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वज़ूदक़ी तलब ना क़र,
हक़ हैं तेरा l
रूहतक़ सफ़र तो क़र...
8392अपने इमानक़ी हिफ़ाज़त,ख़ुदसे हैं मुक़म्मल...रूहक़े मुआयनेक़े लिए,क़ोई आईना नहीं होता...ll
8393
क़िसीसे ज़ुदा होना,
इतना आसान होता तो...
रूहक़ो ज़िस्मसे लेने,
फ़रिश्ते नहीं आते.......
8394सिर्फ़ एहसास हैं,ये रूहसे महसूस क़रो lप्यारक़ो प्यार ही रहने दो,क़ोई नाम न दो ll
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रूह चाहती हैं,
तेरे आग़ोशमें समा ज़ाऊँ...
पलभरक़ो ग़ुफ़्तगू हो ज़ाऊँ और.
फ़िर सदियोंक़े लिए सो ज़ाऊँ.......