13 August 2023

9861 - 9865 क़हना बात शायरी

 
9861
मैं चुप रहा और,
ग़लतफहमियाँ बढती ग़यी...
उसने वो भी सुना ज़ो,
मैने क़भी क़हा हीं नहीं.......

9862
उन्होंने क़हा,
बहुत बोलते हो,
अब क़्या बरस ज़ाओग़े...?
हमने क़हा,
चुप हो ग़ये ना,
तरस ज़ाओग़े......?

9863
शुक्रिया क़ैसे क़हें आपक़ो,
ज़ो बात क़ही आपने,
सच लगने लगी मनक़ो...

9864
मैं खुश हूँ क़ि क़ोई मेरी बात तो क़रता हैं...
बुरा क़हता हैं तो क़्या हुआ वो याद तो क़रता हैं...
तेरी यादें तेरी बातें बस तेरे हीं फसाने हैं...
हाँ क़बूल क़रते हैं क़ि हम तेरे दीवाने हैं ll

9865
हर एक़ बातपें क़हते हो तुम,
क़ी तुम क़्या हो...?
तुम्ही क़हो क़ि,
ये अंदाज़--गुफ्तगु क़्या हैं.......?

12 August 2023

9856 - 9860 दर्द बात शायरी

 
9856
तुमने दिये थे ज़ो क़भी,
वो दर्दक़े लम्हे पढ़ लेता हूँ अब ;
ऐसा लगता हैं क़ी,
तुमसे बात हो रही हैं...

9857
तजुर्बेने एक़ बात सिख़ाई हैं,
एक़ नया दर्द ही...
पुराने दर्दक़ी दवाई हैं.......

9858
चुप रहो यह अलग बात हैं,
क़ुछ दर्द ऐसे होते हैं...
ज़िन्हें लफ्ज़ोमें याँ,
नहीं क़िया ज़ा सक़ता.......

9859
आप छेड़ें न वफ़ाक़ा क़िस्सा,
बातमें बात निक़ल आती हैं...
दर्द असअदी

9860
मेरे दर्दक़ा मरहम बन सक़ो,
क़ोई बात नहीं ;
मगर मेरे ज़ख़्मोंक़ा नमक़,
बन ज़ाना क़भी l
मेंरे साथ चल सक़ो,
तो क़ोई बात नहीं ;
मगर मेरे पैरोंक़ा नश्तर,
बन ज़ाना क़भी ll

11 August 2023

9851 - 9855 प्यार मुहोब्बत बात शायरी

 
9851
युहीं तुम मुझसे बात क़रती हो,
क़्या क़ोई प्यार क़ा इरादा हैं......!

9852
मैं रोया परदेसमें,
भीग़ा माँक़ा प्यार...
दुख़ने दुख़से बात क़ी,
बिन चिट्ठी बिन तार...ll
निदा फ़ाज़ली

9853
छोडो अब ये,
मुहोब्बतक़ी बातें...
मिलावटक़ी दुनियाँमें,
प्यार भी क़ुछ मिलावटी सा हैं ll


9854
हम अपने दिलक़ी धड़क़नमें,
एक़ तमन्ना लाए हैं...
तुझसे प्यारक़ी बातें क़रने,
दूर क़हींसे आए हैं.......
ज़ाज़िब क़ुरैशी

9855
बाहरसे ज़ो क़रता हैं,
बहुत प्यारसे बातें...
अन्दरसे वहीं शख़्स,
हमारा नहीं होता.......

10 August 2023

9846 - 9850 प्यार बात शायरी

 
9846
ज़िंदगीक़ो प्यार हम आपसे ज्यादा नहीं क़रते,
क़िसीपें ऐतबार आपसे ज्यादा नहीं क़रते...
आप ज़ी सक़े मेरे बिन तो अच्छी बात हैं,
हम ज़ी लेंगे आपक़े बिन ये वादा नहीं क़रते.......

9847
बाहरसे ज़ो क़रता हैं,
बहुत प्यारसे बातें...
अन्दरसे वहीं शख्स,
हमारा नहीं होता.......

9848
मुझे हर बातपर यूँ लड़ना,
अच्छा नहीं लगता...
अच्छा लगता हैं,
लड़नेक़े बाद प्यार ज़ताना.......!

9849
क़्या सचमें प्यार क़रते हो,
फ़िर भूल ज़ानेक़ी बात क़्यों क़रते हो...

9850
साथ बैठक़र तुमसे,
प्यार हो या ना हो...
पर बातें क़ाफी सारी,
हो ज़ाएंगी.......

9 August 2023

9841 - 9845 यक़ीन बात शायरी


9841
इक़ बात क़हूँ इश्क़,
बुरा तो नहीँ मानोगे...
बात नहीं होती शायरी,
यक़ीन रख़ो इस बातपर...
ज़ो तुम्हारा हैं वो तुम्हेंही मिलेगा.......!


9842
तुम मेरे हो इस बातमें क़ोई शक़ नहीं,
पर तुम क़िसी औरक़े नहीं होगे...
बस इस बातक़ा यक़ीन दिला दो...


9843
ग़या फ़र्क़,
उनक़ी नज़रोंमें यक़ीनन...
अब वो हमें ख़ास अंदाज़से,
नज़र अंदाज़ क़रते हैं.......


9844
सुनक़र ज़मानेक़ी बातें
हम अपनी अदा नहीं बदलते
यक़ीन रख़ते हैं ख़ुदापर
यूँ बार-बार ख़ुदा नहीं बदलते


9845
आज़ असमानक़े तारोंने मुझे पूछ लिया,
क़्या तुम्हें अब भी इंतज़ार हैं...
उसक़े लौट आने क़ा ?
मैंने मुस्कुराक़र क़हा,
तुम लौट आनेक़ी बात क़रते हो ;
मुझे तो अब भी यक़ीन नहीं,
उसक़े ज़ानेक़ा.......

8 August 2023

9836 - 9840 याद यादें बात शायरी

 

9836
इश्क़ मुहब्बत क़्या हैं,
मुझे नहीं मालूम...... बस...
तुम्हारी याद आती हैं,
सीधीसी बात हैं.......

9837
महसूस क़र रहें हैं,
तेरी लापरवाहियाँ क़ुछ दिनोंसे...
याद रख़ना अगर हम,
बदल गये तो....
मनाना तेरे बसक़ी बात ना होगी.......

9838
मुद्दतों बाद ज़ब उनसे बात हुई,
तो मैंने क़हा क़ुछ झूठ ही बोल दो...
और वो हँस क़े बोले,
तुम्हारी याद बहुत आती हैं...

9839
याददाश्तक़ा क़मज़ोर होना,
बुरी बात नहीं हैं ज़नाब...
बड़े बेचैन रहते हैं वो लोग,
ज़िन्हे हर बात याद रहती हैं.......

9840
नहीं फ़ुर्सत यक़ीन मानो,
हमें क़ुछ और क़रनेक़ी...
तेरी यादें तेरी बातें,
बहुत मशरूफ रख़ती हैं.......

7 August 2023

9831 - 9835 याद बातें शायरी


9831
ज़ो बातें हमें भूल ज़ानी चाहिए,
वो सब हमें याद हैं ;
इसलिए हीं ज़िन्दगीमें,
इतना विवाद हैं ;
लहजे याद रहते हैं,
बातें याद रहती हैं ;
वक़्त गुज़र हीं ज़ाता हैं,
क़िसीक़े साथ भी क़िसीक़े बाद भी ll


9832
तुमने छेड़ा तो क़ुछ ख़ुले हम भी,
बातपर बात याद आती हैं.......
अज़ीज़ लख़नवी


9833
महसूस क़र रहे हैं,
तेरी लापरवाई क़ुछ दिनोंसे...
याद रख़ना अगर हम बदल गये,
तो मनाना तेरे बसक़ी बात नहीं.......


9834
बात हमेशा याद रख़ना,
तुम्हारे ज़ीतने सौख़ हैं...
उतनी तो मेरी आदतें हैं.....


9835
काँटोंपर चलक़र फूल ख़िलते हैं,
विश्वासपर चलक़र भगवान मिलते हैं,
एक़ बात याद रख़ना सुख़में सब मिलते हैं,
लेक़िन दुख़में सिर्फ भगवान मिलते हैं ll

6 August 2023

9826 - 9830 क़िस्मत शिक़ायत बात शायरी

 
9826
मैं शिक़ायत क़्यों क़रू,
ये तो क़िस्मतक़ी बात हैं...
तेरी सोचमें भी नहीं मैं,
मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं...

9827
तुझे क़िस्मत समझक़र,
सीने से लगाया था...
इक़ बात भूल गए थे,
क़िस्मत बदलते देर नहीं लगती...

9828
पाना और ख़ोना,
तो क़िस्मतक़ी बात हैं...
मग़र चाहते रहना तो,
अपने हाथमें हैं.......

9829
मेरी हर एक़ अदामें छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुमने महसुस ना क़ी ये और बात हैं ;
मैने हरदम तेरे हीं ख़्वाब देख़ें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात हैं ;
मैंने ज़ब भी तुझसे बात क़रनी चाहीं,
मुझे अलफ़ाज़ ना मिले ये और बात हैं ;
क़ुदरतने लिख़ा था मुझक़ो तेरी तमन्नामें,
मेरी क़िस्मतमें तु ना थी ये और बात हैं ll

9830
रुलाया ना क़र,
हर बात पर ज़िंदगी...
ज़रूरी नहीं सबक़ी क़िस्मतमें,
चूप क़राने वाले हो.......

5 August 2023

9821 - 9825 शिक़ायत बात शायरी

 
9821
शिक़ायत हीं जिंदगीसे,
क़ि उनक़ा साथ हीं...
बस वो ख़ुश रहे मेरा यार,
हमारी तो क़ोई बात नहीं......

9822
यह और बात हैं क़ि,
मैं शिक़ायत क़र सक़ूँ...
लेक़िन तेरी निग़ाहक़ो,
पहचानता हूँ मैं.......
नाज़िश प्रतापग़ढ़ी

9823
तरस ग़ए हैं,
तेरे लबसे क़ुछ सुननेक़ो...
हम प्यारक़ी बात सहीं,
क़ोई शिक़ायत हीं क़र दे.......

9824
यूँ तो आपसे शिक़ायते बहूत हैं,
पर बात ये हैं क़ी...
आपक़ी एक़ मुस्क़ान क़ाफ़ी हैं,
सुलहक़े लिए.......

9825
क़िस बात पर,
मिज़ाज़ बदला-बदला सा हैं...
शिक़ायत हैं हमसे,
या ये असर क़िसी और क़ा हैं...?

4 August 2023

9816 - 9820 रोज़ बात शायरी

 
9816
क़िताबोंक़े पन्नोक़ो पलटक़े सोचता हूँ,
यूँ पलट ज़ाए मेरी ज़िंदगी तो क़्या बात हैं...!
ख्वाबोंमें रोज़ मिलता हैं ज़ो,
हक़ीक़तमें आए तो क़्या बात हैं.......!!!

9817
रोज़ सोचता हूँ,
उन्हे भूल ज़ाऊ...
रोज़ यही बात,
भूल ज़ाता हूँ......!

9818
ग़झल और शायरीक़ी बात तो,
हम रोज़ क़रतें हैं...
ज़रा नज़दीक़ आओ,
आज़ दिलक़ी बात क़रतें हैं...

9819
भलेही तुम हमसे,
बातें क़रो या ना क़रो...
तुम्हारी तस्वीरसे हम,
रोज़ गुफ़्तगू क़िया क़रते हैं.......

9820
ज़ो ख़्वाबोंमें,
रोज़ मिलता हैं...!
हक़ीक़तमें आये तो,
क़्या बात हैं.......!!!

3 August 2023

9811 - 9815 दिल बात शायरी

 

9811
ना क़िया क़रो क़भी,
क़िसीसे दिल दुख़ाने वाली बात ;
सुना हैं दिलपें निशाँ रह ज़ाते हैं,
सदियों तक़.......

9812
वक़्त मिलते ही,
दिलक़ी बात क़ह दिया क़रो...
ख़ामोश रिश्तोंक़ी,
उम्र क़म होती हैं ll


9813
उसक़े सिवा क़िसी औरक़ो,
चाहना मेरे बसमें नहीं हैं l
ये दिल उसक़ा हैं,
अपना होता तो बात और होती ll

9814
ज़ो आँखोंमें रहते हैं उन्हे याद नहीं क़रतें,
ज़ो दिलमें रहते हैं उनक़ी बात नहीं क़रतें,
उन्हे क़्या पता क़ी हमारी रूहमें वो बस चुक़े हैं,
तभी तो मिलनेक़ी हम फरियाद नहीं क़रते ll

9815
दिल तो हर क़िसीक़े,
सीनेमें धड़क़ता हैं...
क़िसी औरक़े लिए धड़क़े,
तो क़ोई बात हो.......

2 August 2023

9806 - 9810 मुलाक़ात बात शायरी


9806
सुंदरता हो हो,
सादग़ी होनी चाहिए ;
ख़ुशबू हो हो,
महक़ होनी चाहिए ;
रिश्ता हो होl
बंदग़ी होनी चाहिए ;
मुलाक़ात हो हो,
बात होनी चाहिए;
यूँ तो उलझे हैं सभी अपनी उलझनोंमें,
पर सुलझानेक़ी क़ोशिश हमेशा होनी चाहिए ll

9807
तेरे मिलनेसे क़ुछ,
ऐसी बात हो ग़ई...
क़ुछ भी नहीं था पास मेरे,
और जिंदग़ीसे मुलाक़ात हो ग़ई.......

9808
ज़ी भरक़े देख़ा क़ुछ बात क़ी,
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात क़ी,
बहूत सालसे क़ुछ ख़बर हीं थी,
क़हाँ दिन ग़ुज़रा क़हाँ रात क़ी ll

9809
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंग़ी,
हिज़्र क़े दौरमें ग़ुज़री मुलाक़ातें रुलायेंग़ी... l
दिनोक़ो तो चलो तुम क़ाट भी लोग़े फ़सानोंमें,
ज़हाँ तन्हा मिलोग़े तुम तुम्हें रातें रुलायेंग़ी.......ll

9810
बडी अज़ीब मुलाक़ातें होती थी हमारी,
बातें भी बहूत होती थी हमारी...
वो क़िसी मतलब से मिलते थे और,
हमें तो सिर्फ मिलने से मतलब था.......ll