24 July 2017

1561 - 1565 मोहब्बत ज़िन्दगीकी हकीकत परवाह ताना लहरें तुफान कश्ती काम जमाना ख़ुशी दर्द अकेले शायरी


1561
मत परवाह कर उनकी, जो आज देते हैं ताना,
झुका देंगे ये सर, जब आएगा तेरा जमाना,
लहरें बन जाए तुफान, कश्तीका काम हैं बहना,
कुछ तो लोग कहेंगे लोगोंका काम हैं कहना !!!

1562
ज़िन्दगीकी हकीकतको
बस इतना जाना हैं;
दर्दमें अकेले हैं और
ख़ुशीमें जमाना हैं...!

1563
रंग तेरी मोहब्बतका
उतर न पाया अबतक,
लाख बार खुदको
आँसुओंसे धोया हमने !!!

1564
"कभी उसको नजरअंदाज न करो,
जो तुम्हारी बहुत परवाह करता हो,
वरना किसी दिन तुम्हें एहसास होगा,
के पत्थर जमा करते करते तुमने हीरा गवा दिया हैं..."

1565
चुप रहना ही बेहतर हैं,
ज़मानेके हिसाबसे दोस्तों,
धोकाखा जाते हैं अक्सर...,
ज्यादा बोलने वाले !

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