेका अंजाम बुरा होता हैं.......!

16 January 2018

2231 - 2235 दिल मोहब्बत अजीब खामोश कशिश दिन रात बात लफ्ज अल्फ़ाज तनहां लब अधुरा हरजाई ख्याल वजह महक शायरी


2231
ऐसा नहीं हैं कि दिन नहीं ढलता,
या रात नहीं होती,
सब अधुराअधुरासा लगता हैं,
जब बात नहीं होती ...।

2232
आज कोई शायरी नहीं,
बस इतना सुन लो...
मैं तनहां हुँ,
और वजह तुम हो...

2233
एक अजीबसी कशिश हैं...
हरजाई तेरे ख्यालोंमें...
चुभते हैं दिलमें काँटे...
फिरभी फूलोंसी महक आती हैं..!

2234
अल्फ़ाज ना भी आप
लबोंपर लाते ...
आपकी खामोशियाँ भी बखूबी
हमे समझ आती हैं ...!

2235
छोटा हैं मोहब्बत लफ्ज,
मगर तासीर इसकी प्यारी हैं,
इसे दिलसे करोगे तुम,
तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी हैं !

15 January 2018

2226 - 2230 दिल प्यार इश्क़ मोहब्बत इक़रार इनकार नजर जमाने बारीश आँख कोशिश दीवाने अंदाज चौखट शायरी


2226
कभी इतना मत मुस्कुराना की,
नजर लग जाए जमानेकी;
हर आँख मेरी तरह,
मोहब्बत की नही होती...!

2227
प्यार बारीशकी बुंदोकी तरह हैं,
जिसको छुनेकी कोशिशमें,
हथेलियाँ तो गीली हो जाती हैं...
पर हाथ हमेशा खाली ही रहते हैं !

2228
हमारे इश्क़का अंदाज,
कुछ अजीबसा था,
लोग इंसान देखकर मोहब्बत करते हैं,
हमने मोहब्बत करके इंसान देख लिया...

2229
गिरते हुए आँसुओंको,
कौन देखता हैं...
झूठी मुस्कानके,
दीवाने हैं सब यहाँ...

2230
उनकी चौखटपें जाना हैं,
अब थम जा, ए दिल...
वहाँ इक़रारभी हों सकता हैं,
इनकार भी.......