21 January 2022

8121 - 8125 ज़िंदग़ी चाहत ख़ुशी ग़म वफ़ा फ़ना मौत तराना नफ़स मोहब्बत होंट नाम शायरी

 

8121
इसीक़ा नाम,
शायद ज़िंदग़ी हैं...
ख़ुशीक़ी इक़ घड़ी तो,
इक़ ग़मीक़ी.......
                 अमज़द नज़मी

8122
चलो अपनी चाहते नीलाम क़रते हैं,
मोहब्बतक़ा सौदा सरे आम क़रते हैं,
तुम क़ेवल अपना साथ हमारे नाम क़र दो,
हम अपनी ज़िंदगी तुम्हारे नाम क़रते हैं ll

8123
छुपें हैं लाख़ हक़क़े मरहले,
ग़ुमनाम होंटोंपर...
उसीक़ी बात चल ज़ाती हैं,
ज़िसक़ा नाम चलता हैं...
                         शक़ील बदायुनी

8124
वफ़ाक़ा नाम तो,
पीछे लिया हैं...
क़हा था तुमने,
इससे पेशतर क़्या...?
बेख़ुद देहलवी

8125
फ़ना हीं क़ा हैं,
बक़ा नाम दूसरा अंज़ुम...
नफ़सक़ी आमद--शुद,
मौतक़ा तराना हैं.......!
                   महावीर परशाद अंज़ुम

19 January 2022

8116 - 8120 सुबह शाम शोर रिश्ता ज़माने दुनिया क़यामत ख़ुशबू पुक़ार नाम शायरी

 

8116
गो अपने हज़ार नाम रख़ लूँ,
पर अपने सिवा मैं और क़्या हूँ...
                                    जौन एलिया

8117
अब रख़, चाहे तोड़ दे इसे,
ये दिल तेरे नाम रहेग़ा...
तू क़ह, चाहे या मत क़ह,
ये दिल तो तुझे,
अपना सुबह शाम क़हेग़ा...!

8118
रख़ दिया ख़ल्क़ने,
नाम उसक़ा क़यामत--ज़ेब,
क़ोई फ़ित्ना जो ज़मानेसे,
उठाया ग़या...
                            ज़ेब उस्मानिया

8119
आपसी रिश्तोंक़ी ख़ुशबूक़ो,
क़ोई नाम दो...
इस तक़द्दुसक़ो,
क़ाग़ज़पर उतारा ज़ाए...
महेंद्र प्रताप चाँद

8120
हर तरफ़ शोर,
उसी नामक़ा हैं दुनियामें...
क़ोई उसक़ो जो पुक़ारे,
तो पुक़ारे क़ैसे.......?
                           ज़ावेद अख़्तर

18 January 2022

8111 - 8115 मोहब्बत वफा इक़रार शौक़ रिश्ता ज़िंदग़ी तन्हाई ज़माने ख़ंज़र नाम शायरी

 

8111
पहले बड़ी रग़बत थी,
तिरे नामसे मुझक़ो...
अब सुनक़े तिरा नाम,
मैं क़ुछ सोच रहा हूँ...
             अब्दुल हमीद अदम

8112
शौक़ हैं तुझक़ो,
ज़मानेमें तिरा नाम रहे...
और मुझे डर हैं,
मोहब्बत मिरी बदनाम हो...
सरवर आलम राज़

8113
बैठा हूँ आज़,
क़ुछ रिश्तोंक़ा हिसाब क़रने,
अग़र वफाओंमें तुझे रख़ दिया,
तो बाक़ी रिश्ते नाराज़ हो ज़ाएंग़े ll

8114
क़ितने ग़ुलशन क़ि सजे थे,
मिरे इक़रारक़े नाम...
क़ितने ख़ंज़र क़ि मिरी,
एक़ नहीं पर चमक़े.......
शहबाज़ ख़्वाज़ा

8115
ज़िंदग़ी शायद,
इसीक़ा नाम हैं...
दूरियाँ, मज़बूरियाँ,
तन्हाइयाँ.......
                   क़ैफ़ भोपाली

8106 - 8110 मोहोब्बत प्यास याद ख़्वाब आँख़ ज़ज़्बात लफ़्ज़ ज़ुबां लब अल्फ़ाज़ एहसास नाम शायरी

 

8106
तुझसे मोहोब्बत क़रता हूँ,
बार बार यक़ीन दिलाना ज़रूरी नहीं हैं l
क़भी क़भी एक़ लफ़्ज़ हीं शायरी होती हैं,
हर बार क़ाफ़िया मिलाना ज़रूरी नहीं ll

8107
शायद इसीक़ा नाम,
मोहब्बत हैं, शेफ़्ता...
इक़ आग़सी हैं,
सीनेक़े अंदर लग़ी हुई...
मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता

8108
अल्फ़ाज़क़ी शक़्लमें एहसास लिख़ा ज़ाता हैं l
यहाँ पर पानीक़ो प्यास लिख़ा ज़ाता हैं l
मेंरे ज़ज़्बातसे वाक़िफ़ हैं मेरी क़लम भी l
प्यार लिख़ुं तो तेरा नाम लिख़ा ज़ाता हैं ll

8109
दिलमें छिपी यादोंसे सवारूँ तुझे,
तू देख़े तो अपनी आँख़ोंमें उतारू तुझे...
तेरे नामक़ो लबोंपें ऐसे सज़ाया हैं,
सो भी ज़ाऊ तो ख़्वाबोंमें पुक़ारू तुझे...!

8110
नाम मेरा क़ई लोग़,
लेते हैं ज़ुबांसे मग़र...
क़हनेपर मैं सिर्फ़,
तेरे चलता हूँ.......!

17 January 2022

8101 - 8105 बात यादें वस्ल सनम महफ़िल क़ाग़ज़ ख़त क़िताबें नाम शायरी

 
8101
तू दंग़ रह ज़ाएग़ी,
ये बात ज़ानक़र...
मैं तो तेरा पहले हीं,
हो ग़या था,
तेरा नाम ज़ानक़र...!

8102
क़ाग़ज़, ख़त, क़िताबें,
और यादें तमाम...
बता तू क़हाँ-क़हाँ लिखूँ,
तेरा ये नाम.......!!!

8103
तेरा नाम लिख़ती हैं,
उँग़लियाँ ख़लाओंमें...
ये भी इक़ दुआ होग़ी,
वस्लक़ी दुआओंमें.......
                    इशरत आफ़रीं

8104
महफ़िल-आराई हमारी,
नहीं इफ़रातक़ा नाम...
क़ोई हो या ना हो,
आप तो आए हुए हैं...!
सहर अंसारी

8105
तेरे नामपर,
क़्या शायरी लिखूँ सनम...
तेरा नाम क़ाग़ज़पर लिख़ते हीं,
शायरी बन ज़ाती हैं.......!

15 January 2022

8096 - 8100 शक़्स दिल बोझ यक़ीन ज़ुबां नज़र क़सम नाम शायरी

 

8096
ज़ब भी आता हैं मिरा नाम,
तिरे नामक़े साथ...l
ज़ाने क़्यूँ लोग़,
मिरे नामसे ज़ल ज़ाते हैं...!
                           क़तील शिफ़ाई

8097
अग़र नाम लेते हीं,
क़ोई शक़्स सामने ज़ाता हैं l
यक़ीन मान तू मेरी नज़रोंसे,
क़भी दूर होता हीं नहीं हैं ll

8098
मुझे अपना नाम,
ख़ासा पसंद नहीं था...
ज़ब तक़ तूने मुझे,
मेरे नामसे बुलाया नहीं था...!

8099
ये दिलक़ा बोझ,
एक़ पलमें हीं उतर ज़ाता हैं ;
ज़ब तेरा नाम,
मेरी ज़ुबांपर आता हैं ll

8100
ना तेरा नाम लेना छोड़ते हैं,
ना ख़ाते हैं तेरी क़भी झूठी क़सम...
फ़िर तूने क़ैसे क़ह दिया क़ी,
हम तुझे ख़ुदा नहीं मानते.......!

14 January 2022

8091 - 8095 दिल मोहब्बत ज़िंदग़ी राह पल नग़्मा अश्क अक़ेला क़दम ज़ख़्म तक़दीर क़सम नाम शायरी

 

8091
तुझे देख़े बिना,
इक़ पल भी क़टता नहीं...
अक़ेलेमें हथेलीपर,
तेरा नाम लिख़ लेते हैं...!

8092
राह--मोहब्बतमें मुसाफ़िर रुक़ा नहीं क़रते l
क़दम तो ग़िन सक़ते हैं पर ज़ख़्म ग़िना नहीं क़रते l
तक़दीर बनानेवाले तूने हद क़र दी l
तक़दीरमें क़िसी और क़ा नाम लिख़ा और,
दिलमें चाहत क़िसी और की भर दी ll

8093
नग़्मोंक़ी इब्तिदा थी,
क़भी मेरे नामसे...
अश्कोंक़ी इंतिहा हूँ,
मुझे याद क़ीज़िए.......
                   साग़र सिद्दीक़ी

8094
ज़िंदग़ी अबक़े मिरा,
नाम शामिल क़रना...
ग़र ये तय हैं क़ि,
यहीं ख़ेल दोबारा होग़ा...
वसी शाह

8095
हर रोज़ ख़ा ज़ाते थे,
वो क़सम मेरे नामक़ी...
आज़ पता चला क़ी जिंदग़ी,
धीरे धीरे ख़त्म क़्यूँ हो रहीं हैं...!

8086 - 8090 चेहरे मुस्क़ुराहट प्यार मंज़र ख़्वाब ताज़्ज़ुब ग़ुनाह क़रीब आशिक़ी नाम शायरी

 

8086
बाद तुम्हारे नामक़े,
वो अपना नाम लिख़ता हैं...
अब क़ोई ख़ुदक़ो तुम्हारे,
और क़रीब क़ोई क़्या क़रे...?

8087
ख़ुदासे ज़्यादा मैंने,
तेरा नाम लिया हैं...
क़्या प्यार क़रक़े,
क़ोई ग़ुनाह क़िया हैं...?

8088
तेरे नामसे ज़ानी ज़ाऊँ,
ऐसा क़ुछ हो ज़ाएँ...
मेरे ख़्वाबोंमें ही सहीं,
तेरा मेरा नाम ज़ुड़ ज़ाएँ...!

8089
ताज़्ज़ुब होग़ा ये ज़ानक़र तुझे,
तेरा नाम ही क़ाफी हैं...
मेरे चेहरेपर,
मुस्क़ुराहट लानेक़े लिए...

8090
क़्यों ना आशिक़ीक़ा,
ऐसा मंज़र क़िया ज़ाए...
क़ी ज़ब भी तेरा नाम आए,
संग़ मेरा नाम भी लिया ज़ाए...!!!

12 January 2022

8081 - 8085 मोहब्बत वफ़ा रौशनी क़ैद यार ग़ुनहग़ार सज़ा उम्र रात हक़ीक़त नाम शायरी

 

8081
मोहब्बत नाम हैं ज़िसक़ा,
वो ऐसी क़ैद हैं यारों...
क़ि उम्रें बीत ज़ाती हैं,
सज़ा पूरी नहीं होती.......

8082
क़िसने वफ़ाक़े नामपें,
धोक़ा दिया मुझे...
क़िससे क़हूँ क़ि मेरा,
ग़ुनहग़ार कौन हैं.......?
नज़ीब अहमद

8083
नामसे उसक़े,
पुक़ारूँ ख़ुदक़ो...
आज़ हैंरान ही क़र दूँ,
ख़ुद क़ो.......
                      नोमान शौक़

8084
मैं रौशनीपें ज़िंदग़ीक़ा,
नाम लिखक़े ग़या...
उसे मिटा मिटाक़े,
ये सियाह रात थक़ ग़ई...
नसीम अंसारी

8085
बरसोंसे तिरा ज़िक्र,
तिरा नाम नहीं हैं...
लेक़िन ये हक़ीक़त हैं क़ि,
आराम नहीं हैं.......
                         निसार इटावी

11 January 2022

8076 - 8080 सुबह शाम लत नशा लम्हा आँखें ज़बाँ दुनिया जिंदग़ी बात नाम शायरी

 

8076
छलक़े सुबह जो ज़ाम तेरे नामक़े,
तो फ़िर शामतक़ चले...
बाते बहुत हुई मग़र हर बातमें,
मेरे नामसे निक़ले तो तेरे नामतक़ चले...

8077
लत तेरी ही लग़ी हैं,
नशा सरेआम होग़ा...
हर लम्हा जिंदग़ीक़ा,
सिर्फ तेरे नाम होग़ा...!

8078
नाम तमाम हैं इस दुनियामें,
मग़र मेरे दिलक़ा क़ाम तमाम...
तेरे नाम आनेक़े,
बाद ही होता हैं.......

8079
ज़बाँपर तिरा नाम,
ज़ब आ ग़या...
तो ग़िरतेक़ो देख़ा,
सँभलते हुए...
हबीब मूसवी

8080
बैठता हूँ आज़ भी,
ज़ब तेरी यादें और ज़ाम लेक़र...
आँखें भर आती हैं मेरी,
तेरा नाम लेक़र.......

10 January 2022

8071 - 8075 ख़्वाहिश दिल धड़क़न वफ़ा सितम महफ़िल अज़ीब पैग़ाम लब चुभन नाम शायरी

 

8071
अज़ीबसी चुभन होती हैं,
ज़ब क़ोई आपक़ा नाम लेता हैं...
मेरे सिवा.......

8072
दिल दुख़ानेक़ा क़ाम छोड़ दो,
मेरे नाम क़ोई तो पैग़ाम छोड़ दो l
वफ़ा क़र नहीं सक़ते तो ना ही सहीं,
लेना महफ़िलमें मेरा नाम छोड़ दो ll

8073
क़र सितम ज़ितने भी मग़र...
इस दिलमें धड़क़न तेरे नामक़ी होग़ी l
अधूरी ख़्वाहिश तो बहुतसी हैं मग़र...
आख़िरी ख़्वाहिश तेरे दीदारक़ी होग़ी ll

8074
आज़ सोचा क़ी,
क़ुछ तेरे नामक़े सिवा सोचूँ...
तभीसे सोच रहा हूँ,
भला और क़्या सोचूँ.......!!!

8075
तू बता क़्यों ना ये दिल,
ज़लक़र ख़ाक़ हो ज़ायें...
अग़र क़िसी ग़ैरक़े लबोंपर,
तेरा नाम ज़ायें.......