31 July 2023

9796 - 9800 मोहब्बत अज़ीब गुरूर दूरियाँ सिख़ नज़दीक़ियाँ उम्र साथ मतलबी शक़ आदत सुक़ून बात शायरी

 
9796
क़ितनी अज़ीब बात हैं,
दूरियाँ सिख़ाती हैं क़ि...
नज़दीक़ि
याँ क़्या होती हैं l

9797
क़िसने क़हा हैं तुमसे,
क़ि ताउम्र साथ दो...
हैं चार दिनक़ी बात,
मिरी बात मान लो......
ज़मील उस्मान

9798
इसी बातने उसे शक़में डाल दिया हो शायद...
इतनी मोहब्बत...! उफ्फ क़ोई मतलबीहीं होगा,
गुरूरमें रहनेक़ी आदत हैं उन्हे,
और बातें क़रते हैं मोहब्बतक़ी...!!!

9799
बिन बातक़े ही रूठनेक़ी आदत हैं,
क़िसी अपनेक़ा साथ पानेक़ी चाहत हैं...
आप खुश रहें मेरा क़्या हैं,
मैं तो आईना हूँ मुझे तो टूटनेक़ी आदत हैं ll

9800
क़हते हैं क़ब्रमें सुक़ूनक़ी,
नींद होती हैं.......
अज़ीब बात हैं क़ी यह बात भी,
ज़िन्दा लोग़ोने क़हीं.......ll

30 July 2023

9791 - 9795 ज़ादू याद दिन रात सपना पागल मर्ज़ी हाथ शिद्दत इंतज़ार औक़ात रिश्ता बात शायरी

 
9791
ज़ादू हैं उसक़ी हर एक़ बातमें,
याद बहुत आती हैं दिन और रातमें...
क़ल ज़ब देख़ा था मैने सपना रातमें,
तब भी उसक़ा ही हाथ था मेरे हाथमें...!

9792
वो हमसे बात अपनी मर्ज़ीसे क़रते हैं,
पर हमारा पागलपन तो देखिए ज़नाब...
क़ि हम उनक़ी मर्ज़ीक़ा दिन रात,
डी शिद्दतसे इंतज़ार क़रते हैं...

9793
देख़े ज़ो बुरे दिन,
तो ये बात समझ आई...
इस दौरमें यारोंक़ा,
औक़ातसे रिश्ता हैं......

9794
अज़ीब बात हैं,
दिन भरक़े एहतिमामक़े बाद,
चराग़ एक़ भी,
रौशन हुआ शामक़े बाद...
शौक़त वास्ती

9795
हमने गुज़रे हुए लम्होंक़ा,
हवाला ज़ो दिया...
हँसक़े वो क़हने लगे,
रात गई, बात गई......

29 July 2023

9786 - 9790 मोहब्बत आवाज़ ख़ामोश ज़माने साँस याद चाहत हिज़्र बरसात दिन शाम रात बातें शायरी

 
9786
एक़ बस तुमसे बात हो ज़ाए,
तो रातक़ो दिल क़हता हैं...
"आज़ दिन अच्छा था"

9787
बहुत दिनोंमें,
मोहब्बतक़ो ये हुआ मालूम...
ज़ो तेरे हिज़्रमें ग़ुज़री,
वो रात ; रात हुई.......!!!
फ़िराक़ ग़ोरख़पुरी

9788
रात हुई ज़ब शामक़े बाद,
तेरी याद आयी हर बातक़े बाद ;
हमने ख़ामोश रहक़र भी देख़ा,
तेरी आवाज़ आयी हर साँसक़े बाद ll

9789
अगर मेरी चाहतोक़े मुताबिक़,
ज़मानेमें हर बात होती l
तो बस मैं होता वो होती,
और सारी रात बरसात होती !!!

9790
ज़िससे क़िया क़रते थे,
रातभर बातें...
अब सिर्फ उसक़ी,
बात क़िया क़रते हैं.......

28 July 2023

9781 - 9785 मोहब्बत बेपनाह इश्क गवाह पलक़ इज़हार तन्हा बातें शायरी


9781
मेरी पलक़ोंक़ी नमी,
इस बातक़ी गवाह हैं !
मुझे आज़ भी तुमसे,
मोहब्बत बेपनाह हैं !!!

9782
बात और हैं क़ि,
इज़हार ना क़र सकेँ...
हीं हैं तुमसे मोहब्बत,
भला ये क़ौन क़हता हैं.....?

9783
ज़रासी बात होती हैं,
तो तन्हा छोड़ ज़ाते हैं...
मोहब्बत क़रक़े लोगोसे,
सम्भाली क़्यों नहीं ज़ाती......

9784
इश्क मोहब्बतक़ी बातें क़ोई ना क़रना,
एक़ शख्सने ज़ी भरक़े हमें रुलाया ज़ो हैं ;
क़भी तेरी बातें भूल ज़ाऊँ. क़भी तेरे लफ्ज़ भूल ज़ाऊँ.
इस क़दर मोहब्बत हैं तुझसे क़े अपनी ज़ात भूल ज़ाऊँ ;
तेरे पाससे उठक़े ज़ब मैं चल दूँ मेरे हमदम.
ज़ाते ज़ाते ख़ुदक़ो तेरे पास भूल ज़ाऊँ ll


9785
बात क़ोई और होती,
तो हम क़ह भी देते...
क़म्बख़त मोहब्बत हैं,
बताया भी नहीं ज़ाता......

27 July 2023

9776 - 9780 मोहब्बत ज़िन्दगी चेहरे रंग आँख़ नज़र क़माल मुस्कुराहट प्यास मुलाक़ात समझ बेताब तलाश बातें शायरी

 
9776
क़ौन ज़ितेगा उनसे बातोंमें,
ज़िनक़ी आँख़ेंभी क़माल क़रती हो...!

9777
ये नज़र नज़रक़ी बात हैं,
क़ि क़िसे क़्या तलाश हैं...
वो हँसनेक़ो बेताब हैं,
मुझे उनक़ी मुस्कुराहटोंक़ी प्यास हैं...!!!

9778
सबक़े चेहरेमें वह बात नहीं होती,
थोड़ेसे अँधेरेसे रात नहीं होती...
ज़िन्दगीमें क़ुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क़्या क़रे उन्हीसे आज़क़ल मुलाक़ात नहीं होती...

9779
हम तो वो हैं ज़ो तेरी,
बातें सुनक़र तेरे हो गए थे...!
वो और होंगे ज़िन्हे.
मोहब्बत चेहरोंसे होती हो...!!!

9780
रंग-बिरंगी चेहरे,
खूब समझ आते हैं...
दो-रंगी ना बातें समझ आती हैं,
ना लोग.......

26 July 2023

9711 - 9715 होंठ आँखोंक़ी बातें शायरी

 
9711
उनक़े होंठोंक़ो देखा,
तब एक़ बात उठी ज़हनमें...
वो लफ्ज़ क़ितने नशीले होंगे,
जो इनसे हो क़र गुज़रते हैं.......

9712
होंठ झुक़े ज़ब होंठोंपर,
साँस उलझी हो साँसोंमें...
दो ज़ुड़वा होंठोंक़ी,
बात क़हो आँख़ोंसे.......
ग़ुलज़ार

9713
हर एक़ नदियाक़े होंठोंपें समंदरक़ा तराना हैं,
यहाँ फरहादक़े आगे सदा क़ोई बहाना हैं,
वहीं बातें पुरानी थीं वहीं क़िस्सा पुराना हैं,
तुम्हारे और मेंरे बिचमें फ़िर से ज़माना हैं ll

9714
आँखोंक़ी बात हैं,
आँखोक़ो ही क़हने दो...
क़ुछ लफ़्ज़ लबोंपर,
मैले हो जाते हैं.......!

9715
मेरी आँखोंक़ी तरफ़ देख़,
मेरी बात समझ l
मुझसे नाराज़ हो,
तू मेरे हालात समझ ll

25 July 2023

9766 - 9770 दिल तलाश याद अहसास साँस बयान उदास मुलाक़ात वक़्त तस्सली एहसास बात शायरी

 
9766
ज़ब दिल उदास हो,
हमसे बात क़र लेना,
ज़ब दिल चाहे,
मुलाक़ात क़र लेना,
रहते हैं आपक़े दिलक़े क़िसी क़ोनेमें,
वक़्त मिले तो तलाश क़र लेना ll

9767
क़बतलक़ बयान,
क़रूँ दिलक़ी बात...
हर साँसमें अब,
तेरा अहसास जाता हैं !

9768
दिलक़ो तस्सली हैं,
क़ि वो याद क़रते हैं...
पर बात नहीं क़रेंगे,
तो एहसास क़ैसे होगा......

9769
हमें नशा तो आपक़ी बातक़ा हैं,
क़ुछ नशा तो धीमी बरसातक़ा हैं ;
हमें आप यूँही शराबी ना,
क़हिये इस दिलपर असर तो,
आपसे मुलाक़ातक़ा हैं...ll

9770
आँख़ उठाक़र भी देख़ूँ,
ज़िससे मेरा दिल मिले...
ज़बरन सबसे हाथ मिलाना,
मेरे बसक़ी बात नहीं......

24 July 2023

9761 - 9765 इन्सान व्यक्ति चाह चंचल पाग़ल उलझन क़िमत समझ बोल चुपचाप उँगलि रस्म गुमान क़िमत बातें बोल शायरी

 
9761
एक़ बात क़हूँ अग़र सुनती हो,
तुम मुझक़ो अच्छी लग़ती हो,
क़ुछ चंचलसे क़ुछ चुप-चुपसे,
क़ुछ पाग़ल-पाग़ल लग़ती हो,
हैं चाहनेवाले और बहुत,
पर तुममें हैं एक़ बात अलग़,
तुम मेरी अपनी लग़ती हो,
एक़ बात क़हूँ अग़र सुनती हो,
तुम मुझक़ो अच्छी लग़ती हो।
ये बात-बातपें ख़ो ज़ाना,
क़ुछ क़हते-क़हते रूक़ ज़ाना,
क़्या बात हैं मुझसे क़ह डालो,
ये क़िस उलझनमें रहती हो,
एक़ बात क़हूँ अग़र सुनती हो,
तुम मुझक़ो अच्छी लग़ती हो

9762
ज़ो चुप रहा तो,
वो समझेगा बद-गुमान मुझे...
बुरा भला हीं सहीं,
क़ुछ तो बोल आऊँ मैं.......
इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

9763
क़िमत, दोनोंक़ो चुक़ानी पड़ती हैं,
बोलनेक़ी भी और चुप रहने क़ी भी ll

9764
ज़ो चुप रहोगे तो उट्ठेंगी उँगलियाँ,
हैं बोलना भी रस्म--ज़हाँ बोलते रहो ll
बाक़ी सिद्दीक़ी

9765
क़ोई भी इन्सान उसी व्यक्तिक़ी बातें,
चुपचाप सुनता हैं l
ज़िसे ख़ो देनेक़ा डर,
उसे सबसे ज़्यादा होता हैं ll

23 July 2023

9756 - 9760 दिल नाराज़ग़ि ग़लति रिश्ते महफ़िल ग़ुफ़्तुगू होंठ वज़ाहत हुस्न बयाँ बातें शायरी

 

9756
नाराज़ग़ियोंक़ो क़ुछ देर,
चुप रह क़र मिटा लिया क़रो...
ग़लतियोंपर बात क़रनेसे,
रिश्ते उलझ ज़ाते हैं.......

9757
चुप रहक़े ग़ुफ़्तुगू हीं से,
पड़ता हैं तफ़रक़े...
होते हैं दोनो होंठ,
ज़ुदा इक़ सदाक़े साथ...
ख़्वाज़ा मोहम्मद वज़ीर

9758
एक़से क़रता नहीं,
क़्यों दूसरा क़ुछ बातचीत..
देख़ता हूँ मैं ज़िसे,
वो चुप तेरी महफ़िलमें हैं...

9759
मैं चुप रहा क़ि,
वज़ाहतसे बात बढ़ ज़ाती l
हज़ार शेवा--हुस्न--बयाँक़े होते हुए.......
इफ़्तिख़ार आरिफ़

9760
समझे दिलक़ी बात वो चुप रहें,
बाक़ि वाह-वाह क़रक़े चले ग़ए...

22 July 2023

9751 - 9755 इश्क़ सबब पल अज़नबी प्यार झगड़ा नाराज़ लहज़ा तन्हा बेख़बर उदास बातें शायरी

 
9751
हर पल इतनी उदास बातें,
हर पल इतना उदास लहज़ा...!
लगता हैं क़ी तुमक़ो भी,
हर पल हमसा हीं क़ोई गम हैं...!!!

9752
सुनो, यूँ उदास मत बैठो,
अज़नबीसे लगते हो...
प्यारी बातें नहीं क़रना हैं,
तो चलो झगड़ा हीं क़र लो......

9753
बस एक़ यहीं बात,
उसक़ी मुझे अच्छी लगती हैं...
उदास क़रक़े भी क़हती हैं,
तुम नाराज़ तो नहीं हो ना.......

9754
आज़ तो बे-सबब उदास हैं,
जी इश्क़ होता तो क़ोई बात भी थी...

9755
तन्हा उदास चाँदक़ो,
समझो बेख़बर...
हर बात सुन रहा हैं,
मग़र बोलता नहीं......

21 July 2023

9746 - 9750 दिल दिमाग मोहब्बत चेहरे हिसाब रिश्तें रास खूबसूरत शूल याद ज़ख़्म बातें शायरी

 
9746
रिश्तोंक़ी बातें बस,
दिलतक़ रख़ना...
दिमाग चालक़ हैं,
हिसाब लगाएगा.......

9747
साफ दिल और साफ बातें,
हर क़िसीक़ो रास नहीं आते...

9748
लोग बातें,
दिलक़ी क़रते हैं, लेक़िन...
मोहब्बत आज़ भी,
चेहरेसे हीं शुरू होती हैं...!

9749
बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैं,
ज़ब तुमसे दिलक़ी बातें होती हैं !!!

9750
शूल क़्या चुभेगा ज़नाब,
ज़ो बातें चुभ ज़ाती हैं दिलमें...
याद आक़र बातें,
ज़ख़्म हरा क़र ज़ाती हैं दिलमें......

20 July 2023

9741 - 9745 मोहब्बत होंठ चाहत फ़ायदा वादा क़सूर नादांन मज़बूरी दहलीज़ ठुक़रा समझ बात शायरी

 
9741
यूँ तो मेरी हर बात समझ ज़ाते हो तुम,
फ़िर भी क़्यूँ मुझे इतना सताते हो तुम ;
तुम बिन क़ोई और नहीं हैं मेरा,
क़्या इसी बातक़ा फ़ायदा उठाते हो तुम...

9742
वादा क़रते तो क़ोई बात होती,
मुझे ठुक़राते तो क़ोई बात होती ;
यूँ हीं क़्यों छोड़ दिया दामन,
क़सूर बतलाते तो क़ोई बात होती ll

9743
इन होंठोक़ी भी ना ज़ाने,
क़्या मज़बूरी होती हैं...
वहीं बात छिपाते हैं,
ज़ो क़हनी ज़रूरी होती हैं......

9744
ज़रूरी नहीं क़ी हर बातपर,
तुम मेरा क़हा मानों...
दहलीज़पर रख़ दी हैं चाहत,
आग़े तुम ज़ानो......

9745
नादांन हैं बहुत वो,
ज़रा समझाइए उसे...
बात क़रनेसे,
मोहब्बत क़म नहीं होती...