26 January 2021

7091 - 7095 दामन आँख इंतज़ार ख्वाब रोशनी काबिल उम्मीद शायरी

 

7091
खाक़--उम्मीदमें उंगलियाँ फिराते,
कोई चिंगारी ढूंढता हूँ...
फिर कोई ख्वाब जलाना हैं,
कि रात रोशनी मांगती हैं.......

7092
उम्मीदका दामन बड़ा पैना हैं,
सुर्ख़ रंग हो गए हाथ मेरे.......

7093
बहुत चमक हैं,
उन आँखोंमें अब भी l
इंतज़ार नहीं बुझा पाया हैं,
उम्मीदकी लौ ll

7094
उससे मैं कुछ पा सकूँ,
ऐसी कहाँ उम्मीद थी...l
ग़म भी वो शायद,
बराए-मेहरबानी दे गया...ll

7095
वो उम्मीद ना कर मुझसे,
जिसके मैं काबिल नहीं l
खुशियाँ मेरे नसीबमें नहीं और,
यूँ बस दिल रखनेके लिए,
मुस्कुरान भी वाज़िब नहीं l
कहते हैं कि उम्मीदपें जीता हैं ज़माना,
वो क्या करे जिसे कोई उम्मीद ही नहीं ll

25 January 2021

7086 - 7090 दीवानगी ख़ुद्दारी हौसला वक़्त क़दम आस उम्मीद शायरी

 

7086
दीवानगी हो, अक़्ल हो,
उम्मीद हो, कि आस...
अपना वही हैं वक़्तपें,
जो काम गया.......

7087
मुझे दुश्मनसे भी ख़ुद्दारीकी,
उम्मीद रहती हैं ;
किसीका भी हो,
सर क़दमोंमें अच्छा नहीं लगता...

7088
दश्त--इम्कांमें कभी,
शक़्ल--चमन बनही गयी...
इस उम्मीद--ख़ाम पर हूँ,
आशियाँ-बर-दोश मैं.......

7089
उम्मीदसे कम,
चश्म--खरीदारमें आए,
हम लोग ज़रा...
देरसे बाजारमें आए.......!

7090
उम्मीद वक़्तका,
सबसे बड़ा सहारा हैं l
ग़र हौसला हैं तो,
हर मौजमें किनारा हैं ll

23 January 2021

7081 - 7085 आँखें चमक ख्वाब लिबास किस्मत उम्मीद शायरी

 

7081
दरवेश इस उम्मीदमें था के,
कोई आँखें पढ़ लेगा...
भूल बैठा के अब ये,
ज़बान समझाता कौन हैं...?

7082
बरखाकी स्याह रातमें,
उम्मीदकी तरह;
निर्भीक जुगनुओंका,
चमकनाभी देखिये ll

7083
यहाँ रोटी नहीं,
उम्मीद सबको जिंदा रखती हैं l
जो सड़कोंपर भी सोते हैं,
सिरहाने ख्वाब रखते हैं ll

7084
तपती रेतपें दौड़ रहा हैं,
दरियाकी उम्मीद लिए...
सदियोंसे इन्सानका,
अपने आपको छलना जारी हैं...

7085
उम्मीदका लिबास, तार तार ही सही...
पर सी लेना चाहिए l
कौन जाने कब किस्मत माँग ले,
इसको सर छुपानेके लिए...ll

22 January 2021

7076 - 7080 दिल अहसास बज़्म जीस्त उम्मीद शायरी

 

7076
दिलसा दिलसे,
दिलके पास रहे तू...
बस यही उम्मीद हैं के,
खास रहे तू.......!

7077
चंद किरनें,
ले आया हूँ तेरे लिए...!
हैं उम्मीदके तेरा,
दिन रोशन रहेगा.......!!!

7078
कभी बादल, कभी बारिश,
कभी उम्मीदके झरने...!
तेरे अहसासने छूकर,
मुझे क्या-क्या बना डाला...!!!

7079
उठता हूँ उसकी बज़्मसे,
जब होके ना उम्मीद...
फिर फिरके देखता हूँ,
कोई अब पुकार ले.......

7080
अपने सीनेसे लगाए हुए,
उम्मीदकी लाश...
मुद्दतों जीस्तको,
नाशाद किया हैं मैंने.......

21 January 2021

7071 - 7075 दिल इंतज़ार वफ़ा बेवफ़ा उल्फ़त साया गली उम्मीद शायरी

 

7071
इतना भी ना-उम्मीद,
दिल--कम-नज़र हो l
मुमकिन नहीं कि,
शाम--अलमकी सहर हो ll

7072
नहीं हैं ना-उम्मीद इक़बाल,
अपनी किश्त--वीरांसे...
ज़रा नम हो तो ये मिट्टी,
बहुत ज़रखेज़ हैं साक़ी.......

7073
यूँ ही तो कोई किसीसे,
जुदा नहीं होता...
वफ़ाकी उम्मीद ना हो तो,
कोई बेवफ़ा नहीं होता.......

7074
उनकी उल्फ़तका यकीं हो,
उनके आनेकी उम्मीद...
हों ये दोनों सूरतें तब हैं,
बहार--इंतज़ार.......

7075
अबके गुज़रो उस गलीसे,
तो जरा ठहर जाना...
उस पीपलके सायेमें मेरी,
उम्मीद अब भी बैठी हैं.......!

20 January 2021

7066 - 7070 दिल वफ़ा इलाज शिकायत इन्तज़ार आरज़ू दर्द गुनाह शम्मा महफिल उम्मीद शायरी

 

7066
किससे उम्मीद करें,
कोई इलाज--दिलकी...
चारागर भी तो बहुत,
दर्दका मारा निकला...!
                    लुत्फ़ु र्रहमान

7067
उम्मीद ऐसी न थी
महफिलके अर्बाब-ए-बसीरतसे
गुनाह-ए-शम्माको भी
जुर्म-ए-परवाना बना देंगे
क़लीम आजिज़

7068
तेरी उम्मीद, तिरा इन्तज़ार,
कबसे हैं...
ना शबको दिनसे शिकायत,
ना दिनको शबसे हैं.......!
                                      फैज़

7069
रही ना ताक़त--गुफ़्तार,
और अगर हो भी तो...
किस उम्मीदपें कहिये की,
आरज़ू क्या हैं.......
ग़ालिब

7070
अब वफ़ाकी उम्मीदभी,
किससे करे भला...
मिटटीके बने लोग,
कागजोमें बिक जाते हैं...!
                  अल्ताफ़ हुसैन हाली

19 January 2021

7061 - 7065 दिल बात वादा वफ़ा प्यास गर्दिश आँख बहक मंज़िल हौंसला उम्मीद शायरी

 

7061
तुम कहाँ, वस्ल कहाँ,
वस्लकी उम्मीद कहाँ...
दिलके बहकानेको,
इक बात बना रखी हैं...!
         आग़ा शाएर क़ज़लबाश

7062
उम्मीद तो बाँध जाती,
तस्कीन तो हो जाती...
वादा ना वफ़ा करते,
वादा तो किया होता.......!

7063
उनकी आँखोंसे रखे क्या,
कोई उम्मीद--करम...
प्यास मिट जाये तो,
गर्दिशमें वो जाम आते हैं...

7064
उम्मीदमें बैठे हैं,
मंज़िलकी राहमें...
तू पुकारे तो,
हौंसलोंको इलहाम मिले...!

7065
इतनाभी मत रुठ मुझसे,
कि तुझे मनानेकी,
उम्मीद ही खत्म हो जाए...

18 January 2021

7056 - 7060 दिल पुकार आरज़ू वफ़ा शिकवा आवारा साहिल उम्मीद शायरी

 

7056
उसके बंदोंको,
देखकर कहिए...
हमको उम्मीद क्या,
ख़ुदासे रहे.......
                 जावेद अख़्तर

7057
अब्र-ए-आवारासे,
मुझको हैं वफ़ाकी उम्मीद...
बर्क-ए-बेताबसे,
शिकवा हैं, के पाइंदा नहीं...

7058
जा, लगेगी कश्ती--दिल...
साहिल--उम्मीदपर...!
दीदा--तरसे अगर...
दरिया रवाँ हो जाएगा...!!!
                       मिर्ज़ा अंजुम

7059
मुदतोंसे यही आलम हैं,
तवक्को, उम्मीद...
दिल पुकारे ही,
चला जाता हैं जाना जाने...

7060
दिल--वीराँमें,
अरमानोकी बस्ती तो बसाता हूँ...
मुझे उम्मीद हैं,
हर आरज़ू ग़म साथ लाएगी...
                        जलील मानिकपुरी

17 January 2021

7051 - 7055 दिल मोहब्बत तमन्ना हसरत आँखें उम्मीद शायरी

 

7051
एक उम्मीदसे,
दिल बहलता रहा...
इक तमन्ना,
सताती रहीं रातभर.......
             फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

7052
सरमाया--उम्मीद,
हैं क्या पास हमारे...
इक आह हैं सीनेमें,
सो -उम्मीद असरसे...

7053
ना पूछना कैसे गुज़रता हैं,
इक पल भी तेरे बिना...
कभी देखनेकी हसरतमें,
कभी मिलनेकी उम्मीदमें...!

7054
अभी उसके लौट आनेकी,
उम्मीद बाकी हैं...
किस तरहसे मैं अपनी,
आँखें मूँद लूँ.......

7055
अब के उम्मीदके शोलेसे भी,
आँखें जलीं...
जाने किस मोड़ पे ले आयी,
मोहब्बत हमको.......

16 January 2021

7046 - 7050 ख़याल चिराग़ रौशनी राह जिंदगी खुशियाँ उम्मीद शायरी

 

7046
उम्मीद कीजिए अगर,
उम्मीद कुछ नहीं...
ग़म खाइए बहुत जो,
ख़याल--सुरूर हैं.......
                      इस्माइल मेरठी

7047
मुतमइन हैं वो,
मुझे देके उम्मीदोंके चिराग़...
तिफ़्ल--मक़तब हूँ,
खिलौनोंसे बहल जाऊँगा.......!

7048
उम्मीदकी किरणके सिवा,
कुछ नहीं यहाँ !
इस घरमें रौशनीका बस,
यहीं इंतज़ाम हैं...!!!

7049
सूनी राहोंके तकाज़ोंपें,
जिंदगी अब भी;
तेरी उम्मीदमें,
खुशियोंकी तलबगार रहें...

7050
खुदसे उम्मीद रखना,
बेहतर हैं, मग़र...
अपनोंसे नाउम्मीदी,
अच्छी नही लग़ती.......

15 January 2021

7041 - 7045 मंज़िल ख़्वाब यार ज़िद्द तसल्ली जिन्दगी उम्मीद शायरी

 

7041
मंज़िल हैं, मंज़िलकी हैं,
कोई दूर तक उम्मीद...
ये किस रस्तेपें मुझको,
मेरा रहबर लेके आया हैं.......

7042
ख़्वाब--उम्मीदका हक़,
आहका फ़रियादका हक़...
तुझपें वार आए हैं,
ये तेरे दिवाने क्या क्या...

7043
मुद्दतें बीत गयी आज,
पर यार--ज़िद्द ना गयी...
बंद कर दिए गए दरवाजे,
मगर उम्मीद ना गयी.......!

7044
आस क्या अब तो,
उम्मीद--ना-उम्मीदी भी नहीं...
कौन दे मुझको तसल्ली,
कौन बहलाए मुझे.......
अमीरुल्लाह तस्लीम

7045
तुम भुला दो मुझे,
ये तुम्हारी अपनी हिम्मत हैं ;
पर मुझसे तुम ये उम्मीद,
जिन्दगी भर मत रखना.......!

14 January 2021

7036 - 7040 प्यार इंतज़ार मुह्ब्बत साँस रूह लफ्ज जहान दुनिया दास्ताँ हसरत उम्मीद शायरी

 

7036
तेरे जहानमें ऐसा नहीं कि,
प्यार हो...
जहाँ उम्मीद हो इसकी,
वहाँ नहीं मिलता.......!
                          निदा फ़ाज़ली

7037
तेरी उम्मीद,
तेरा इंतज़ार करते हैं l
हैं सनम हम तो सिर्फ,
तुमसे प्यार करते हैं ll

7038
कहनेको लफ्ज दो हैं,
उम्मीद और हसरत...
लेकिन निहाँ इसीमें,
दुनियाकी दास्ताँ हैं...

7039
अभी कुछ वक्त बाकी हैं,
अभी उम्मीद कायम हैं,
कहींसे लौट आओ तुम,
मुह्ब्बत साँस लेती हैं ll

7040
बिछड़के तुझसे मुझे हैं,
उम्मीद मिलनेकी...
सुना हैं रूहको आना हैं,
फिर बदनकी तरफ़.......!

13 January 2021

7031 - 7035 ज़माना मुलाक़ात मोहब्बत दीदार चराग़ उम्मीद शायरी

 

7031
फूटनेको थी,
उम्मीदकी इक किरन...
हो गई फिर,
उनकी मेहरबानी नई...
                     क़ैसर ख़ालिद

7032
एक रात आपने,
उम्मीदपें क्या रक्खा हैं...
आज तक हमने,
चराग़ोंको जला रक्खा हैं...!

7033
नजरमें शोखियाँ,
लबपर मोहब्बतका तराना हैं...
मेरी उम्मीदकी ज़दमें,
अभी सारा ज़माना हैं.......

7034
बे-क़रारी थी सब,
उम्मीद--मुलाक़ातके साथ;
अब वो अगलीसी दराज़ी,
शब--हिज्राँ में नहीं ll

7035
उसके दीदारकी उम्मीद,
दोबारा कैसी...
कहीं होती हैं तजल्लीको भी,
तकरार ग़लत.......
                           मुर्लीधर शाद

12 January 2021

7026 - 7030 दिल मायूस सफ़र ज़िंदगी आशिक कत्ल कातिल उम्मीद शायरी

 

7026
मीठासा होता हैं,
सफ़र यह ज़िंदगीका...
बस कड़वाहट तो,
किसीसे ज़्यादा उम्मीद,
रखनेसे होती हैं.......

7027
दिल गवारा नहीं करता,
शिकस्ते-उम्मीद...
हर तगाफुलपै,
नवाजिशका गुमाँ होता हैं...
रविश सिद्दकी

7028
कहती हैं ये दुनिया,
बस अब हार मान जा;
उम्मीद पुकारती हैं,
बस एक बार और सही ll

7029
मेरे दिले-मायूसमें,
क्यों कर हो उम्मीद...
मुरझाये हुए फूलमें,
क्या बू नहीं होती.......
अख्तर अंसारी

7030
खींचकर लाई हैं सबको,
कत्ल होनेकी उम्मीद...
आशिकोंका आज जमघट,
कूचा--कातिलमें हैं.......

11 January 2021

7021 - 7025 दिल ज़िंदगी गम मोहब्बत धोख़ा कसम वफा उम्मीद शायरी

 

7021
ना रख किसीसे,
मोहब्बतकी उम्मीद...
कसमसे लोग खुबसूरत बहुत हैं,
पर वफादार नहीं.......!

7022
आधे दुःख गलत लोगोंसे,
उम्मीद रखनेसे होते हैं...l
और...
बाकी आधे सच्चे लोगोंपें,
शक करनेसे होते हैं.......ll

7023
दिल नाउम्मीद तो नहीं,
नाकाम ही तो हैं...
लंबी हैं गमकी शाम,
मगर शाम ही तो हैं.......!
                  फैज अहमद फैज

7024
मिरी उम्मीदका सूरज,
कि तेरी आसका चाँद...!
दिए तमामही रुख़पर,
हवाके रक्खे थे.......!!!
ज़फ़र मुरादाबादी

7025
कमसे कम मौतसे ऐसी,
मुझे उम्मीद नहीं...
ज़िंदगी तू ने तो,
धोकेपें दिया हैं धोख़ा.......
                  फ़िराक़ गोरखपुरी