6301
रौशनी रौशनी सही,
तीरगीमें भी नूर होता हैं...
रूहे एहसास हो लतीफ तो,
हर खलिशमें सरूर मिलता हैं...
6302
एहसासोंके
पांव नहीं होते l
फिर भी दिल
तक,
पहुंच ही जाते
हैं.......ll
6303
जो बिन कहें सून ले,
वो दिलके बेहद करीब होते हैं l
ऐसे नाज़ुक एहसास,
बड़े नसीबसे नसीब होते हैं ll
6304
इसी लिए हमें,
एहसास-ए-जुर्म
हैं शायद...
अभी हमारी मोहब्बत,
नई नई हैं
ना...
अफ़ज़ल ख़ान
6305
फासलोंका एहसास तब हुआ,
जब मैंने कहा ठीक हूँ और...
उसने मान लिया.......
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