6331
सरफरोशीकी तमन्ना, अब हमारे दिलमें हैं ।
देखना हैं जोर कितना, बाजुए कातिलमें हैं ।।
वक्त आने दे, बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ ।
हम अभी से क्या बताएँ, क्या हमारे दिलमें हैं ।।
राम प्रसाद बिस्मिल
6332
कस ली हैं
कमर अब तो,
कुछ करके दिखाएँगे;
आज़ाद ही हो
लेंगे,
या सर ही
कटा देंगे ।।
अशफ़ाक उल्ला खाँ
6333
मेरी नज़रोंको ऐसी खुदाई दे,
जिधर भी देखूँ मेरा वतन दिखाई दे !
राहत इंदौरी
6334
जब शहीदोंकी डोली उठे
धूमसे,
देशवालों
तुम आँसू बहाना
नहीं ।
पर मनाओ जब
आज़ाद भारतका दिन,
उस घड़ी तुम
हमें भूल जाना
नहीं ।।
शहीद भगत सिंह
6335
नृत्य करेगी रण प्रांगणमें,
फिर-फिर खंग हमारी आज,
अरि शिर गिराकर यही कहेंगे,
भारत भूमि तुम्हारी आज ।।
अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद
No comments:
Post a Comment