7181
दोस्ती जब,
किसीसे की जाएँ;
दुश्मनोंकी भी,
राय ली जाए...
राहत इंदौरी
7182जगह ही नहीं दिलमें,अब दुश्मनोंके लिए...कब्ज़ा दोस्तोंका,कुछ ज्यादा ही हो गया हैं...!
7183
दोस्त हर ऐब,
छुपा लेते हैं...
कोई दुश्मन भी,
तिरा हैं कि नहीं...
बाक़ी सिद्दीक़ी
7184मेरी दोस्तीका,फायदा उठा लेना, क्यूँकि...मेरी दुश्मनीका,नुकसान सह नहीं पाओगे...!
7185
ख़ुदाके वास्ते,
मौक़ा न दे शिकायतका...
कि दोस्तीकी तरह,
दुश्मनी निभाया कर.......
साक़ी फ़ारुक़ी