2286
चुप्पियाँ जिस दिन
'खबर' हो जायेगी,
कई हस्तियाँ
दर–ब–दर हो जायेगी...
2287
खूश्बु कैसे ना आये,
मेरी बातोंसे यारों...
मैने बरसोंसे एक ही फूलसे,
मोहब्बत जो की है ...।
2288
गुज़र गया दिन,
अपनी तमाम रौनकें लेकर,
ज़िन्दगीने वफ़ा कि तो,
कल फिर सिलसिले होंगे...
2289
बड़ा मुश्किल हैं,
जज़्बातोको शायरीमें बदलना,
हर दर्द महसूस
करना पड़ता हैं,
यहाँ लिखनेसे पहले...
2290
तुझसे एक बार बात करनी थी,
आखरी ही सही मुलाक़ात करनी थी,
दे देता तुझे हर एक जवाब...
बस एक बार तू सवाल तो पूछ लेती थी l