30 July 2017

1586 - 1590 इश्क़ प्यार मोहब्बत ज़िंदगी चेहरे हंसी ग़म काश राज इंतज़ार सुबह हसीन वक़्त ऐतबार शायरी


1586
चेहरेकी हंसीसे ग़मको भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो,
खुद ना रुठोंपर सबको हँसा दो,
यहीं राज हैं ज़िंदगीका,
कि जियो और जीना सिखा दो…..

1587
तुम क्या हो, मेरे कुछ हो,
या कुछ भी नहीं, मगर..
मेरी ज़िन्दगीकी 'काश' में,
एक 'काश' तुम भी हो…

1588
अगर उनसे ना मिलते
तो शायद...!
ये राज़ ही रह जाता,
कि मोहब्बत कैसी होती हैं...!

1589
हमने भी जी हैं
ज़िन्दगी यारों !
इश्क़ होनेसे
इश्क़ खोने तक.......

1590
ज़िन्दगी हसीन हैं ज़िन्दगीसे प्यार करो,
हैं रात तो सुबहका इंतज़ार करो l
वोह पल भी आयेगा जिसका इंतज़ार हैं आपको,
बस रबपर भरोसा और वक़्तपर ऐतबार करो ll

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